दहेज हत्या में पति को 7 साल की सजा:सबूत मिटाने में मदद करने वाले को 3 साल की जेल

अलवर के विशिष्ट न्यायाधीश अनुसूचति जाति एवं जनजाति ने दहेज हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर महिला के पति को 7 साल की जेल की सजा सुनाई हैं। वहीं पति के परिवार के तीन जनों को तीन-तीन साल की सजा का आदेश दिया है। सब पर अलग-अलग जुर्माना भी लगाया है।
विशिष्ट न्यायाधीश की कोर्ट में आए प्रकरण के अनुसार दहेज हत्या मामले में अहम फैसला सुनाया। अदालत ने मृतका दीपिका के पति महेश को 7 वर्ष का सश्रम कारावास और आरोपी के भाई और बहनोई को साक्ष्य छुपाने के आरोप में तीन-तीन साल की सजा और अर्थदंड से दंडित किया गया है। एडवोकेट योगेंद्र कसाणा ने बताया कि वर्ष 2019 में अलवर के शांति नगर निवासी महेश का विवाह दीपिका से हुआ था। शादी के बाद से ही दीपिका को उसके पति और ससुराल पक्ष की ओर से दहेज को लेकर लगातार प्रताड़ित किया गया। प्रताड़ना से परेशान होकर दीपिका ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में सुनवाई के दौरान पर्याप्त साक्ष्य और गवाहों के आधार पर न्यायालय ने तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि दहेज के नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित करना एक गंभीर अपराध है, जिससे समाज में गलत संदेश जाता है।