मोदी बोले- भारत में लोकतंत्र एक संस्कार है:घाना का सर्वोच्च सम्मान मिलना गर्व की बात, स्वागत में भारतीय पोशाक में पहुंचे घाना सांसद

मोदी बोले- भारत में लोकतंत्र एक संस्कार है:घाना का सर्वोच्च सम्मान मिलना गर्व की बात, स्वागत में भारतीय पोशाक में पहुंचे घाना सांसद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को घाना की संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा, 'आज इस प्रतिष्ठित सदन को संबोधित करते हुए मुझे गर्व महसूस हो रहा है। घाना में होना सौभाग्य की बात है। यह लोकतंत्र की भावना से भरी हुई धरती है। घाना पूरे अफ्रीका के लिए प्रेरणा का केंद्र है।' मोदी ने कहा, 'भारत लोकतंत्र की जननी है। यह हमारे लिए एक सिस्टम नहीं, बल्कि संस्कार है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत दुनिया के लिए शक्ति का स्तंभ है। मजबूत भारत एक स्थिर और समृद्ध दुनिया में योगदान देगा।' PM मोदी ने कहा, 'घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा से कल नेशनल अवॉर्ड मिलना मेरे लिए सम्मान की बात है। भारत के 140 करोड़ लोगों की ओर से, मैं इस सम्मान के लिए घाना के लोगों को धन्यवाद देता हूं। हमारी दोस्ती आपके मशहूर अनानास से भी मीठी है।' PM मोदी 2 जुलाई से 10 जुलाई तक विदेश यात्रा पर हैं। इस दौरान वे 5 देशों में जाएंगे। घाना उनका पहला पड़ाव है। प्रधानमंत्री मोदी को बुधवार को घाना का सर्वोच्च सम्मान 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' दिया गया था। दोनों देशों ने 4 अलग-अलग समझौते (MoU) भी साइन किए। PM मोदी के संबोधन की बड़ी बातें... PM मोदी बोले- भारत-घाना के बीच 25 हजार करोड़ से ज्यादा का व्यापार 2 जुलाई को सर्वोच्च सम्मान मिलने के बाद PM मोदी ने कहा था, 'घाना से सम्मानित होना मेरे के लिए गर्व की बात है। इससे पहले उन्होंने घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा के साथ जॉइंट स्टेटमेंट जारी किया। मोदी ने कहा कि भारत और घाना आतंकवाद को मानवता का दुश्मन मानते हैं और इसके खिलाफ मिलकर काम करेंगे।' मोदी ने कहा, 'यह युद्ध का समय नहीं है, बल्कि बातचीत और डिप्लोमेसी के जरिए समस्याओं का हल होना चाहिए। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र (UN) में सुधारों पर एकमत हैं। इसके साथ ही दोनों ने पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे संघर्षों पर चिंता जताई।' PM मोदी ने कहा, 'भारत और घाना के बीच व्यापार 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुका है और अगले 5 साल में इसे दोगुना करने टारगेट है।' उन्होंने घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा को भारत आने का न्योता दिया।' दोनों देशों में 4 MoU साइन हुए दोनों देशों ने चार महत्वपूर्ण समझौते (MoU) पर साइन किए। विदेश मंत्रालय के सचिव दम्मू रवि ने बताया कि ये समझौते दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेंगे। मोदी को 21 तोपों की सलामी दी गई PM नरेंद्र मोदी बुधवार को अफ्रीकी देश घाना पहुंचे। घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा ने राजधानी एक्रॉ में एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। PM मोदी को 21 तोपों की सलामी के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद मोदी होटल पहुंचे, जहां भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका स्वागत किया। होटल के बाहर भारतीय वेशभूषा में पहुंचे स्कूली बच्चों ने मोदी को संस्कृत में श्लोक सुनाया। इसके बाद उन्होंने घाना के राष्ट्रपति के साथ राजधानी अक्कारा के जुबली हाउस में द्विपक्षीय वार्ता की। PM मोदी के घाना दौरे की 5 तस्वीरें... भारत ने घाना को 6 लाख कोविड वैक्सीन दी थी भारत और घाना अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे के मजबूत समर्थक रहे हैं। दोनों देश गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के सदस्य हैं और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों में मिलकर काम करते हैं। घाना ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के दावे का समर्थन किया है। जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और अन्य वैश्विक मुद्दों पर दोनों देश एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने घाना को वैक्सीन और चिकित्सा मदद दी थी। भारत ने घाना को 6 लाख कोविड वैक्सीन दी थी। गांधी के आदर्शों पर चलकर घाना को आजादी मिली क्वामे एन्क्रूमा घाना के सबसे बड़े नेता थे, जिन्हें ‘अफ्रीका का महात्मा गांधी‘ भी कहा जाता है। उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई के दौरान गांधीजी के विचार पढ़े और उनसे बहुत प्रभावित हुए। इसके बाद घाना आकर उन्होंने कन्वेंशन पीपुल्स पार्टी (CPP) बनाई और देश में आजादी की लड़ाई शुरू की। एन्क्रूमा ने इसके लिए अहिंसा, एकता और नागरिक अवज्ञा जैसे गांधीवादी तरीकों का इस्तेमाल किया। एन्क्रूमा का मानना था कि बिना हिंसा के ब्रिटिश शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन चलाकर ही घाना आजाद हो सकता है, जैसा गांधी ने भारत में किया था। एन्क्रूमा ने 1950 में ‘पॉजिटिव एक्शन’ नाम से देशभर में हड़ताल की अपील की। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा, लेकिन इससे उनकी लोकप्रियता और बढ़ गई। 6 मार्च 1957 को एन्क्रूमा की अगुआई में घाना अफ्रीका का पहला देश बना जिसने ब्रिटेन से आजादी हासिल की। घाना की आजादी का असर पूरे अफ्रीका पर पड़ा। लिहाजा बाकी देशों में भी आजादी की मांग तेज हो गई। कुछ ही साल बाद नाइजीरिया, केन्या, तंजानिया जैसे कई देशों ने ब्रिटिश, फ्रेंच या बेल्जियन उपनिवेशवाद से स्वतंत्रता हासिल की। ग्राफिक्स- विपुल शर्मा ------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... घाना में मोदी- यहां मौत पर जश्न मनाने का रिवाज:मछली-केकड़े जैसे डिजाइनर ताबूत में दफनाते हैं; अनोखी परंपरा के 15 PHOTOS प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पश्चिम अफ्रीका के देश घाना के लिए रवाना हो गए हैं। घाना की उनकी यह पहली यात्रा है। भारत से करीब 8 हजार किलोमीटर दूर घाना में 'गा' समुदायों के बीच लोगों की मौत पर जश्न मनाने की परंपरा है। यहां अंतिम संस्कार के लिए डिजाइनर ताबूत बनाए जाते हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर...