कीचड़ में फंसी कार में मिली BSF जवान की लाश:चेहरा कुचला गया था, लहूलुहान थी बॉडी, साथ गया भतीजा लापता, 6 साल पुराना केस, पार्ट-1

11 सितंबर, 2019 एशिया की सबसे बड़ी मार्बल मंडी किशनगढ़ (अजमेर) शहर के पास बसे छोटे से गांव तिलोनिया के लोग सुबह- सुबह गांव के बाहर स्थित तालाब के पास पहुंचे। उन्हें कीचड़ में फंसी एक कार दिखाई दी। कार किसकी है और यहां कैसे फंस गई…इसी उधेड़बुन के साथ लोग कार के पास पहुंचे तो उसमें ड्राइवर नहीं था। गांव वालों ने एक ट्रैक्टर की मदद से कार को बाहर निकाला। शीशों पर खून के धब्बे दिखाई दिए। इससे ग्रामीणों को किसी अनहोनी की आशंका हुई। उन्होंने अंदर झांक कर देखा तो पीछे की सीट पर एक युवक की लाश पड़ी थी। लोगों ने तुरंत फोन करके इसकी सूचना बांदरसिंदरी थाने को दी। शरीर पर कई जगह चोटों के निशान
कार में लाश की सूचना मिलते ही तत्कालीन SHO मूलचंद वर्मा पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए थे। तब तक मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। पुलिस ने पड़ताल की तो सामने आया कि युवक (मृतक) का चेहरा किसी भारी चीज से बुरी तरह कुचला हुआ था। इसके अलावा उसके शरीर पर भी कई जगह चोटों के निशान थे। शरीर कई जगह से गोदा हुआ था। अब तक ये साफ हो गया था कि ये हत्या थी। एसएचओ वर्मा ने वहां मौजूद लोगों से युवक की पहचान कराने का प्रयास किया। तिलोनिया के एक व्यक्ति ने शव की पहचान कर दी। उसने बताया कि शव माला गांव के रहने वाले फौजी प्रधान गुर्जर की है। कार भी उसी की है। ये जानकारी सामने आते ही पुलिस ने फौजी प्रधान गुर्जर (मृतक) के घर वालों को फोन कर हत्या की जानकारी दी। छोटे भाइयों से मिलने अजमेर गया था
बेटे की हत्या की जानकारी मिलते ही फौजी प्रधान के पिता गोप गुर्जर मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस को बताया कि प्रधान गुर्जर सीमा सुरक्षा बल (BSF) में था। उसकी पोस्टिंग सिक्किम में थी। वह कुछ दिन पहले ही छुट्टी लेकर गांव आया था। वह शादीशुदा था। उसके 2 बेटे भी थे, जिनकी उम्र 3 साल और डेढ़ साल थी। गोप गुर्जर ने बताया कि प्रधान 10 सितंबर, 2019 की सुबह अजमेर जाने को कहकर करीब साढ़े 8 बजे घर से कार लेकर निकला था। उसके 2 छोटे भाई अजमेर के पास भूणाबाय स्थित एक डिफेंस एकेडमी में पढ़ रहे थे। प्रधान उनसे ही मिलने गया था। पुलिस को पता चला कि भाइयों से मिलने के बाद प्रधान जब गांव लौट रहा था, तब उसके साथ उसका रिश्ते का भतीजा जीतू उर्फ जीतराम गुर्जर और 2 अन्य लोग भी थे। यह जानकारी डिफेंस एकेडमी के संचालक शंकर थाकण ने पुलिस को दी थी। प्रधान गुर्जर और उसके तीनों साथी रात के करीब साढ़े 8 बजे एकेडमी से निकले थे, लेकिन घर नहीं पहुंचे थे। BSF जवान की हत्या की घटना से ग्रामीणों में गुस्सा फैल गया। उनका कहना था कि प्रधान गुर्जर को तो मार ही डाला, साथ ही उस के भतीजे जीतू गुर्जर का भी कोई अता-पता नहीं है। कहीं उसका भी तो मर्डर नहीं कर दिया गया। प्राइवेट पाट्र्स पर भी बेरहमी से वार
गांव वालों के गुस्से को भांप कर तत्कालीन SHO मूलचंद वर्मा ने घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को देकर स्थिति से अवगत कराया। खबर मिलते ही तत्कालीन सीओ (ग्रामीण) सतीश यादव घटनास्थल पर आ गए। उन्होंने गुस्साए ग्रामीणों को समझाया कि पुलिस हत्यारों को जल्द गिरफ्तार कर लेगी। इधर, डिफेंस एकेडमी से खबर मिलते ही प्रधान गुर्जर के छोटे भाई भी घटनास्थल पर आ गए। घर वालों का रो-रो कर बुरा हाल था। वे समझ नहीं पा रहे थे कि प्रधान की हत्या किसने और क्यों की? कार में एक डंडा भी पड़ा हुआ था, जिस पर खून लगा था। शव की जांच में पता चला कि प्राइवेट पाट्र्स पर भी बेरहमी से वार किए गए थे। मौके की कार्रवाई पूरी करने के बाद पुलिस ने दोपहर करीब सवा 12 बजे शव को पोस्टमाॅर्टम के लिए किशनगढ़ के राजकीय यज्ञ नारायण हॉस्पिटल भेज दिया। ग्रामीणों ने पोस्टमॉर्टम का विरोध किया
