चित्तौड़गढ़ में हाथ कटा बंदर बना चर्चा का विषय:फाइलें पलटी, आम खाए, सोफा पर सो गया; शांत व्यवहार ने लोगों को किया हैरान

चित्तौड़गढ़ में बीते दो दिनों से एक अजीबो-गरीब घटनाक्रम ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। एक हाथ कटा बंदर कभी सरकारी दफ्तर में घूमता नजर आया, तो कभी रिहायशी इलाके में आराम फरमाता हुआ मिला। उसके शांत और समझदार व्यवहार ने लोगों को चौंका दिया है। यह बंदर न सिर्फ फाइलें पलटता और पेन उठाकर सोचता दिखाई दिया, बल्कि आम खाकर सोफे पर सोने जैसी मानवीय हरकतें भी करता दिखा। इस असामान्य व्यवहार के चलते अब इसे कुछ लोग दैवीय रूप से भी जोड़कर देख रहे हैं। कुंभानगर में मकान में घुसा, खाया आम और फिर सो गया शनिवार सुबह यह लाल मुंह का बंदर कुंभानगर स्थित अनिल ईनाणी के मकान में अचानक घुस आया। वहां उसने टेबल पर रखी फाइलों को उलट-पलट कर देखा, डाइनिंग टेबल पर रखे आम खाए और दवाइयों के कुछ रैपर भी चबाए। इसके बाद वह सीधे सोफे पर जा बैठा और वहीं लेट गया। यह दृश्य देखने के लिए मोहल्ले के कई लोग जमा हो गए और मोबाइल कैमरे से वीडियो व तस्वीरें लेने लगे। करीब डेढ़ घंटे तक बंदर मकान में ही रहा, लेकिन किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। मौके पर वन विभाग को भी सूचित किया गया, लेकिन जब तक अधिकारी पहुंचे, तब तक बंदर वहां से निकल चुका था। स्थानीय लोगों का कहना है कि बंदर बहुत ही शांत और समझदार प्रतीत हो रहा था, जैसे किसी मकसद से आया हो। अनिल ईनाणी ने बताया कि पहले यही बंदर गांधीनगर में था। वो कई घरों में जाता लेकिन कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। आज सुबह भी गेट खोलते ही वो अंदर आ गया। मानो आज शनिवार के दिन हनुमान जी घर आए हो। नगर परिषद कार्यालय में भी की 'जांच पड़ताल' इससे एक दिन पहले शुक्रवार को यही बंदर नगर परिषद कार्यालय में घुस आया था। वह सीधे चेंबर नंबर 16 में पहुंचा और वहां टेबल पर रखी फाइलों और कागजों को देखने लगा। कुछ देर तक वह टेबल पर बैठकर पेन को उलट-पलट कर देखता रहा, मानो कुछ सोच रहा हो। इसके बाद वह अन्य चेंबरों में भी गया, और वहां भी चीजों को गौर से देखने लगा। बंदर की गतिविधियों को देखकर नगर परिषद के अधिकारी और कर्मचारी आश्चर्यचकित रह गए। कई कर्मचारियों ने बंदर के इस 'कार्यालय भ्रमण' को मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड किया। अधिकारियों ने उसे फ्रूटी पिलाई और बिस्कुट-चने का नाश्ता भी कराया। लगभग 45 मिनट तक यह बंदर नगर परिषद में घूमता रहा और फिर बिना किसी नुकसान के बाहर चला गया। लोगों ने जोड़ा आस्था से, सोशल मीडिया पर वायरल बंदर के शांत स्वभाव और विशेष व्यवहार को देखकर कई लोग इसे आस्था से भी जोड़कर देख रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह कोई सामान्य बंदर नहीं है। उसका एक हाथ कटा होना, इंसानों जैसे व्यवहार करना और किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना, यह सब संकेत हैं कि इसमें कोई विशेष संदेश छिपा हो सकता है। इस पूरी घटना से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। कुछ लोगों ने इसे ‘हनुमानजी का रूप’ बताया है तो कुछ ने इसे किसी दैवीय चेतावनी के रूप में देखा है। वन विभाग अलर्ट, लेकिन अब तक पकड़ में नहीं आया वन विभाग को दोनों घटनाओं की जानकारी दी जा चुकी है, लेकिन अब तक बंदर को न तो पकड़ा जा सका है और न ही उसे ट्रैक किया जा सका है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वह बंदर को ट्रैक करने और जरूरत पड़ने पर रेस्क्यू करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि बंदर ने कभी किसी को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।