PM मोदी को घाना में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया:राष्ट्रपति महामा के साथ द्विपक्षीय बैठक की; 30 साल बाद घाना जाने वाले पहले भारतीय PM

PM नरेंद्र मोदी बुधवार को अफ्रीकी देश घाना पहुंचे। घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा ने राजधानी एक्रॉ में एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। पीएम मोदी को 21 तोपों की सलामी के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद मोदी होटल पहुंचे, जहां भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका स्वागत किया। होटल के बाहर भारतीय वेशभूषा में पहुंचे स्कूली बच्चों ने मोदी को संस्कृत में श्लोक सुनाया। इसके बाद उन्होंने घाना के राष्ट्रपति के साथ राजधानी अक्कारा के जुबली हाउस में द्विपक्षीय वार्ता की। मोदी 2 जुलाई से 8 दिनों के लिए 5 देशों की यात्रा पर हैं। वे सबसे पहले घाना गए हैं। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की 30 सालों में पहली घाना यात्रा है। इससे पहले 1957 में पंडित जवाहरलाल नेहरू और 1995 में नरसिम्हा राव बतौर PM घाना के दौरे पर पहुंचे थे। घाना के बाद PM मोदी त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया जाएंगे। 2014 से अब तक के तीन कार्यकाल में, PM की त्रिनिदाद एंड टोबैगो और नामीबिया में भी पहली यात्रा होगी। मोदी ब्राजील में BRICS समिट में हिस्सा लेंगे। घाना में PM मोदी के पहुंचने की 5 तस्वीरें... घाना में भारत का UPI सिस्टम लाने पर बातचीत
घाना में PM मोदी ने राष्ट्रपति जॉन महामा से मुलाकात की। दोनों नेता के बीच द्विपक्षीय व्यापार और रिश्तों पर चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच एनर्जी, खेती और डिजिटल तकनीक और वैक्सीन हब डेवलप करने के क्षेत्र में कई समझौते (MoU) साइन होंगे। भारत का UPI और डिजिटल पेमेंट सिस्टम घाना में लाने के बारे में भी बातचीत होगी, ताकि दोनों देशों में डिजिटल लेन-देन आसान हो सके। मोदी और महामा एक साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। PM मोदी घाना की संसद और वहां रहने वाले भारतीय समुदाय के 15000 लोगों को संबोधित करेंगे। घाना के राष्ट्रपति महामा PM मोदी के सम्मान में स्टेट डिनर भी आयोजित करेंगे। अफ्रीका में चीन की पकड़ मजबूत, भारत भी प्रभाव बढ़ा रहा अफ्रीका में चीन ने बड़े पैमाने पर पैसा लगाकर अपना प्रभाव बढ़ाया है। वह वहां सड़कों, पुलों, बांधों और कई बड़े प्रोजेक्ट्स में अरबों डॉलर निवेश कर चुका है। इससे अफ्रीकी देशों पर चीन की पकड़ मजबूत हो गई है। इस वजह से भारत भी पीछे नहीं रहना चाहता और अपनी ग्लोबल साउथ नीति के तहत अफ्रीका में संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है। भारत ने अब तक घाना में निजी कंपनियों के जरिए करीब 2 अरब डॉलर यानी लगभग 17 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसके अलावा भारत की सरकार ने भी घाना को 1 अरब डॉलर यानी 8.5 हजार करोड़ रुपये की मदद दी है। भारत ने घाना के राष्ट्रपति का घर, जुबली हाउस, बनाने में भी अहम भूमिका निभाई है। इसके अलावा भारत ने वहां कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में भी भागीदारी की है, जिससे घाना के विकास में मदद मिली है। घाना न सिर्फ स्थिर और मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश बन रहा है, बल्कि निवेश के लिए भी एक बेहतरीन जगह बनता जा रहा है। साल 2018 में घाना की अर्थव्यवस्था का आकार लगभग 80 अरब डॉलर था, जो अब बढ़कर 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा हो गया है। 2024 में घाना की विकास दर 5.7 फीसदी रही, जो पूरे अफ्रीका में सबसे ज्यादा मानी गई। भारत ने घाना को 6 लाख कोविड वैक्सीन दी थी भारत और घाना अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे के मजबूत समर्थक रहे हैं। दोनों देश गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के सदस्य हैं और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों में मिलकर काम करते हैं। घाना ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के दावे का समर्थन किया है। जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और अन्य वैश्विक मुद्दों पर दोनों देश एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने घाना को वैक्सीन और चिकित्सा मदद दी थी। भारत ने घाना को 6 लाख कोविड वैक्सीन दी थी। गांधी के आदर्शों पर चलकर घाना को आजादी मिली क्वामे एन्क्रूमा घाना के सबसे बड़े नेता थे, जिन्हें ‘अफ्रीका का महात्मा गांधी‘ भी कहा जाता है। उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई के दौरान गांधीजी के विचार पढ़े और उनसे बहुत प्रभावित हुए। इसके बाद घाना आकर उन्होंने कन्वेंशन पीपुल्स पार्टी (CPP) बनाई और देश में आजादी की लड़ाई शुरू की। एन्क्रूमा ने इसके लिए अहिंसा, एकता और नागरिक अवज्ञा जैसे गांधीवादी तरीकों का इस्तेमाल किया। एन्क्रूमा का मानना था कि बिना हिंसा के ब्रिटिश शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन चलाकर ही घाना आजाद हो सकता है, जैसा गांधी ने भारत में किया था। एन्क्रूमा ने 1950 में ‘पॉजिटिव एक्शन’ नाम से देशभर में हड़ताल की अपील की। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा, लेकिन इससे उनकी लोकप्रियता और बढ़ गई। 6 मार्च 1957 को एन्क्रूमा की अगुआई में घाना अफ्रीका का पहला देश बना जिसने ब्रिटेन से आजादी हासिल की। घाना की आजादी का असर पूरे अफ्रीका पर पड़ा। लिहाजा बाकी देशों में भी आजादी की मांग तेज हो गई। कुछ ही साल बाद नाइजीरिया, केन्या, तंजानिया जैसे कई देशों ने ब्रिटिश, फ्रेंच या बेल्जियन उपनिवेशवाद से स्वतंत्रता हासिल की। ग्राफिक्स- विपुल शर्मा ................................ मोदी के विदेश दौरे से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... PM मोदी कल से 5 देशों की यात्रा पर:पहली बार घाना, नामीबिया और त्रिनिदाद जाएंगे; ब्राजील में BRICS समिट में भी हिस्सा लेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई से 10 जुलाई तक पांच देशों की यात्रा पर रहेंगे। पीएम मोदी इन पांच में से तीन देश घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और नामीबिया के दौरे पर पहली बार जाएंगे। इस विजिट की शुरुआत घाना से होगी। इसके बाद त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना और ब्राजील जाएंगे। ब्राजील में BRICS समिट में हिस्सा लेने के बाद मोदी नामीबिया पहुंचेंगे। पूरी खबर यहां पढ़ें...