पाकिस्तान में बारिश से इमारत ढही, 17 की मौत:100 से ज्यादा लोग रह रहे थे, मलबे में कई लोग दबे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

पाकिस्तान में बारिश से इमारत ढही, 17 की मौत:100 से ज्यादा लोग रह रहे थे, मलबे में कई लोग दबे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
पाकिस्तान के कराची शहर में शुक्रवार रात एक पांच मंजिला इमारत गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई। यह इमारत ली मार्केट में फिदा हुसैन शेखा रोड पर स्थित थी। अधिकारियों ने इसे पहले ही कमजोर और रहने लायक नहीं घोषित कर दिया था, लेकिन हाल में हुई बारिश ने इसकी हालत और खराब कर दी थी। डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) दक्षिण सैयद असद रजा ने बताया कि बारिश से इमारत की संरचना और कमजोर हो गई थी। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक हादसे में नौ लोग घायल हुए थे, जिनमें से छह को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है और एक की हालत गंभीर है। डीआईजी रजा ने बताया कि बगदादी, लियारी इलाके में बचाव कार्य अभी भी जारी है, जहां यह इमारत ढही थी। कराची में इमारतों और छतों का गिरना आम बात है, क्योंकि यहां सुरक्षा मानकों का पालन नहीं होता और घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल होता है। कराची की आबादी दो करोड़ से ज्यादा है। कराची में 570 से ज्यादा इमारतें खतरनाक रेस्क्यू टीम का नेतृत्व कर रहे आबिद जलालुद्दीन शेख ने बताया कि ऑपरेशन पूरी रात बिना रुके चलता रहा। उन्होंने कहा कि मलबा पूरी तरह हटाने और ऑपरेशन खत्म होने में आठ से 12 घंटे और लग सकते हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आरिफ अजीज ने बताया कि इमारत में 100 से ज्यादा लोग रह रहे थे। सिंध विधानसभा की लोक लेखा समिति ने दिसंबर में प्रांतीय सरकार को आदेश दिया था कि कराची में जिन 570 से ज्यादा इमारतों को अधिकारियों ने खतरनाक घोषित किया है, उन्हें तुरंत खाली कराया जाए, ताकि इस तरह के हादसे रोके जा सकें। 3 साल पहले इमारत खाली करने का आदेश दिया गया सिंध बिल्डिंग कंट्रोल अथॉरिटी (SBCA) ने बताया कि अक्टूबर 2022 में की गई जांच के बाद इस इमारत को तकनीकी समिति ने खतरनाक घोषित कर दिया था। इसके बाद से इमारत के निवासियों को 3 बार नोटिस जारी किए गए थे और के-इलेक्ट्रिक, सुई सदर्न गैस कंपनी और कराची वॉटर एंड सीवरेज बोर्ड को भी बिजली, गैस और पानी जैसी सुविधाएं बंद करने को कहा गया था, ताकि लोग खुद ही इमारत खाली कर दें। इमारत में रह रहे लोगों और मालिक ने नोटिस मिलने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने न्यूज एजेंसी AFP से कहा, “हमें कोई नोटिस नहीं मिला था, हम अपने परिवारों के साथ जानबूझकर ऐसी इमारत में क्यों रहेंगे?” खासखेली ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार सुबह इमारत के खंभों में दरारें देखी थीं और खुद सभी परिवारों को बाहर निकलने के लिए कहा था, लेकिन कई लोगों ने उनकी बात नहीं मानी। कराची में 6 इमारतें खाली कराई गईं डिप्टी कमिश्नर जावेद नबी खोसो ने बताया कि कराची के दक्षिण जिले में 50 से ज्यादा इमारतें असुरक्षित घोषित की गई हैं और इनमें से छह को खाली करा लिया गया है। बचाव अभियान में कई दिक्कतें भी आईं। रेस्क्यू 1122 के प्रवक्ता हसनुल हसीब खान ने कहा कि हादसा सुबह 9 से 9:30 बजे के बीच हुआ, लेकिन मुहर्रम के दौरान मोबाइल नेटवर्क बंद होने से सूचना देर से मिली, जिससे बचाव कार्य शुरू होने में देर हो गई। सिंध रेस्क्यू 1122 के महानिदेशक आबिद जलालुद्दीन शेख ने कहा कि बचाव अभियान में अनियंत्रित भीड़, सड़कों पर रुकावट और मोबाइल नेटवर्क की समस्याओं के चलते बाधाएं आईं। ल्यारी की तंग गलियों के कारण भारी मशीनरी को मौके तक पहुंचाना भी मुश्किल रहा। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। सिंध CM ने इमारत ढहने की रिपोर्ट मांगी सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने SBCA से इस इमारत के ढहने और दूसरी जर्जर इमारतों की पूरी रिपोर्ट मांगी है। सिंध के स्थानीय सरकार मंत्री सईद गनी ने कहा कि एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है जो सोमवार तक घटना की रिपोर्ट देगी। उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि निवासियों ने कई बार नोटिस देने के बावजूद इमारत खाली नहीं की और SBCA के कुछ अधिकारियों को सस्पेंड करने का आदेश दिया। सिंध विधानसभा में विपक्ष के नेता और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के अली खुर्शीदी ने सिंध सरकार को इस हादसे का जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कराची में प्रशासन पूरी तरह फेल है। उन्होंने कहा कि सिंध सरकार पिछले 17 सालों से सत्ता में है, लेकिन उसने न तो खतरनाक इमारतों को गिराने के लिए कानून बनाया और न ही भ्रष्टाचार रोका। उन्होंने कहा कि महज अधिकारियों का निलंबन काफी नहीं है, बल्कि जिम्मेदार लोगों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।