पाली के 4 युवकों की तेलंगाना में डूबने से मौत:मरने वालों में तीन सगे भाई, सरस्वती मंदिर में अक्षर आराधना के लिए गए थे, गोदावरी नदी में डूबे

पाली के 4 युवकों की तेलंगाना में डूबने से मौत:मरने वालों में तीन सगे भाई, सरस्वती मंदिर में अक्षर आराधना के लिए गए थे, गोदावरी नदी में डूबे
तेलंगाना के बासरा में गोदावरी नदी में डूबने से 15 जून को 5 युवकों की मौत हो गई। जिनमें 4 युवक पाली जिले के ढाबर (रोहट) के रहने वाले है। जिनमें से 3 सगे भाई है। एक युवक नागौर जिले का रहने वाला है। सभी वहा सरस्वती मंदिर में अक्षर आराधना के लिए गए थे। इस दौरान गोदावरी नदी में डूब गए। पाली जिले के ढाबर गांव निवासी चारों युवकों के शव सोमवार शाम तक पाली उनके गांव ढाबर लेकर परिजन आएंगे। जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। जानकारी के अनुसार ढाबर गांव के पेमाराम राठौड़ की हैदराबाद में चिंतल दिलसुख नगर में होलसेल गोली व बिस्किट की दुकान है। वे करीब 15 साल से वहीं पर रहते हैं। इनके तीनों बेटे भरत 10वीं, मदन 12वीं व राकेश सैकंड ईयर में पढ़ रहे थे। हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके से पवित्र स्नान के लिए 5 युवक बसारा गए थे। इसमें तीनों भाई राकेश (20), मदन (18), भरत (16) सहित विनोद (18), ऋतिक (18) पानी में उतरे थे। गोदावरी नदी में रेतीली सीढ़ियों पर डुबकी लगाते समय पांचों युवक उथले पानी में डूब गए। शवों को अस्पताल पहुंचाया गया। अक्षरा अभ्यास के लिए सभी जानकारी के अनुसार तेलंगाना के बसर में गोदावरी नदी के तट पर सरस्वती मंदिर स्थित है। यह भारत में दो प्रसिद्ध सरस्वती मंदिरों में से एक है। दूसरा मंदिर शारदा पीठ है। यहां बच्चों को अक्षरा अभ्यास सीखने के समारोह के लिए इस मंदिर में लाया जाता है। यह एक धार्मिक परंपरा है, जिसे अक्षर आराधना भी कहते हैं। अक्षर आराधना में बच्चों को शिक्षा स्टार्ट करने से पहले अक्षराभिषेक के लिए यहां पर लाया जाता है। मान्यता है कि बच्चे के जीवन के पहले अक्षर यहां लिखवाने से बच्चे का शैक्षिक जीवन सफल रहता है। इस रीति के बाद हल्दी का लेप प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। इसी कारण से यहां स्टूडेंट्स भी बड़ी तादाद में आते है। पढ़ाई में होशियार था भरत, हो चुका है कई बार सम्मानित पाली के ढाबर गांव निवासी भरत पढ़ाई में काफी होशियार था। वह तेलंगाना में त्रिवेणी टेलेंट स्कूल में पढ़ता था। जो IIT और NEET की तैयारी करवाती है। अपने पूरे बैच में भरत सबसे होशियार था। इसको लेकर कई बार उसे सम्मानित भी किया गया।