कालका-शिमला टॉय ट्रेन में नए पैनोरमिक कोच जल्द होंगे शुरू:बड़ी खिड़कियां और CCTV से लैस, तकनीकी खामियां दूर, ठंड में शुरू होने की संभावना
कालका-शिमला रेल खंड पर चलने वाले पैनोरमिक कोच को लेकर अच्छी खबर है। आधुनिक सुविधाओं से लैस इन कोचों का संचालन जल्द शुरू किया जाएगा। पहले ट्रायल के दौरान कुछ तकनीकी खामियां पाई गई थीं, जिन्हें सुधारने के लिए कोच को वापस कपूरथला कोच फैक्ट्री भेजा गया है। फिलहाल फैक्ट्री के विशेषज्ञ इन खामियों को दूर करने में जुटे हैं। अंबाला डिवीजन के रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सुधार कार्य पूरा होते ही ये कोच फिर से ट्रैक पर दौड़ने को तैयार होंगे। ये है कालका शिमला टॉय ट्रेन कालका-शिमला टॉय ट्रेन, जिसे "हेरिटेज टॉय ट्रेन" के नाम से भी जाना जाता है, ये भारत की एक प्रसिद्ध नैरो-गेज रेलवे है जो कालका से शिमला तक चलती है। यह 103 सुरंगों और 800 पुलों से गुजरते हुए 96 किलोमीटर की दूरी तय करती है और 20 स्टेशनों पर रुकती है। 1903 में शुरू हुई यह ट्रेन, 2008 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित की गई थी। अभी तक आई दिक्कतें जानकारी के अनुसार, ट्रेन का कई बार ट्रायल कराया गया है। जिसमें कभी ट्रेन के ऊंचाई पर चढ़ने के दौरान दिक्कत आ रही थी तो कभी कोच में यात्री सुविधाओं को लेकर। इसलिए इस बार बेहद ही बारीकी से सिलसिलेवार प्रत्येक खामी को चेक किया गया है, जिससे कि परीक्षण सफल हो और फिर रेलवे से हरी झंडी मिलते ही नए कोच का संचालन आरंभ हो सके। पैनोरमिक कोच में ये होती हैं सुविधाएं रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला की टीम ने पैनोरमिक कोच को यात्री सुविधाओं के हिसाब से तैयार किया है ताकि वो हरियाली से भरपूर विश्व धरोहर प्राप्त रेल खंड का अवलोकन कर सकें। पैनोरमिक कोच में बड़ी खिड़कियां लगाई गई हैं। इससे यात्रियों को बाहर का दृश्य स्पष्ट रूप से दिखाई देगा और वो यात्रा के दौरान प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा कोच में सीसीटीवी कैमरे, फायर अलार्म और अन्य सुरक्षा उपकर भी लगाए हैं। कमी हुई दूर, जल्द होगा संचालन सीनियर डीसीएम अंबाला डिवीजन नवीन कुमार झा ने बताया कि कोच में जो कमी मिली थी उनको दुरुस्त करने के लिए कोच फैक्ट्री भेजा गया था, अब उन सभी कमियों को लगभग दूर कर लिया गया है। इसका एक बार और फाइनल ट्रायल कराकर इसे शुरू कराया जाएगा। सूत्रों की मानें तो इस बार ठंड के मौसम में ये नए विस्टाडोम कोच शुरू किए जा सकते हैं। ठंड में बर्फबारी का लुत्फ इस रूट में यात्री उठा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार रेलवे भी इसी तैयारी में है। चूंकि ठंड में इस रूट पर डिमांड काफी बढ़ जाती है। जिसको देखते हुए अक्तूबर के बाद इसे शुरू किया जा सकता है।
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