हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग के तमाम अलर्ट और निगरानी के बावजूद भी गर्भ में बेटियां मारने की घटनाएं रुक नहीं रही हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा दी है, जिसमें तीन महीने में 1154 गर्भवती महिलाओं के एबॉर्शन कराने की बात सामने आई है। स्वास्थ्य विभाग को शक है कि इनमें से ज्यादातर मामलों में भ्रूण में बेटी होने के कारण गर्भपात कराया गया है। ये घटनाएं उस समय और भी गंभीर हो जाती हैं जब यह सामने आता है कि सरकार ने इन महिलाओं पर निगरानी के लिए जिन आशा वर्करों को तैनात किया था, वे अपनी जिम्मेदारी में चूक गईं। 56 आशा वर्करों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इनका काम था कि वे इन गर्भवती महिलाओं के संपर्क में रहें और उन्हें ‘सहेली’ की तरह समझाएं और मॉनिटर करें। लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग को लग रहा है कि कहीं न कहीं मॉनिटरिंग में बड़ी चूक हुई है। रिपोर्ट सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अब अलर्ट मोड पर आ गया है। अधिकारियों का कहना है कि अब हर गर्भवती महिला की निगरानी और ज़्यादा सख्ती से की जाएगी और जरूरत पड़ी तो पुलिस व कानून की मदद भी ली जाएगी। बढ़ सकता है ऐसी महिलाओं का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग को अपने पुष्ट सूत्रों से ऐसी रिपोर्ट प्राप्त हुई है कि जिन गर्भवतियों द्वारा गर्भपात करवाने के आंकड़े विभाग को उपलब्ध कराए गए है, वे सही नहीं है। कहीं न कहीं ये आंकड़ा उससे भी अधिक है। क्योंकि आशा वर्करों द्वारा दी गई जानकारी और सूत्रों से मिली रिपोर्ट में भी काफी अंतर देखने को मिला है। लिहाजा विभाग की एक टीम अब इस पर भी गुपचुप तरीके से काम कर रही है ताकि सही आंकड़े के साथ कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा सके। अब मुख्यालय से रखी जाएगी नजर इस खुलासे के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। आशा वर्करों की इस लापरवाही के बाद अब विभाग ऐसे मामलों पर नजर रखने के लिए मुख्यालय की टीमों को अलर्ट कर दिया है। अब ये टीमें प्रदेश भर में ऐसी महिलाओं पर नजर रखेंगी जो पहले से ही एक या दो बेटियों की मां हैं। रिवर्स ट्रैकिंग करा रहा विभाग स्वास्थ्य विभाग अब विभाग गर्भवतियों द्वारा गर्भपात करवाने के मामले से जुड़ी रिवर्स ट्रैकिंग के नियमों को भी सख्त बनाने में जुटा हुआ है ताकि मुख्यालय से ही समूचे प्रदेश की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। यही नहीं अब इस मामले में संबंधित सीएमओ की भी जवाब देही सुनिश्चित करने पर विचार चल रहा है। अभी विभाग गर्भपात करवाने आली महिलाओं की रिवर्स ट्रैकिंग के दौर से गुजर रहा है। हालांकि इन नियमों को अधिक सख्त बनाने के बाद इस पर अलग से काम किया जाएगा। मगर पहले फेज में विभाग ने रिवर्स ट्रैकिंग का काम शुरू कर दिया है। केस हिस्ट्री खंगाल रहा विभाग रिवर्स ट्रैकिंग के दौरान यदि गर्भपात करवाने वाली महिला की केस हिस्ट्री लेकर उसके अनुसार कार्यवाही की जा सके। अगर किसी भी स्टेज पर महिला की गलती पाई जाती है तो विभाग उसे नोटिस जारी करके अपनी जांच में शामिल करेगा। संतोषजनक जवाब. या संबंधित दस्तावेज न मिलने पर कानूनी कार्रवाई तक हो सकती है।