हर माह 15,000 इंजेक्शन की जरूरत, लोग परेशान:दो माह से नहीं आए पोलियो इंजेक्शन, नौ माह तक के 30 हजार बच्चों को नहीं लगे

हर माह 15,000 इंजेक्शन की जरूरत, लोग परेशान:दो माह से नहीं आए पोलियो इंजेक्शन, नौ माह तक के 30 हजार बच्चों को नहीं लगे
भास्कर संवाददाता | बांसवाड़ा डेढ़ माह से 9 माह तक के हजारों बच्चों को पोलियो इंजेक्शन डोज नहीं लग पा रहा है। जिले में पोलियो इंजेक्शन की सप्लाई कई महीनों से गड़बड़ है। बीते दो माह में तो एक डोज भी बांसवाड़ा को नहीं मिला। जिले में हर माह करीब 15 हजार इंजेक्शन डोज की जरूरत होती है। सप्लाई नहीं होने के कारण 2 माह में अनुमानित करीब 30 हजार बच्चों को पोलियो का डोज नहीं लगा है। दो माह पहले महज 1,250 डोज आए थे, जो जरूरत से 90% कम थी। भास्कर टीम ने जिले के कई सरकारी अस्पतालों से जानकारी जुटाई तो हर जगह यही समस्या देखने को मिली। जहां बच्चों को दोबारा बुलाकर डोज देने की बात कही गई, लेकिन सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब दो माह से डोज की सप्लाई ही नहीं हुई तो बच्चों को दोबारा बुलाकर इंजेक्शन कैसे लगाए जा रहे हैं। विभागीय आंकड़ों की मानें तो सप्लाई का संकट इस साल की शुरुआत से ही है। जनवरी से लेकर जून के बीच कुल 12,250 डोज ही बांसवाड़ा भेजे गए हैं। इसमें 11,000 डोज जनवरी में और 1,250 डोज अप्रैल में भेजे गए थे। अब इतने कम डोज होने पर विभाग बच्चों के लिए डोज की पूर्ति कैसे कर रहा है, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ^एफआईपीवी डोज की डिमांड की गई है। जल्द ही विभाग से सप्लाई शुरू की जाएगी। - डॉ. दिनेश भाबोर, आरसीएचओ, बांसवाड़ा ^पोलियो इंजेक्शन की वैक्सीन जिलों में सप्लाई के लिए हमारे पास भी नहीं है। इसलिए जिलों में सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। डोज मंगवाने के लिए डिमांड भेज दी गई है। जल्द ही उपलब्ध होने की संभावना है। - डॉ. राकेश गुप्ता, आरसीएचओ, उदयपुर महीना सप्लाई डोज 15 अप्रैल 25 1,250 21 जनवरी 25 11,000 10 दिसंबर 24 30,000 3 सितंबर 24 15,000 10 जुलाई 24 20,000 24 अप्रैल 24 15,000 केस-1: गुरुवार को पीपलोद की महिला साढ़े 3 माह के बच्चे को टीका लगाने के लिए अस्पताल पहुंची। पोलियो इंजेक्शन नहीं होने के कारण कुछ दिन बाद आने की बात कही गई। महिला ने बताया कि वो 8 दिन पहले भी आई थी, तब भी यही बात कहकर लौटा दिया था। केस-2: बाहुबली कॉलोनी के एक दंपती भी बच्चे को टीका लगवाने के लिए एमजी अस्पताल पहुंचे थे। बच्चों को दोबारा बुलाने का सिलसिला पूरे जिले के सरकारी अस्पतालों में चल रहा है, लेकिन डोज की कमी हर जगह है।