अरोड़ा पंजाब के नए मंत्री बने, राजभवन में शपथ ली:मंत्री कुलदीप धालीवाल के इस्तीफे की चर्चा; संजीव को इनका ही विभाग मिल सकता है

राज्यसभा छोड़कर लुधियाना से उपचुनाव जीतने वाले संजीव अरोड़ा पंजाब सरकार के नए मंत्री बन गए हैं। गुरुवार को राजभवन में हुए समारोह में उन्होंने 17वें मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। लुधियाना वेस्ट उपचुनाव जीतने के बाद संजीव अरोड़ा को मंत्री बनाए जाने का वादा किया गया था। इसी वजह से उनकी कैबिनेट में एंट्री हुई है। AAP सरकार के करीब साढ़े 3 साल के कार्यकाल में यह 7वां कैबिनेट विस्तार है। इसके बाद मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, अरोड़ा को इंडस्ट्री और एनआरआई विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। NRI विभाग मौजूदा समय में कुलदीप धालीवाल के पास है। वहीं, चर्चा यह भी है कि धालीवाल की कैबिनेट से छुट्टी हो गई है। उनसे इस्तीफा मांगा गया है। इस पर जालंधर के विधायक मोहिंदर भगत ने बताया है कि कुलदीप शपथ समारोह में नहीं थे। विभागों का जल्द ऐलान किया जाएगा। पंजाब सरकार ने सितंबर 2024 में आखिरी बार कैबिनेट विस्तार किया था। इस दौरान हरदीप सिंह मुंडिया, बरिंदर कुमार गोयल, तरनप्रीत सिंह सौंद और मोहिंदर भगत को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। जबकि बलकार सिंह, चेतन सिंह जौड़ामाजरा, ब्रह्मशंकर जिंपा और अनमोल गगन मान की छुट्टी हुई थी। बता दें कि पंजाब में मुख्यमंत्री मान समेत मंत्रिमंडल में 18 मंत्री हो सकते हैं। अरोड़ा के कैबिनेट में शामिल होने के बाद अब मंत्रीमंडल में 17 मंत्री हो गए हैं। अब मंत्रिमंडल में केवल एक सीट खाली रह गई है। पहले गवर्नर के बाहर होने से टला था समारोह
विधायक चुने जाने के पहले से अरोड़ा का मंत्रिमंडल में शामिल होना तय था। क्योंकि, AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अरोड़ा के चुनाव प्रचार के दौरान घोषणा थी, कि लोग उन्हें विधायक बनाएं, हम उन्हें मंत्री बनाएंगे। इससे पहले 1 जुलाई को अरोड़ा ने अपनी राज्यसभा की मेंबरशिप से इस्तीफा दिया। यह समारोह पहले भी हो सकता था, लेकिन उस समय गवर्नर गुलाब चंद कटारिया उदयपुर के दौरे पर थे। अब वे चंडीगढ़ आ गए हैं। इसके बाद गुरुवार को शपथ समारोह होना तय हुआ है। यहां जानिए कब-कब हुआ मंत्रिमंडल में विस्तार... लुधियाना वेस्ट के उपचुनाव में जीते संजीव अरोड़ा
पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव में लुधियाना वेस्ट से गुरप्रीत सिंह गोगी विधायक बने थे, लेकिन जनवरी 2025 में उनकी खुद की पिस्तौल से गोली चलने से घर पर ही मौत हो गई थी। इसके बाद यह सीट खाली हो गई थी। इस सीट को भरने के लिए निर्वाचन आयोग ने जून में उपचुनाव करवाए। इस उपचुनाव में AAP ने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया। इसके प्रचार में CM भगवंत मान और पार्टी सुप्रीमो केजरीवाल ने लोगों से वादा किया था कि अगर अरोड़ा विधायक बने तो उन्हें मंत्री बनाया जाएगा। इसके बाद लोगों ने अरोड़ा को दिल खोलकर वोट दिए। अरोड़ा ने 10,637 मतों के अंतर से जीत हासिल की। उन्हें प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार भारत भूषण आशु से 43.34% अधिक वोट मिले। उपराष्ट्रपति को सौंप चुके हैं इस्तीफा
उपचुनाव में जीत के बाद संजीव अरोड़ा ने राज्यसभा के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया हैं। अरोड़ा ने मंगलवार को नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति आवास में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उन्हें अपना त्यागपत्र सौंपा। वहीं, अब अरोड़ा के इस्तीफा देने से पार्टी की ओर से राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल इस मौके को भुनाते हुए राज्यसभा जा सकते हैं।