स्वास्थ्य मंत्रालय:राजस्थान मेडिकल काउंसिल ने रजिस्ट्रेशन निरस्त किया फिर भी इलाज कर रहा डॉक्टर

जिले में नवलगढ़ के जिला अस्पताल में एक ऐसा डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहा है, जिसका रजिस्ट्रेशन एक साल पहले ही कैंसिल कर दिया गया था। इसके बावजूद जिम्मेदारों की उस पर मेंहरबानी बनी हुई है। वह हर महीने राजकोष से एक लाख रुपए से अधिक वेतन उठा रहा है। राजस्थान मेडिकल काउंसिल (आरएमसी) ने नवलगढ़ के जिला अस्पताल में पदस्थापित डॉ. मोहम्मद साजिद का एक साल पहले 12 जून 2024 को रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था। आरएमसी में डॉक्टर के रूप में रजिस्ट्रेशन के लिए डॉ. साजिद ने किर्गिस्तान के कॉलेज से 2008 में जारी एमबीबीएस की डिग्री और 2010-11 में जारी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स (एफएमजी) एग्जाम का सर्टिफिकेट लगाया। इनके आधार पर 2012 में आरएमसी ने रजिस्ट्रेशन कर दिया और वे डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज करने लगे। पिछले साल स्वास्थ्य मंत्रालय को मिली शिकायत के आधार सीबीआई ने दस्तावेजों की जांच की तो डॉ. साजिद के दस्तावेज फर्जी पाए गए। एनएमसी के रिकॉर्ड में उनका एफएमजी सर्टिफिकेट ही नहीं है। इस आधार पर आरएमसी ने पिछले साल 12 जून को डॉ. साजिद समेत प्रदेश के आठ डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए थे। आरएमसी रजिस्ट्रार डॉ. गिरधर गोपाल गोयल का कहना है कि पिछले साल सीबीआई की जांच के बाद एनएमसी के निर्देशानुसार जिन आठ डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए थे। उनमें डॉ. मोहम्मद साजिद भी हैं। अब भी कहीं सरकारी अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं या नहीं, इसकी उन्हें जानकारी नहीं हैं। रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सूचना चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय को दी जा चुकी है। आगे की कार्रवाई का अधिकार उन्हीं का है। इस संबंध में नवलगढ़ अस्पताल के पीएमओ डॉ. सुनील सैनी का कहना है कि आरएमसी ने डॉ. साजिद का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया है या नहीं, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। मेरे पास सीएमएचओ, जॉइंट डायरेक्टर या किसी भी स्तर से कोई सूचना नहीं आई। वैसे भी रजिस्ट्रेशन कैंसिल हुआ है तो कार्रवाई करने का अधिकार निदेशालय को है। वहां से हमारे पास तो सिर्फ सूचना आती है। तो उसकी पालना करा दी जाएगी। नवलगढ़ चिकित्सा अधिकारी डॉ. मोहम्मद साजिद का कहना है कि कुछ समय पहले आरएमसी द्वारा मुझे बताया गया था कि आप का एनएमसी दिल्ली रजिस्ट्रेशन शो नहीं हो रहा है। इसलिए आप एक बार दोबारा अपने सभी मूल दस्तावेज सत्यापित करवाएं। तब मैंने अपने सारे मूल दस्तावेज उनके यहां दे दिए थे। अब जो भी वे सत्यापन करते हैं, मैं उसके लिए तैयार हूं।