थरूर बोले- कांग्रेस लीडरशिप के कुछ लोगों से मतभेद:सब जानते हैं किसके बारे में कह रहा हूं; केरल उपचुनाव के बाद चर्चा करेंगे

थरूर बोले- कांग्रेस लीडरशिप के कुछ लोगों से मतभेद:सब जानते हैं किसके बारे में कह रहा हूं; केरल उपचुनाव के बाद चर्चा करेंगे
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि पार्टी के कुछ नेताओं के साथ उनके मतभेद हैं। थरूर गुरुवार को तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे लोग कौन हैं, जिनके बारे में मैं बात कर रहा हूं। उन्हें आप (मीडिया वाले) अच्छे से जानते हैं क्योंकि उनमें से कुछ मुद्दे सार्वजनिक डोमेन में हैं। थरूर ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके सिद्वांत उन्हें पसंद हैं। 16 साल तक पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम किया है और वे उन्हें अपना करीबी दोस्त और भाई मानते हैं। हालांकि थरूर ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनके मतभेद नेशनल स्तर के नेताओं के साथ हैं या राज्य स्तर के। तिरुवनंतपुरम के सांसद ने संकेत दिया कि उपचुनाव के नतीजों के बाद वह इन मतभेदों के बारे में बात कर सकते हैं। थरूर बोले- मुझे केरल उपचुनाव में प्रचार के लिए नहीं बुलाया केरल की नीलांबुर विधानसभा सीट पर गुरुवार को उपचुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों के लिए प्रियंका गांधी भी प्रचार के लिए गईं थीं। जब थरूर से पूछा गया कि, वे चुनाव अभियान में शामिल क्यों नहीं हुए, तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें इसके लिए इनवाइट नहीं किया गया था। जबकि पिछले साल वायनाड में हुए उपचुनाव में उन्हें बुलाया गया था। थरूर बोले- मेरा ध्यान राष्ट्रीय हित पर, न कि पार्टी नीति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी हालिया बातचीत के बारे में थरूर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के सिलसिले में जो डेलीगेशन कई देशों में गए थे और वहां क्या चर्चा हुई, इस बारे में हमारी पीएम से बात हुई। डेलीगेशन में शामिल होने पर थरूर ने कहा, जब वे संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष बने थे, तब उन्होंने साफ कर दिया था कि उनका ध्यान भारत की विदेश नीति और उसके राष्ट्रीय हित पर है, न कि कांग्रेस और भाजपा की विदेश नीति पर। कांग्रेस से थरूर के मतभेद, 4 संकेत पहले ही मिले थे... 1. केंद्र ने थरूर को ऑपरेशन सिंदूर पर दुनिया को ब्रीफ करने भेजा केंद्र की मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रखने के लिए 7 डेलिगेशन को दुनिया के अलग-अलग देशों में भेजा था। कांग्रेस सांसद शशि थरूर एक डेलिगेशन का नेतृत्व कर रहे थे। इस डेलिगेशन ने अमेरिका, गुयाना, पनामा, ब्राजील और कोलंबिया का दौरा किया था। 2. डेलिगेशन में थरूर के नाम पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी केंद्र सरकार ने 17 मई को दुनिया भर में जाने वाले 7 डेलिगेशन को लीड करने वाले सांसदों के नाम जारी किए थे। इसमें कांग्रेस से एकमात्र सांसद शशि थरूर का नाम था। तब कांग्रेस ने कहा था कि उसने केंद्र को थरूर का नाम नहीं दिया था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर लिखा, 'शुक्रवार (16 मई) सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की थी। उन्होंने विदेश भेजे जाने वाले डेलिगेशन के लिए 4 सांसदों का नाम मांगा था। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार​​ के नाम दिए थे।' 3. थरूर ने कहा था- सम्मानित महसूस कर रहा हूं दूसरी तरफ, शशि थरूर ने डेलिगेशन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिलने पर केंद्र का आभार जताया था। उन्होंने X पर लिखा था, 'मैं हाल की घटनाओं पर हमारे देश का दृष्टिकोण रखने के लिए पांच प्रमुख देशों की राजधानियों में एक सर्वदलीय डेलिगेशन का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब राष्ट्रीय हित की बात होगी और मेरी सेवाओं की जरूरत होगी, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा।' 4. थरूर ने कहा- देशहित में काम करना पार्टी विरोधी नहीं अमेरिकी दौरे पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था कि जो लोग राष्ट्रहित में काम करने को पार्टी विरोधी गतिविधि मानते हैं, उन्हें खुद से सवाल करना चाहिए। जब आप देश की सेवा कर रहे हों, तब ऐसी चीजों की ज्यादा परवाह नहीं करनी चाहिए। हमारे राजनीतिक मतभेद भारत के बॉर्डर के बाहर जाते ही खत्म हो जाते हैं। सीमा पार करते ही हम पहले भारतीय होते हैं। -------------------- थरूर बोले- जेलेंस्की-पुतिन को गले लगाते हैं मोदी: दोनों भारत की सुनते हैं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मोदी सरकार की तारीफ की है। थरूर ने कहा- भारत आज ऐसी स्थिति में है जो रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित कर सकता है। भारत के पास ऐसा प्रधानमंत्री है, जो वोलोदिमिर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन दोनों को गले लगा सकता है। हम दोनों जगहों (रूस और यूक्रेन) पर स्वीकार किए जाते हैं। पढ़ें पूरी खबर...