मांगणियार परंपरा की तीन पीढ़ियों ने छेड़े लोक स्वर:राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में हुआ बहु-इंद्रिय सांस्कृतिक अनुभव, लोक विरासत का जीवंत चित्रण

मांगणियार परंपरा की तीन पीढ़ियों ने छेड़े लोक स्वर:राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में हुआ बहु-इंद्रिय सांस्कृतिक अनुभव, लोक विरासत का जीवंत चित्रण
राजस्थान की समृद्ध लोक परंपरा को संगीतमय श्रद्धांजलि देती ‘लोक राग – द एटरनल इकोज ऑफ राजस्थान’ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में किया गया। यह 90 मिनट की विशेष प्रस्तुति दर्शकों के दिलों में राजस्थान की माटी की सुगंध और सुरों की गर्माहट छोड़ गई। कार्यक्रम का संयोजन संदीप रतनू और मुमल तनवर ने किया, जबकि निर्देशन की बागडोर मुमल तंवर ने संभाली। कार्यक्रम में 13 वर्ष से लेकर 70 वर्ष तक की उम्र के मांगणियार कलाकारों की तीन पीढ़ियों ने एक साथ मंच साझा कर अपनी समृद्ध लोक परंपरा को जीवंत किया। मंच पर सजी राजस्थान की आत्मा पारंपरिक वाद्य यंत्रों की ध्वनि, लोकगीतों की कथात्मक व्याख्या और दृश्यात्मक प्रस्तुति के समन्वय ने कार्यक्रम को एक बहु-इंद्रिय अनुभव बना दिया। दर्शकों को न केवल संगीतमय यात्रा पर ले जाया गया, बल्कि उन्हें विशेष पोस्टकार्ड स्मृति-पत्र भी भेंट किए गए जिनमें लोकगीतों की झलक थी। इसमें मुल्तान खान मांगणियार, तलब खान मांगणियार, दारे खान मांगणियार, सवाई खान मांगणियार, रोशन खान मांगणियार, लतीफ खान मांगणियार, रसूल खान मांगणियार, जोरू खान मांगणियार, जाकिर खान मांगणियार ने यादगार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का समापन दर्शकों की लगातार तालियों और भावनात्मक प्रतिक्रिया के साथ हुआ। ‘लोक राग’ केवल एक संगीत कार्यक्रम नहीं, बल्कि राजस्थान की जीवंत सांस्कृतिक स्मृति और सांस्कृतिक धरोहर की प्रस्तुति बन गया।