20 पेड़ों के बीच रातभर में बनाई 1KM सड़क:वन विभाग ने NOC नहीं दी; इंजीनियर बोला–डेटलाइन खत्म हो रही थी, लापरवाही के लिए 3 जिम्मेदार

20 पेड़ों के बीच रातभर में बनाई 1KM सड़क:वन विभाग ने NOC नहीं दी; इंजीनियर बोला–डेटलाइन खत्म हो रही थी, लापरवाही के लिए 3 जिम्मेदार
करीब 100 करोड़ रुपए से 20 पेड़ों के बीच बनी सड़क के मामले में काम करने वाली एजेंसी पर FIR दर्ज की गई है। फिलहाल लोगों की सेफ्टी को लेकर पेड़ों पर ट्री रिफ्लेक्टर लगाए गए हैं और चारों ओर रेत से भरी बोरियों (सैंड बैग्स) से घेराबंदी की गई है। लेकिन सवाल अब भी यही है कि इस सड़क के निर्माण में बरती गई लापरवाही की जिम्मेदारी किसकी है। दैनिक भास्कर की टीम इस लापरवाही को जानने के लिए उस सड़क और उससे जुड़े हर किरदार तक पहुंची। पड़ताल में सामने आया कि काम करने वाली एजेंसी, वन विभाग और पथ निर्माण विभाग तीनों ने लापरवाही बरती है। भास्कर के सवालों में जहानाबाद DM अलंकृता पांडेय ने भी लापरवाही को स्वीकार किया है। पढ़िए सिलसिलेवार पड़ताल…। मामला क्या हैः सड़क निर्माण परियोजना के तहत जहानाबाद के इरकी पावर ग्रिड से 7.48 किमी लंबी सड़क का चौड़ीकरण होना था। वन विभाग से पेड़ों को हटाने की अनुमति नहीं मिलने की वजह से निर्माण एजेंसी ने पेड़ों के बगल से करीब एक किलोमीटर तक सड़क बना डाली है। नतीजा यह है कि बीच सड़क पर 20 पेड़ खड़े हैं, जिनसे टकराकर कभी भी जान-माल का नुकसान हो सकता है। जानिए इस लापरवाही के जिम्मेदार… पटना-गया मेन रोड पर 7.48 किलोमीटर लंबे हिस्से का चौड़ीकरण करना था। कंपनी को लोगों की सेफ्टी को ध्यान में रखकर काम करने की जिम्मेदारी थी। तय समय के चक्कर काम निपटाने के बजाय ठीक से सभी नियमों का पालन कर काम करना चाहिए था। ठेका कंपनी से पक्ष जानने के लिए ईमेल से लेकर कॉल तक किया गया है। उनका जैसे ही पक्ष आएगा, न्यूज में शामिल किया जाएगा। सड़क बनाने का काम पथ निर्माण विभाग के अंदर आता है। जिले का सबसे बड़ा पदाधिकारी कार्यपालक अभियंता यानी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर होता है। सड़क हैंडओवर होने तक कंस्ट्रक्शन कंपनी सभी मानकों को पूरा कर रही है या नहीं, इसे देखने की जिम्मेदारी पथ निर्माण विभाग की थी। अगर सड़क बनाने के लिए पेड़ काटने या डिस्प्लेस करने की जरूरत हो तो समय से कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए थी। इस मामले पर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर धनंजय कुमार ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतना बताया, 'कनौदी रिलायंस पेट्रोल पंप से मई गुमटी तक 7.4 KM सड़क का निर्माण होना था। अप्रैल 2022 में काम शुरू हुआ। अप्रैल 2025 में पूरा हो जाना था, लेकिन अब तक केवल 30 फीसदी काम ही पूरा हो सका है। डेटलाइन खत्म हो रही थी।’ ‘पेड़ और अतिक्रमण सबसे बड़ी बाधा हैं। फिलहाल दुर्घटना से बचने के लिए सेफ्टी मेजर्स का ध्यान रखा जा रहा है। रिफलेक्टर लगाया गया है, ड्रम भी खड़े किए गए हैं।' पेड़ के देखरेख की जिम्मेदारी वन विभाग के पास होती है। उनको समय-समय पर जांच और निरीक्षण करना चाहिए। कहां क्या चल रहा है। इस मामले में विभाग को मीडिया में खबर आने के बाद पता चला। इस मामले पर रेंजर रितुपर्णा ने बताया, ‘हमें पथ निर्माण विभाग से सड़क चौड़ी करने के लिए पेड़ काटने का आवेदन मिला। हमारा नियम कहता है कि जिस भी विभाग को पेड़ काटना है, वो हमें 14 हेक्टेयर जमीन और और फंड मुहैया कराएं। हमारे कानून में है कि हम एक पेड़ के बदले तीन पेड़ लगाएंगे। हमने अपने लेटर में यह बातें कही। इसके बाद पथ निर्माण विभाग से हमारी कोई बातचीत नहीं हुई।’ उन्होंने बताया, ‘सड़क एक रात में बना दी गई है। इस पर हमने संज्ञान लिया है। वन अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज कराया गया है। फिलहाल सड़क का काम रुका हुआ है। पथ निर्माण विभाग के ठेकेदार पर हमने FIR भी कराई है।’ दिन में तो ठीक, रात में लगता है डर पटना से गया जाने वालों के लिए दो महीने पहले तक यह सबसे जरूरी सड़क थी। हाइवे बनने के बाद सड़क पर भीड़ कम हुई है। हालांकि, यहां अभी भी हर वक्त भारी वाहन गुजरते हैं। भास्कर रिपोर्टर ग्राउंड पर पहुंचा तो दिखा पूरी सड़क पर एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं है। पेड़ के बीच एक किलोमीटर तक सड़क बनाने की चर्चा के कारण फिलहाल चौड़ीकरण का काम रोक दिया गया है। पेड़ों के बीच में टीन के बड़े ड्रम रखकर रंगा जा रहा है। पेड़ों में रेडियम लगाया जा रहा है ताकि रात में राहगीरों को दिखाई दे सके। सड़क के ठीक बगल के गांव इरकी के रहने वाले गोविंद ने बताया, 'सड़क पर एक भी लाइट नहीं है। ड्रम रखकर रंगाई पुताई हो रही है। दिन में तो ठीक है, रात में सड़क के बीच पेड़ कैसे दिखेगा।' राहुल ने कहा, 'हम लोगों का दिनभर इसी सड़क पर आना-जाना लगा रहता है। हमारे साथ का लड़का था रौशन। रात नौ बजे ट्रक वाले ने टक्कर मार दिया। वो पेड़ से टकरा गया और उसका एक पैर काटना पड़ा।' विधानसभा में उठाएंगे मामला जहानाबाद विधायक सुदय यादव ने कहा, 'इस सरकार में अधिकारी कितने बेलगाम है, ये सड़क उसका सबूत है। हमने विधानसभा में सड़क की गुणवत्ता पर सवाल पूछा था। यह भी पूछा था कि ये सड़क कब तक बनेगी। हाईकोर्ट का आदेश है कि सड़क को पूरी तरह से खोद कर ही नई बनाई जानी चाहिए। इस सड़क पर लीपापोती हो रही है।' विधायक ने 21 जुलाई से चलने वाले मानसून सत्र में इस मुद्दे को उठाने की बातें कही। उन्होंने कहा, 'हम ये मामला सदन में उठाएंगे और उससे पहले मंत्री से बात करेंगे।'