राजवीर घर पर रोजाना वीडियो कॉल करते थे, रविवार को कॉल नहीं, हादसे की खबर आई

उत्तराखंड के केदारनाथ में रविवार सुबह हुए हेलीकॉप्टर क्रैश हादसे में जान गंवाने वाले पायलट राजवीर सिंह चौहान की मौत की खबर सुनते ही उनके घर में कोहराम मच गया। राजवीर जयपुर के शास्त्रीनगर स्थित राणा कॉलोनी के रहने वाले थे। खबर सुनते ही परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और कॉलोनी के लोग राजवीर के घर पहुंचने लगे। कॉलोनी में सन्नाटा पसर गया। घर के बाहर बैठे दोस्त एक-एक करके उनकी अच्छाई के किस्से बता रहे थे। इसी बीच कोई रिश्तेदार आ जाता, तो सभी आंखें नम हो जाती थीं। कुछ देर मायूस रहने के बाद फिर से एक-दूसरे से बातचीत शुरू करते। शाम होते ही बड़े भाई चन्द्रवीर घर से निकले और राजवीर की देह लेने के लिए देहरादून रवाना हो गए। आर्मी स्टाफ यूनिट का भी हिस्सा थे पिता गोविंद सिंह चौहान बोले, राजवीर रोजाना सुबह-सुबह वीडियो कॉल करता था। बच्चों को देखने के बाद मां-पिता से भी बात करता था। रविवार को सुबह जल्दी की उड़ान में जाने के कारण वीडियो कॉल नहीं किया और कुछ ही देर बाद हादसे की खबर मिली। राजवीर के साथी कैप्टन वीके सिंह ने कॉल कर हादसे के बारे में बताया। राजवीर को पहाड़ी क्षेत्र में हेलीकॉप्टर उड़ाने का काफी अनुभव था। वह चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यूनिट का हिस्सा भी रह चुके। नौकरी के दौरान सेना के कई रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल रह चुके। ऐसे में उन्होंने रिटायरमेंट के बाद वापस प्राइवेट कंपनी जॉइन कर ली। साथी कैप्टन ने पिता को बताया कि उड़ान के दौरान राजवीर का आिखरी मैसेज था कि लैंडिंग के लिए लेफ्ट टर्न कर रहा हूं। तुरंत बाद ही हादसा हो गया। केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश: आखिरी मैसेज: लैंडिंग के लिए लेफ्ट टर्न ले रहा हूं और हो गया हादसा राजवीर की पत्नी दीपिका भी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। वह डिलीवरी के लिए कई दिनों से छुट्टी पर चल रही हैं। राजवीर 14 साल सेना की एविएशन विंग में सेवाएं दे चुके, उन्हें 2 हजार से ज्यादा घंटे का फ्लाइंग अनुभव भी था। हादसे की खबर मिली तो कॉलोनी के लोग छुट्टी कर वही मौजूद रहे और परिवार को ढांढस बंधा रहे थे। हादसे की खबर के बाद राजवीर के स्कूल- कॉलेज व बचपन के दोस्त और सर्विस के साथी भी पहुंच गए। हादसे की सूचना के बाद प्रशासन की तरफ से एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत, एसडीएम राजेश जाखड़ और एसएचओ महेन्द्र सिंह राजवीर के घर पहुंच गए थे।