सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की तैयारी:वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा की तर्ज पर दलित समाज को यात्रा कराएगी सरकार, आंबेडकर से जुड़े 5 स्थान चिह्नत

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की तैयारी:वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा की तर्ज पर दलित समाज को यात्रा कराएगी सरकार, आंबेडकर से जुड़े 5 स्थान चिह्नत
राजस्थान सरकार अब वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना की तर्ज पर बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के जीवन से जुड़े पंचतीर्थ स्थलों के दर्शन कराएगी। इसके लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने योजना बनाई है। योजना का लाभ केवल अनुसूचित जाति के मूल निवासियों को मिलेगा। आयकरदाता इस योजना के पात्र नहीं होंगे। लाभार्थी जीवन में केवल एक बार ही इस यात्रा का लाभ उठा सकेंगे। यात्रा का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी और यह यात्रा बस, रेल व हवाई मार्ग से कराई जाएगी। हालांकि, योजना कब से शुरू होगी, यह अभी तय नहीं है। योजना का उद्देश्य दलित समाज के लोगों को बाबा साहब के जीवन और विचारों से परिचित कराना है। दूसरी ओर, राजनीतिक विश्लेषक इस योजना के पीछे दलित वोट बैंक साधने की रणनीति भी देख रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार यह योजना पहले ही चला रही है। आवेदन प्रक्रिया व चयन यात्रा के लिए आवेदन ऑनलाइन पोर्टल के साथ-साथ ऑफलाइन मोड में भी होंगे। इसके लिए आधार या जनआधार कार्ड अनिवार्य होगा। चयन जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। हर चरण में 200 यात्रियों की वेटिंग सूची भी तैयार की जाएगी। अनुमान है कि एक वर्ष में तीन चरणों में यात्रा कराई जाएगी और प्रत्येक चरण में लगभग 2000 से अधिक यात्री शामिल होंगे। बाबा का जन्मस्थान, निर्वाण भूमि, चैत्य भूमि देख सकेंगे विभाग के अनुसार जयपुर को केंद्र मानते हुए यात्रा शुरू होगी। जयपुर से दिल्ली (हलीपुर)-319 किमी, दिल्ली से महू (म.प्र.)-816 किमी, महू से नागपुर-722 किमी, नागपुर से मुंबई (इंदुमिल)-558 किमी और अंत में मुंबई से जयपुर वापसी 1181 किमी। इस प्रकार कुल यात्रा 3596 किमी की होगी। ये पांच स्थल डॉ. आंबेडकर के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण पड़ाव हैं। महू बाबा का जन्मस्थान, नागपुर दीक्षा भूमि है। हलीपुर महापरिनिर्वाण भूमि, जबकि इंदुमिल डॉ. आंबेडकर की चैत्य भूमि/श्मशान स्थल है।