हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर अजय देवगन का दिखा सिंघम अवतार:'सन ऑफ सरदार 2' के ट्रेलर लॉन्च पर कहा- 'आता माझी सटकली'

Jul 14, 2025 - 23:22
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हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर अजय देवगन का दिखा सिंघम अवतार:'सन ऑफ सरदार 2' के ट्रेलर लॉन्च पर कहा- 'आता माझी सटकली'
महाराष्ट्र में इन दिनों हिंदी बनाम मराठी को लेकर विवाद चल रहा है। आए दिन मराठी न बोलने की वजह से हिंदी भाषियों के साथ मारपीट की जा रही है। 'सन ऑफ सरदार 2' के ट्रेलर लॉन्च के दौरान जब अजय देवगन से एक महिला पत्रकार ने इस मुद्दे पर सवाल पूछा तो एक्टर अपने सिंघम मोड में आ गए। दरअसल, सवाल-जवाब राउंड के दौरान एक महिला पत्रकार एक्टर से पूछती हैं कि इन दिनों महाराष्ट्र में भाषा को लेकर बहुत बात हो रही है। तभी अजय उन्हें बीच में टोकते हुए कहते हैं- 'आप थोड़ी लेट हैं। मैं इंतजार ही कर रहा था कि मुझसे ये सवाल कौन पूछेगा।' फिर वो अपनी बात जारी रखते हुए कहते हैं- ‘भाषा को लेकर चल रहे विवाद के बारे में, मैं आपको सिर्फ इतना कह सकता हूं, आता माझी सटकली।' अजय के सिंघम अवतार को देखते ही वहां मौजूद सभी लोग हंसने लगते हैं। कई सेलेब्स दे चुके हैं अपना रिएक्शन गौरतलब है कि हिंदी बनाम मराठी को लेकर चल रहे विवाद पर आम नागरिक खुलकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वहीं, कुछ सेलेब्स इस पर रिएक्शन दे रहे हैं और कुछ बच रहे हैं। हाल ही में ‘केडी द डेविल’ के ट्रेलर लॉन्च इवेंट में शिल्पा शेट्टी और संजय दत्त से इस मुद्दे को लेकर सवाल पूछा गया था, तब दोनों ने ही इस मुद्दे पर बात करने से मना कर दिया था। लेकिन शिल्पा ने खुद को महाराष्ट्र की मुलगी बताते हुए इतना कहा था- 'माला मराठी येते।' यानी कि मुझे मराठी आती है। वहीं, सिंगर उदित नारायण ने हिंदी बनाम मराठी मुद्दे पर कहा था- 'मैं महाराष्ट्र में रहता हूं और ये मेरी कर्मभूमि है। इस वजह से यहां की भाषा जरूरी है। साथ ही, देश की सभी भाषाएं समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।' इस मुद्दे पर गायक अनूप जलोटा ने कहा, 'देखिए, हमारे देश में हर भाषा का बहुत महत्व है और हमें मराठी बहुत पसंद है। मैं भी मराठी में गाता हूं। हिंदी हमारे देश की मातृभाषा है, इसलिए हमें इसे हर जगह बोलना ही होगा। लेकिन अगर हम दूसरी भाषाएं जानते हैं, तो यह सबके लिए अच्छा है। दूसरी भाषाएं सीखें और उन्हें बोलें और अपनी मातृभाषा हिंदी बोलें।' क्यों शुरू हुआ विवाद? बता दें कि महाराष्ट्र में अप्रैल में 1 से 5वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी अनिवार्य की गई थी। ये फैसला राज्य के सभी मराठी और अंग्रेजी मीडियम स्कूलों पर लागू किया गया था। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के नए करिकुलम को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र में इन क्लासेज के लिए तीन भाषा की पॉलिसी लागू की गई थी। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद अपडेटेड गाइडलाइंस जारी की गई।

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