पूर्व विधायक गिर्राज मलिंगा का केस धौलपुर से जयपुर ट्रांसफर:याचिका में कहा था- धौलपुर में पीड़ित और गवाहों को जान का खतरा

पूर्व विधायक गिर्राज मलिंगा का केस धौलपुर से जयपुर ट्रांसफर:याचिका में कहा था- धौलपुर में पीड़ित और गवाहों को जान का खतरा
हाईकोर्ट ने बीजेपी नेता और पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा से जुड़े मारपीट के केस को धौलपुर से जयपुर ट्रांसफर कर दिया है। जस्टिस उमाशंकर व्यास की अदालत ने एईएन हर्षदापति की क्रिमिनल ट्रांसफर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए। याचिका में कहा गया था कि धौलपुर में पीड़ित और गवाहों को जान का खतरा है। आरोपी बाहुबली है। ऐसे में केस को धौलपुर से ट्रांसफर किया जाए। अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा- आरोपी को जमानत मिलने के बाद निकाले गए जुलूस से प्रतीत होता है कि आरोपी ने शक्ति प्रदर्शन किया है। वहीं, आरोपी पर लोक सेवकों के साथ मारपीट के कई मामले दर्ज हैं। ऐसे में इस केस को धौलपुर एससी-एसटी कोर्ट से जयपुर जिले की एससी-एसटी कोर्ट में ट्रांसफर करने के आदेश दिए जाते हैं। जयपुर पुलिस कमिश्नर को सुरक्षा के निर्देश याचिकाकर्ता के वकील अखिल सिमलोट और मालती ने बताया कि अदालत ने केस को जयपुर ट्रांसफर करते हुए जयपुर पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिए है कि वह सुनवाई के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात करेंगे। वहीं धौलपुर एसपी को कहा है कि वह गवाहों को समन व नोटिस तामील कराने में सहयोग करेंगे। साथ ही कोर्ट ने केस में केस ऑफिसर्स स्कीम के तहत एक एसआई और दो एएसआई लगाने के निर्देश दिए है। जो कोर्ट को इस केस में सहयोग करेंगे। इसके साथ ही ट्रायल कोर्ट को कहा है कि वह केस की टाइम फ्रेम में सुनवाई पूरी करे। मलिंगा जमानत पर है बाहर इस केस के आरोपी पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। मलिंगा को हाईकोर्ट ने करीब 3 साल पहले 17 मई 2022 को कोरोना के चलते जमानत दी थी। लेकिन मलिंगा ने जमानत मिलने के बाद अपने समर्थकों के साथ जुलूस निकाला था। जिसे हाईकोर्ट ने जमानत का मिसयूज मानते हुए पिछले साल 5 जुलाई को उसकी जमानत याचिका को रद्द कर दिया था और उसे 30 दिन में सरेंडर करने के निर्देश दिए थे। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के जमानत रद्द करने के फैसले पर रोक लगा दी थी। क्या है पूरा मामला ? धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम ऑफिस में 28 मार्च 2022 को AEN हर्षदापति और JEN नितिन गुलाटी के साथ मारपीट की घटना हुई थी। प्रकरण में एईएन हर्षदापति ने मलिंगा और अन्य के खिलाफ 29 मार्च को नामजद मारपीट, राज्य कार्य में बाधा और एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज कराया था। मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। घटना के बाद तत्कालीन धौलपुर एसपी शिवराज मीणा का भी तबादला कर दिया गया था। बिजली विभाग के इंजीनियर्स के साथ मारपीट होने के बाद निगम के कर्मचारियों में आक्रोश भड़क गया था। मलिंगा की गिरफ्तारी को लेकर विद्युत निगम के कर्मचारियों ने प्रदेश स्तर तक धरने प्रदर्शन भी किए थे। इसके बाद तत्कालीन विधायक राजेंद्र गुढ़ा को साथ लेकर मलिंगा ने सीएम हाउस पहुंचकर तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की थी। उसके बाद सरेंडर किया था।