आरएनटी मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में डॉक्टर की मौत मामला:चीफ वार्डन सहित 3 कर्मचारी हटाए, मानवाधिकार आयोग ने कलेक्टर-एसपी व डॉक्टरों से मांगा जवाब

आरएनटी मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में डॉ. रवि शर्मा की मौत के 5 दिन बाद सोमवार को कॉलेज प्रशासन एक्शन में आया। प्रिंसिपल डॉ. विपिन माथुर ने चीफ वार्डन नरेंद्र बंसल, वॉर्डन ऑफिस के वरिष्ठ सहायक हीरालाल पालीवाल व वीरेंद्र को पद से हटा दिया। साथ ही हॉस्टलों में केयर टेकर नियुक्त करने का निर्णय भी लिया गया। हटाए गए दोनों कर्मचारियों को अब प्रशासनिक भवन में उपस्थिति देने के आदेश दिए गए हैं। अब राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले में दखल दिया है। आयोग ने आरएनटी प्रिंसिपल, जयपुर के एसएमएस कॉलेज के प्रिंसिपल, कलेक्टर नमित मेहता, पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल और राजस्थान मेडिकल काउंसिल, जयपुर के रजिस्ट्रार को नोटिस दिया है। इसमें तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए हैं। अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी। इस बीच, रेजिडेंट्स की हड़ताल सोमवार को पांचवें दिन भी जारी रही। सुबह से देर शाम तक रेजिडेंट्स ने अलग-अलग तरीकों से विरोध-प्रदर्शन किया। कॉलेज प्रशासन और रेजिडेंट्स डॉक्टर्स के बीच जारी इस खींचतान में मरीजों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को मरीजों की भीड़ ज्यादा रही। लोगों को इलाज के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ा। सोमवार को नागौर के मकराना में मौत के छठे दिन डॉ. रवि का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। रेजिडेंट्स बोले-हमारी मांगें नहीं मानीं तो आज से भूख हड़ताल पर उतरेंगे कॉलेज प्रशासन की ओर से सोमवार को तीन कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई से रेजिडेंट संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि हमारी मांग चीफ वार्डन डॉ. नरेंद्र बंसल सहित अन्य दोषियों के निलंबन की है। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ. आशीष महंत ने कहा कि अगर मंगलवार रात तक मांगें नहीं मानी गई तो भूख हड़ताल की जाएगी। पूरा घटनाक्रम समझाने के लिए मंगलवार को नुक्कड़ नाटक भी किया जाएगा। इससे पहले रेजिडेंट्स ने सुबह कॉलेज परिसर में प्रशासन के खिलाफ रैली निकाली। प्रशासन के शव के पुतले की अंतिम यात्रा निकाली गई और प्रशासनिक भवन के सामने उसे जलाया गया। शाम 6 बजे से आरएनटी कॉलेज से चेतक सर्किल, हाथीपोल, देहली गेट होते हुए कलेक्ट्री तक आक्रोश रैली निकाली। ओपीडी में 8 बजे से पहले कतारें, 150 की जगह महज 37 सर्जरी सोमवार को पांचवें दिन भी रेजिडेंट्स की हड़ताल के कारण आरएनटी से जुड़े 6 अस्पतालों एमबी, जनाना, टीबी, सुपर स्पेशलिटी, हिरण मगरी व चांदपोल सैटेलाइट अस्पताल की सेवाएं चरमराई रहीं। सुबह 8 बजे ओपीडी शुरू होने से पहले ही मरीजों की लंबी लाइनें लग गईं। मरीजों को 2-2 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। पहले जहां 10 डॉक्टर मरीजों को देखते थे, वहां अब सिर्फ 2-3 डॉक्टर देख रहे हैं। एमबी में सोमवार को ओपीडी में 4857 मरीज पहुंचे। सामान्य दिनों में यह संख्या 5 हजार के करीब रहती है। यह संख्या यूं तो सामान्य के करीब रही, लेकिन डॉक्टर नहीं होने से मरीज परेशान रहे। आईपीडी में औसतन 300-400 मरीज भर्ती किए जाते हैं, लेकिन सोमवार को 218 को ही भर्ती किया गया। सर्जरी भी 100-150 रोज के मुकाबले 37 ही हुई। बीते 5 दिन से लगभग 60-70% ऑपरेशन टाले जा रहे हैं। सिर्फ जरूरी ऑपरेशन ही हो रहे हैं। ओपीडी के कारण सीनियर डॉक्टर भी वार्ड में भर्ती मरीजों को संभाल नहीं पा रहे हैं। यह है मामला...करंट से मौत को लेकर हड़ताल कर रहे हैं रेजिडेंट आरएनटी मेडिकल कॉलेज में 18 जून को रात करीब 2 बजे मकराना (नागौर) के रहने वाले डॉ. रवि शर्मा की मौत हो गई थी। रेजिडेंट्स के मुताबिक डॉ. रवि हॉस्टल के कॉरिडोर में रखे वाटर कूलर से पानी भर रहे थे। इसी दौरान करंट लगने से उनकी मौत हो गई। कॉलेज प्रशासन का दावा है कि मौत करंट से नहीं हुई है। उदयपुर की टीम ने अगले दिन गुरुवार को पोस्टमार्टम किया। इससे असंतुष्ट होने पर परिजन-रेजिडेंट्स की मांग पर कलेक्टर ने जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज की टीम से दोबारा पोस्टमार्टम कराने को कहा। शनिवार को जयपुर की टीम ने पोस्टमार्टम किया। उसने करंट की आशंका से इनकार नहीं किया, जबकि उदयपुर की रिपोर्ट में करंट का कहीं उल्लेख ही नहीं था। रविवार को परिजन शव लेने पर राजी हुए। रेजिडेंट मृतक के परिजनों को 2 करोड़ मुआजवा देने, आश्रित को सरकारी नौकरी और प्रिसिंपल डॉ. विपिन माथुर, चीफ वार्डन डॉ. नरेंद्र बंसल समेत सभी जिम्मेदारों को निलंबन की मांग कर रहे हैं। रेजिडेंट्स ने शाम 6 बजे से चेतक सर्किल, देहली गेट, कलेक्ट्री तक आक्रोश रैली निकाली। इससे पहले कॉलेज परिसर में शव यात्रा निकाली। रेजिडेंट्स संतुष्ट नहीं, बोले-पद से हटाना अपर्याप्त, निलंबन हो रेजिडेंट्स के प्रतिनिधिमंडल ने राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन, उदयपुर से मुलाकात की। सेक्रेटरी डॉ. तरुण रलोत व अन्य टीचर्स के साथ इस बैठक में रेजिडेंट्स की समस्याएं सुनी गई। इनके जल्द निराकरण का आश्वासन दिया गया और मरीजों के हित में हड़ताल खत्म करने की समझाइश की गई। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर परिवार को मुआवजा देने और निष्पक्ष जांच कराने की अपील की। अध्यक्ष डॉ. एम.पी.शर्मा, सचिव डॉ. पी.सी. गर्ग आदि ने यह पत्र लिखा। प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टरों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर और 2 घंटे कार्य बहिष्कार कर अपने साथियों के लिए न्याय की मांग की। विप्र फाउंडेशन, जोधपुर ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। कई जिलों में सेवारत चिकित्सक संघ ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया।