करनाल का बेटा US आर्मी में बना सार्जेंट:पढ़ाई के साथ स्टोर कीपर की जॉब भी की; पिता बोले-बेटे ने सपना पूरा किया

करनाल का बेटा US आर्मी में बना सार्जेंट:पढ़ाई के साथ स्टोर कीपर की जॉब भी की; पिता बोले-बेटे ने सपना पूरा किया
करनाल के गोरगढ़ गांव का बेटा आशीष यूएस आर्मी में सार्जेंट के पद पर प्रमोट हुआ है। प्रमोशन के बाद अब वह 12 सप्ताह की ट्रेनिंग पर हैं। आशीष स्टडी वीजा पर अमेरिका गया था और वहां पर स्टडी के दौरान ही आर्मी में ई-1 रैंक पर भर्ती हुआ और आज वह ई-5 रैंक तक पहुंच चुका है। हरियाणा के छोरे की यूएस आर्मी में प्रमोशन से परिवार व गांव में खुशी का माहौल है। आशीष के पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है और सोशल मीडिया पर भी आशीष की फोटो लगातार वायरल हो रही है और बधाइयों का सिलसिला चला हुआ है। कौन है आशीष, कैसे पहुंचे यूएस आर्मी तक 22 वर्षीय आशीष, करनाल जिला के गोरगढ़ गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता सुरेश कुमार इंद्री में बरसालू के एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं और किसानी भी करते हैं। आशीष 12वीं कक्षा के बाद स्टडी वीजा पर अगस्त-2021 में अमेरिका चला गया था। जिसके लिए परिवार ने अपने बजट से करीब तीन लाख रुपए खर्च किए थे। उसने अमेरिका के सेंट लुइस में यूनिवर्सिटी ऑफ मिस्सोरी सेंट लुइस में बेचलर ऑफ साइबर सिक्योरिटी में एडमिशन लिया। वहां पर उनके गांव के युवक भी रहते हैं, जिन्होंने काफी हेल्प भी की। फर्स्ट ईयर में आशीष ने कहीं पर काम नहीं किया, उसने अपनी स्टडी पर ही ध्यान दिया। द्वितीय वर्ष के दौरान आशीष ने स्टडी के साथ स्टोर कीपर की जॉब भी की, ताकि वह अपना कुछ खर्च निकाल सके। इसी दौरान दिसंबर-2022 में आशीष की पीआर हो गई। जिससे परिवार की खुशी ओर भी ज्यादा बढ़ गई। पढाई के दौरान हुआ आर्मी में भर्ती आशीष का सपना था कि वह आर्मी में जाए, वह देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करना चाहता था। वह थर्ड ईयर में हुआ तो उसने यूएस आर्मी के लिए अप्लाई कर दिया। परिवार के मुताबिक, यूएस में आर्मी के लिए वैकेंसी नहीं निकलती, वहां पर फॉर्म अप्लाई करना होता है और योग्यता के हिसाब से आर्मी में सलेक्शन हो जाता है। फरवरी-2024 में आशीष यूएस आर्मी में ई-1 रैंक पर भर्ती हो गया। आशीष पढ़ने में बहुत होशियार था और प्रमोशन के लिए कोर्स क्लियर करता रहा। उसे करीब डेढ़ साल ही हुआ होगा, वह आज ई-5 रैंक तक पहुंच चुका है। उसकी आगे की पढ़ाई भी आर्मी के माध्यम से ही हो रही है। क्या होता है ई-1 और ई-5 रैंक सुरेश बताते है कि मैने यूएस आर्मी की ई-1 से ई-5 रैंक लिस्ट ऑनलाइन चेक की है। इसके मुताबिक, अमेरिका की आर्मी में ई-1 से ई-5 तक की रैंकिंग अधीनस्थ सैन्य (Enlisted) सैनिकों की होती है। ये वो सैनिक होते हैं, जो ऑफिसर नहीं होते, लेकिन आर्मी के जमीनी स्तर पर सबसे ज़्यादा जिम्मेदारी निभाते हैं। ई-1 यानी प्राइवेट ( नया भर्ती बेसिक ट्रेनिंग), ई-2 यानी प्राइवेट सेकेंड क्लास (बेसिक ट्रेनिंग पूरा किया हुआ सैनिक), ई-3 यानी प्राइवेट फर्स्ट क्लास (टीम का हिस्सा, फील्ड में एक्टिव), ई-4 स्पेशलिस्ट या कार्पोरल (तकनीकी विशेषज्ञ ) और E-5 यानी सर्जेंट (यूनिट या स्क्वॉड का लीडर) होता है। आशीष की ड्यूटी वर्जिनिया में है और टेक्निकल स्टाफ में है। पिता के सपने को किया साकार आशीष के पिता सुरेश कुमार आर्मी में जाना चाहते थे, उन्होंने कई फिजिकल टेस्ट भी दिए, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। उनके परिवार का भी बैक-राउंड आर्मी से रहा है। सुरेश बताते हैं कि मेरा सगा भाई राजेश आर्मी से हवलदार रिटायर्ड है। मेरे ससुर बलवंत सिंह आर्मी से सूबेदार रिटायर्ड हैं। मेरा चचेरा भाई रणबीर सिंह इंडियन आर्मी में है। आशीष ने भी इंडियन आर्मी के लिए ट्राई किया था। लेकिन उसकी 10वीं के प्रमाण पत्र में नाम गलत हो गया था, जिसको कोर्ट केस के माध्यम से ठीक करवाया। उसके बाद वह ट्राई करता, लेकिन फिर वह अमेरिका चला गया। बहन ऑस्ट्रेलिया में कर रही नर्सिंग सुरेश बताते हैं कि मेरे परिवार में मैं, पत्नी संगीता और माता सोना देवी है, पिता जी का 2005 में देहांत हो चुका है और 19 साल की बेटी सिमरन दो साल से ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में स्टडी वीजा पर नर्सिंग का कोर्स कर रही है। सुरेश ने बताया कि अब हमारा भी ग्रीन कार्ड बन जाएगा और हम भी अमेरिका में घूमने के लिए जाएंगे।