घोटाले का मामला:भरतपुर व डीग जिले में 10 हजार लोगों ने एक ही आधार से दो राज्यों में उठाया गेहूं

घोटाले का मामला:भरतपुर व डीग जिले में 10 हजार लोगों ने एक ही आधार से दो राज्यों में उठाया गेहूं
जिले में एक ही आधार कार्ड पर दो-दो जगह से राशन उठाने के हजारों मामले सामने आए हैं। जिला रसद कार्यालय की आधार डी-डुप्लीकेशन रिपोर्ट के मुताबिक, 10,314 लोगों के राशन कार्ड डुप्लीकेट मिले हैं, जिनमें से अब तक सिर्फ 3,795 पर ही कार्रवाई हो सकी है। बाकी 6,519 मामलों में अब भी फर्जीवाड़ा चल रहा है। यह गड़बड़ी राज्य के अंदर और राज्य के बाहर दोनों स्तरों पर है। सबसे ज्यादा गड़बड़ी वाले ब्लॉकों में रूपवास, नगर, कामां और पहाड़ी शामिल हैं। यह घोटाला उस वक्त सामने आया, जब राष्ट्रीय स्तर पर PDS डेटा इंटीग्रेशन हुआ और राशन कार्डों को आधार से जोड़ा गया। इन तीन केसों से जाने कैसे हुई गड़बड़ी केस 1: भरतपुर निवासी बबीता कुमारी हरियाणा के पलवल में पिछले कई सालों से राशन ले रही हैं। इनका भरतपुर के राशन कार्ड में भी इनका नाम है, यहां भी इनके नाम से गेहूं लिया जा रहा है। दोनों जगह एक ही आधार 4898 नंबर जुड़ा है। केस 2: भरतपुर की पूजा का नाम भरतपुर और दिल्ली के राशन कार्डों में जुड़ा है। दोनों राशन कार्ड में एक ही आधार कार्ड लगाया गया है, जिसकी अंतिम संख्या 6334 है। दोनों जगहों से नियमित राशन लिया जा रहा है। केस 3: अजय कुमार भी भरतपुर और यूपी के देवरिया से फ्री का सरकारी राशन ले रहे हैं। दोनों ही राशन कार्डों में एक ही आधार नंबर जुड़ा है, जिसका अंतिम नंबर 8922 है। राजस्थान के 70769 उपभोक्ता दो स्थानों से ले रहे राशन विभागीय अफसरों के अनुसार आंध्र प्रदेश में 493, अरुणाचल प्रदेश में 22,बिहारी में 549, छत्तीसगढ़ में 245, दिल्ली में 9631, गुजरात में 2559, हरियाणा में 27277, हिमाचल प्रदेश में 31, जम्मू कश्मीर में 17, झारखंड में 1049, कर्नाटक में 178, मध्य प्रदेश में 14487, महाराष्ट्र में 2823, नागालैंड में 14, उड़ीसा में 363, पंजाब में 1459, तमिलनाडु में 258, उत्तराखंड में 165, यूपी में 7763 और पश्चिम बंगाल में 413 उपभोक्ता राशन ले रहे हैं। इस तरह कुल 70769 उपभोक्ता राशन उठा रहे हैं। फर्जीवाड़े की दो परतें... राज्य के भीतर और बाहर रसद विभाग के अफसरों के अनुसार रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कई लाभार्थी राजस्थान के दो जिलों या दूसरे राज्यों में एक साथ राशन उठा रहे हैं। राशनकार्ड में नाम और आधार नंबर वही है, पर स्टेट या ब्लॉक बदल जाता है। जिला रसद अधिकारी बोले एक स्थान से हटाया जा रहा नाम... पवन अग्रवाल ने बताया कि सभी चिन्हित लाभार्थियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। सत्यापन के बाद जिनका नाम दो जगह मिला, उन्हें एक जगह से हटाया जा रहा है। अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में तो एक स्थान से नाम हटाना आसान है लेकिन भरतपुर और अन्य राज्यों से जो उपभोक्ता राशन ले रहे हैं, उनके नाम हटाने में मुश्किल आ रही है।