सैकड़ों गांव वाले यज्ञ नारायण हॉस्पिटल पहुंच गए। दोपहर करीब 2 बजे ग्रामीणों की भीड़ अचानक बिफर गई। उन्होंने पोस्टमाॅर्टम करने का विरोध किया। उनका कहना था कि प्रधान गुर्जर का भतीजा जीतू गुर्जर भी लापता है। पहले पुलिस उसका भी पता लगाए कि कहीं उसके साथ कोई अनहोनी तो नहीं हो गई है। भीड़ कोई हंगामा खड़ा न कर दे, इसलिए तत्कालीन एडिशनल एसपी (ग्रामीण) किशन सिंह भाटी भी हॉस्पिटल पहुंच गए। प्रधान गुर्जर के घर वाले और अन्य लोग जीतू गुर्जर का पता लगाने तक पोस्टमाॅर्टम न कराने की बात पर अड़े थे। क्षेत्रीय विधायक सुरेश टांक और सांसद भागीरथ चौधरी भी राजकीय यज्ञ नारायण हॉस्पिटल पहुंचे। दोनों नेताओं ने परिजनों को सांत्वना दी। पुलिस अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। सांसद भागीरथ चौधरी और विधायक सुरेश टांक के समझाने के बाद परिवार वाले और ग्रामीण पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हुए। इसके बाद पुलिस ने डॉक्टर गुरुशरण चौधरी, डॉक्टर सुनील बैरवा और डॉक्टर श्यामसुंदर के मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमाॅर्टम कराया गया। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया था। केस के लिए गठित की स्पेशल टीम
मामला BSF जवान की हत्या का था, इसलिए तत्कालीन अजमेर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने इस केस के खुलासे के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया। तत्कालीन एडिशनल एसपी (ग्रामीण) किशन सिंह भाटी के निर्देशन और सीओ (ग्रामीण) सतीश यादव के नेतृत्व में गठित टीम में थाना बांदरसिंदरी के तत्कालीन SHO मूलचंद वर्मा, अरांई SHO विक्रम सेवावत, SI इंद्र सिंह, ASI कुलदीप सिंह, हेड कॉन्स्टेबल श्रवणलाल, भंवर सिंह, सिपाही जय सिंह, गोपाल, रामगोपाल जाट आदि शामिल थे। एसपी कुंवर राष्ट्रदीप का आदेश मिलते ही टीम ने इन्वेस्टिगेशन स्टार्ट कर दिया। प्रधान गुर्जर (मृतक) के परिवार वालों से उसके अजमेर जाने और शाम को अजमेर से वापस आने की बात सामने आई। इस पर पुलिस ने हाईवे पर टोल बूथों पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले। कार में भतीजे के अलावा 2 और लोग थे
पुलिस इन्वेस्टिगेशन टीम ने प्रधान गुर्जर के मोबाइल फोन की काॅल डिटेल्स निकलवा कर यह पता करने की कोशिश कि वह आखिरी बार किसके साथ रहा और किसके संपर्क में था? प्रधान गुर्जर अजमेर के भूणाबाय स्थित जीत डिफेंस एकेडमी में पढ़ रहे अपने भाइयों से भी मिलने गया था। इस बारे में पुलिस ने एकेडमी संचालक शंकर थाकण से भी पूछताछ की। शंकर थाकण ने बताया कि रात 8 बजे प्रधान गुर्जर के साथ 3 लोग कार से आए थे। इनमें एक उन का भतीजा जीतू था। जीतू कार से नीचे उतरा था, जबकि 2 युवक कार में ही बैठे रहे। वे दोनों कार से नीचे नहीं उतरे थे। प्रधान ने शंकर थाकण से अपने भतीजे जीतू का परिचय कराया था। शंकर ने पुलिस को बताया कि उसने प्रधान गुर्जर और उसके साथियों को चाय पिलाई थी। कार में बैठे 2 लोगों के लिए चाय कार में ही भेजी गई थी। उनसे एकेडमी में आकर चाय पीने का आग्रह किया गया था, मगर वे कार से नहीं उतरे थे। चाय पीते समय प्रधान गुर्जर के मोबाइल पर किसी का फोन आया था। उन्होंने फोन करने वाले से कहा था कि वह तुरंत किशनगढ़ जाकर मिलते हैं। इसके बाद वह उसी समय किशनगढ़ के लिए रवाना हो गए थे। तब तक रात के साढ़े 8 बज चुके थे। प्रधान के साथ गए तीनों युवक घरों से गायब
प्रधान गुर्जर के पिता गोप गुर्जर ने पुलिस को बताया कि प्रधान के मोबाइल पर फोन कर के उन्होंने ही उससे घर आने के बारे में पूछा था। तब उसने बताया था कि वह अजमेर से निकल गया है और थोड़ी देर में घर पहुंच जाएगा। इसके बाद प्रधान का फोन बंद हो गया था। इस पूछताछ एवं घटनाक्रम से पुलिस को लगा कि प्रधान गुर्जर के साथ जो लोग मौजूद थे, अब वो ही इस हत्या का असली सच बता सकते हैं। इधर इन्वेस्टिगेशन में पुलिस को पता चला कि प्रधान गुर्जर 10 सितंबर, 2019 को अपने भतीजे जीतू उर्फ जितेंद्र गुर्जर और उस के दोस्त रामवतार व हनुमान निवासी किशनगढ़ के साथ अजमेर दरगाह और पुष्कर घूमने गया था। पुलिस ने इन तीनों की तलाश की तो वे सभी अपने-अपने घरों से गायब थे। उनका भी कोई अता-पता नहीं चल रहा था। अब तक की पड़ताल में पुलिस BSF जवान प्रधान गुर्जर की हत्या का खुलासा तो दूर इन्वेस्टिगेशन में ही कई सवालों में उलझ गई थी, जिनके जवाब ढूंढे बिना सच जानना मुश्किल था। कल पार्ट-2 में पढ़िए इन सभी सवालों के जवाब…