साली से अवैध संबंध, साढ़ू की हत्या:पांच नाबालिग स्टूडेंट्स के साथ मिलकर मर्डर, सिर पर सरिए से वार, फिर रेता गला, पार्ट-2

साली से अवैध संबंध, साढ़ू की हत्या:पांच नाबालिग स्टूडेंट्स के साथ मिलकर मर्डर, सिर पर सरिए से वार, फिर रेता गला, पार्ट-2
राजस्थान क्राइम फाइल्स के पार्ट–1 में आपने पढ़ा कि 6 साल पहले 10 दिसंबर 2020 को लोहावट के पीलवा जालोड़ा गांव में एक सरकारी स्कूल में कार्यरत एलडीसी की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। एलडीसी स्कूल की स्टेशनरी लेने के लिए फलोदी गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा। इस पर परिजन थाने पहुंचे। पुलिस ने एलडीसी की लोकेशन सर्च की। लोकेशन जालोड़ा गांव के पास मिली। लोकेशन के आधार पर रात में परिजनों ने एलडीसी सहदेव सिंह की तलाश की। अंधेरे के कारण कुछ पता नहीं चला। परिजन वहां से लौट गए दूसरे दिन फिर लौटे तो नहर के पास एक बाइक मिली। कुछ ही दूरी पर सहदेव सिंह का शव लहूलुहान हालत में पड़ा था। हत्या की सूचना मिलते ही आस-पास के क्षेत्र से ग्रामीण घटना स्थल पर पहुंचे। हत्यारे को पकड़ने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। परिजनों से शव उठाने से इंकार किया। ऐसे में पुलिस पर जल्द से जल्द केस सॉल्व करने का दबाव था। अब पढ़िए आगे की कहानी… तत्कालीन लोहावट थानाधिकारी और वर्तमान में देसूरी थानाधिकारी हरि सिंह राजपुरोहित ने बताया कि इस ब्लाइंड मर्डर का कोई क्लू नहीं मिल रहा था। ऐसे में सबसे पहले घर में जांच की। घर वालों से पूछताछ की। परिवार में भाइयों में आपस में अच्छी बनती थी। ऐसे में कोई जमीन-जायदाद का भी कोई मामला नहीं था। दोस्तों में भी पूछताछ की, इसमें भी किसी से कोई दुश्मनी की बात सामने नहीं आई। इसके बाद जब और गहराई से जांच की तो मृतक सहदेव की पत्नी जयाकंवर संदेह के दायरे में आई। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो हत्या की पूरी कहानी सामने आ गई। हरिसिंह ने बताया कि सहदेव की हत्या की साजिश उसकी पत्नी और उसके साढू फतेहगढ देचू निवासी भगवानसिंह पुत्र खेतसिंह ने रची थी। भगवानसिंह के अपनी बड़ी साली यानी सहदेव सिंह की पत्नी जयाकंवर के साथ अवैध संबंध थे। सहदेव उन दोनों के बीच रोड़ा बन रहा था। ऐसे में भगवान सिंह ने अपने साढ़ू सहदेव की हत्या करा दी। इस कार्य में उसने स्कूल के पांच नाबालिग छात्रों का सहयोग लिया था। स्कूल के छात्रों को किया शामिल भगवान सिंह आसरलाई के देवराज उच्च माध्यमिक विद्यालय में पार्ट टाइम में छात्रों को राजनीति विज्ञान पढ़ाता था। उसने सहदेव को मारने के लिए इस स्कूल के पांच छात्रों को साथ लिया। 10 दिसंबर को तीन बाइकों पर भगवान सिंह सहित पांच छात्र फलोदी से लेकर जालोड़ा तक मौजूद थे। दोपहर में सहदेव सिंह स्कूल से स्टेशनरी लेने के लिए फलोदी निकला था। वह शाम करीब 5 बजे फलोदी से वापस लौट रहा था। इधर, भगवान सिंह एक छात्र के साथ घटना स्थल पर सहदेव का इंतजार कर रहा था। दो-दो की टीम में चार छात्रों को रेकी के लिए आगे भेजा। जब सहदेव फलोदी से लौट रहा था तब स्कूल के छात्र ने भगवान सिंह को फोन पर सूचना दे दी। इसके बाद वो छात्र भी सहदेव की बाइक का पीछा करते हुए घटना स्थल पर पहुंच गए। एसीबी का डर दिखा कर रुकवाया सहदेव को रास्ते में भगवानसिंह मिला। वह पहले से ही सहदेव का इंतजार कर रहा था। उसने सहदेव को रोका और कहा कि स्कूल में एसीबी की रेड पड़ी है। एसीबी यह जांच कर रही है कि यह स्टेशनरी भी बिना डिमांड के लाई जा रही है। इस पर सहदेव डर गया और नहर किनारे दोनों झाडियों के पीछे बैठ गए। भगवान सिंह जैसे ही सहदेव को झाड़ियों के पीछे ले गया तब दो छात्रों ने पीछे से सरिये से सिर पर वार किया। ऐसे हुआ शक हत्या के दौरान जिस तरह से गला रेता हुआ था, पुलिस को शक हुआ कि यह कार्य किसी क्रूर व्यक्ति का किया हुआ है। परिवार में पता किया तब पता चला कि भगवान सिंह क्रूर प्रवृत्ति का है। फिर जब सहदेव की पत्नी के मोबाइल की सीडीआर निकाली तब घटना के दिन भगवान सिंह से कॉल पर बात सामने आई। हत्या का पता चलने के बाद भी रात में भगवानसिंह से बात होने की जानकारी सीडीआर में मिली। इस शक के बाद जब पुलिस ने परिवार में पूछताछ की तो सामने आया कि 15 दिन पहले सहदेव की पत्नी जयाकंवर अपने पीहर जैसलमेर गई थी तब भगवानसिंह भी वहां मिलने पहुंचा था। इस पर जया कंवर को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की। सामने आया कि उसने ही सहदेव के फलोदी जाने की जानकारी भगवान सिंह को दी थी। इस पर पुलिस ने भगवान सिंह को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसके सहदेव की पत्नी से अवैध संबंध थे। सहदेव के कारण दोनों मिल नहीं पाते थे। अपने रास्ते से हटाने के लिए उसने सहदेव की हत्या की। स्कूल में छुपाए हथियार बरामदगी के लिए भगवानसिंह से पूछताछ की तो पहले उसने सरिया,छुरा व अपने कपड़े देचू से निकलने वाले मेगा हाईवे के किनारे फेंकने की बात बताई। जिस पर पुलिस उसे लेकर हाईवे पर पहुंची। वह काफी देर तक पुलिस को हाईवे पर घुमाता रहा। पुलिस ने सड़क किनारे की झाड़ियों में तलाश की लेकिन वहां कुछ नहीं मिला। इस पर पुलिस ने थोड़ी सख्ती की तो उसने बताया कि वह जिस स्कूल में पढ़ाता है, उसी की दूसरी मंजिल पर कमरे में हथियार छिपाए हैं। पुलिस आसरलाई गांव में उस स्कूल में पहुंची। वहां एक कार्टून में छिपा कर रखे सरिए व वारदात के समय के खून से सने कपड़े बरामद हो गए। स्कूल से एक बाइक भी बरामद की। वहीं दो और बाइक साथ में रहे बाल अपचारियों के बताए उनके दो अलग अलग घरों से बरामद की गई। न दुश्मनी-न लूट फिर क्यों हुआ था LDC का मर्डर:7 साल पहले मिली थी खून से सनी बॉडी, ब्लाइंड मर्डर में उलझी पुलिस, पार्ट-1