पारंपरिक लोक और शास्त्रीय नृत्य की मिल रही जानकारी:कार्यशाला में 50 से अधिक बालिकाएं और महिलाएं ले रही हैं हिस्सा, नृत्य गुरु नीति भट्ट दे रही प्रशिक्षण

पारंपरिक लोक और शास्त्रीय नृत्य की मिल रही जानकारी:कार्यशाला में 50 से अधिक बालिकाएं और महिलाएं ले रही हैं हिस्सा, नृत्य गुरु नीति भट्ट दे रही प्रशिक्षण
गर्मियों की छुट्टियों और समर कैंप के बीच जयपुर की सांस्कृतिक धरती पर पारंपरिक और शास्त्रीय नृत्य कलाओं का उत्सव अपने चरम पर है। भारतीय विद्या भवन, जयपुर परिसर में चल रही 13 दिवसीय नृत्य कार्यशाला में राजस्थानी लोक नृत्य, घूमर, शास्त्रीय नृत्य और जयपुर घराने की कत्थक शैली का जीवंत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह कार्यशाला इन्फोसिस फाउंडेशन कल्चरल आउटरीच प्रोग्राम और परंपरा नाट्य समिति के संयुक्त देखरेख में आयोजित की जा रही है। जानी-मानी नृत्यांगना और गुरू नीति भट्ट, जो नृत्याचार्य गिरधारी महाराज की शिष्या हैं, इस कार्यशाला का संचालन कर रही हैं। नीति भट्ट अपने तीन दशकों से अधिक के अनुभव के साथ न केवल प्रशिक्षण दे रही हैं, बल्कि बच्चों और महिलाओं को नृत्य की सूक्ष्मताओं से भी अवगत करवा रही है। इस प्रशिक्षण में भाग ले रही 50 से अधिक बच्चियों और महिलाओं को निःशुल्क रूप से विभिन्न नृत्य मुद्राएं, भाव, रस और प्रस्तुति की शैली सिखाई जा रही है। जयपुर के प्रसिद्ध लोकनृत्य घूमर को विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र बनाया गया है। युवा कलाकार हर्ष भट्ट और सचिन भट्ट भी इस कार्यशाला में सहायक के रूप में भाग ले रहे हैं। प्रतिभागियों को अपनी कला और अनुभव से मार्गदर्शन दे रहे हैं। कार्यशाला संयोजक राजेंद्र पायल ने बताया कि बच्चों को बड़े ही रोचक और सहज तरीके से नृत्य सिखाया जा रहा है, जिससे उनमें आत्मविश्वास और सांस्कृतिक जुड़ाव दोनों विकसित हो सके। इस 13 दिवसीय कार्यशाला का समापन समारोह 13 जून 2025 को सायं 5.30 बजे भारतीय विद्या भवन के मुख्य सभागार में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रतिभागी एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से अपनी प्रस्तुतिया देंगे। यह कार्यक्रम न केवल प्रतिभागियों के लिए प्रदर्शन का अवसर होगा, बल्कि दर्शकों को भारतीय सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने वाला एक प्रेरणादायक अनुभव भी बनेगा।