डिस्कॉम के थ्री फेज मीटर बदलने के नाम पर घोटाला:भरतपुर और डीग एसई ने मीटर बदलने के लिए जारी किए 31 आदेश, ठेकेदार ने बिना बदले ही 4 करोड़ रुपए का भुगतान उठाया

जयपुर डिस्कॉम में थ्री फेज एजी खराब मीटर बदलने के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है। भरतपुर और डीग जिलों में ठेकेदारों और डिस्कॉम अधिकारियों ने मिलीभगत कर तीन साल में मीटर बदलने के लिए 31 कार्य आदेश जारी कर दिए। इन आदेशों के आधार पर करीब 4 करोड़ रुपए का भुगतान उठा लिया। जबकि कहीं पर भी मीटर नहीं बदला। घोटाले का खुलासा जोनल चीफ इंजीनियर की जांच रिपोर्ट के बाद हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में भरतपुर के एसई (ओएंडएम) ने 14 कार्य आदेश जारी किए। 2023-24 में 5 और 2024-25 में 8 आदेश निकाले। वहीं डीग के एसई (ओएंडएम) ने 2023-24 में 3 और 2024-25 में 1 आदेश जारी किया। इन आदेशों के तहत मीटर बदले जाने थे, लेकिन बिना मीटर बदले ही ठेकेदारों को भुगतान कर दिया, जबकि पुराने मीटर विभाग में जमा नहीं किए गए। जोनल चीफ इंजीनियर की रिपोर्ट के बाद जयपुर डिस्कॉम ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। सीएमडी ने बनाई समिति, घोटाले में शामिल गुप्ता को भी इसमें जगह जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के सचिव (प्रशासन) बलदेवाराम धोजक ने 19 मई को तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई। समिति में बी.एल. शर्मा, एसई (सतर्कता), जयपुर, ए.के. जैन, एक्सईएन (आईए-टेक), जयपुर और पीयूष गुप्ता, एओ (आईए-रेव.), जयपुर को शामिल किया गया। तीनों अधिकारियों को 10 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। सबसे बड़ा सवाल समिति में पीयूष गुप्ता की नियुक्ति को लेकर उठ रहा है। गुप्ता पहले दोनों जिलों में भुगतान के समय पदस्थापित रह चुके हैं। ऐसे में उनकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जांच समिति का उद्देश्य भुगतान से जुड़ी गड़बड़ियों की जांच करना है। लेकिन जिस अधिकारी की भूमिका पहले रही हो, वही अब जांच करेगा, तो निष्पक्ष जांच कैसे होगी, यह सवाल उठ रहा है। कैसे खुला घोटाला बयाना की जांच कराई गई रिपोर्ट में बड़ा घोटाला सामने आया है। उप-मंडल में 1187 खराब मीटर बदलने के लिए 4 कार्य आदेश जारी हुए। इनमें से 130 मीटर ही बदले जाने बाकी थे। इसके बावजूद नए कार्य आदेश जारी कर दिए गए। 13 जुलाई 2021 को एसई (ओएंडएम), भरतपुर ने बिना प्रशासनिक और तकनीकी स्वीकृति के मेसर्स एसएस कंस्ट्रक्शन, गांव मोरडा समराया को एलओआई जारी कर दिया। 20 महीने बाद 17 मार्च 2023 को 165 मीटरों के लिए 4.98 लाख और 24 मार्च 2023 को 170 मीटरों के लिए 4.93 लाख की स्वीकृति दी गई। जबकि एसई (ओएंडएम) को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की ही स्वीकृति देने का अधिकार है। इसके बावजूद 31 मार्च 2025 को 3.51 लाख रुपये का एकल कार्य आदेश जारी कर दिया गया। "कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। जांच कमेटी में शामिल पीयूष गुप्ता को बदलने के निर्देश दिए गए हैं।"
-आरती डोगरा, सीएमडी, जयपुर डिस्कॉम