परिक्रमा मार्ग को सघन बनाना टीम का लक्ष्य:बिहारी जी परिक्रमा मार्ग को कुंज बनाने में जुटे चार दोस्त, पिछले पांच साल में 1200 से ज्यादा पौधे रोपे

परिक्रमा मार्ग को सघन बनाना टीम का लक्ष्य:बिहारी जी परिक्रमा मार्ग को कुंज बनाने में जुटे चार दोस्त, पिछले पांच साल में 1200 से ज्यादा पौधे रोपे
पौधों को बचाने का जज़्बा अगर देखना है तो बिहारी जी परिक्रमा वन क्षेत्र विकसित करने में जुड़े इन चार दोस्तों से मिलना चाहिए। बहुत सीमित संसाधन और असंख्य दिक्कतों के बाद भी मुकेश यादव, हर्ष सिंघल, राजेश कुमार और आशीष सिंह पौधों को पेड़ बनाने के जतन में जुटे हैं। इसके लिए हर दिन श्रम करते हैं। पौधों को पानी, कटाई-छंटाई, गुड़ाई और बचाव करने के लिए हर दिन कोशिश करनी पड़ती है। ये चारों दोस्त पिछले पांच साल से बिहारी परिक्रमा मार्ग में करीब एक किलोमीटर के दायरे में हरियाली लाने के लिए प्रयासरत हैं। इस दौरान करीब 1200 से ज़्यादा पौधे लगाए हैं। बोरिंग करवाई है। पाइपलाइन डलवाई है। इसके बाद भी सर्वाइवल रेट 50 प्रतिशत से भी कम है। क्योंकि यहां मिट्टी कंकड़युक्त है। मिट्टी में दीमक की भरमार है। पानी में फ्लोराइड बहुत है। इलाका खुला होने के कारण बकरी, गाय सहित अन्य जानवर पेड़-पौधों को चर जाते हैं। और सबसे बड़ा खतरा इंसानी हैं। लेकिन हौंसला बरकरार है। ग्रुप लीडर मुकेश यादव ने बताया कि कीमती पौधों को लोग उखाड़ कर ले जाते हैं। फूल तो लोग छोड़ते ही नहीं। एक बार जन सहयोग से एक ट्रॉली खाद डलवाई थी, जिसमें से आधी से ज़्यादा ट्रॉली खाद को लोग थैलियों में भर ले गए। करीब छह बार बागवानी में काम आने वाले उपकरण और पाइप चोरी हो चुके हैं। पाइपलाइन को क्षतिग्रस्त कर चुके हैं। इस अभियान का नेतृत्व गिरधारी तिवारी कर रहे हैं और टीम में रामकुमार शर्मा, जितेंद्र पटेल, उत्तम शर्मा, सोनू शर्मा सहित कई लोग श्रमदान में सहयोग करते हैं। मकसद... परिक्रमा मार्ग को सघन बनाना इस टीम का लक्ष्य वृक्ष मित्र से सम्मानित... इन चारों दोस्तों को सर्वोदय संस्थान की ओर से "वृक्ष मित्र सम्मान" से सम्मानित किया गया। वहीं एक मीडिया समूह की ओर से इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। बिहारी जी के परिक्रमा मार्ग को कुंज यानी सघन वन की तरह विकसित करना है। क्योंकि यह मार्ग श्रद्धा से जुड़ा है। यहां प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु परिक्रमा करते हैं। भैरव जी, शनिदेव, हनुमान जी, शिवालय आदि कई मंदिर हैं। 50 से ज़्यादा मोर, बड़ी संख्या में तीतर, तोता, हरियल, सनबर्ड, मैना, कोयल, ग्रीन बीटर सहित करीब 30 प्रजातियों की लोकल बर्ड्स का मूवमेंट रहता है। मोरछली, बेलपत्र, अशोक, गूलर, कंदब, बरगद, पीपल, केला, सहजन, करील सहित कई वनस्पतियां हैं। एक तरफ मिट्टी की दीवार और दूसरी ओर फोर्ट वॉल होने के कारण यह इलाका काफी सुरक्षित है। यहां रोज़ाना मॉर्निंग वॉक के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं।