उदयपुर विकास प्राधिकरण:जिस ताज होटल में चिंतन शिविर-बाड़ेबंदी, जाते-जाते कांग्रेस सरकार दे गई 10 बीघा भूमि

शहर से करीब 15 किमी दूर बेशकीमती जमीन को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कार्यकाल पूरा होने से पहले सस्ते दामों पर ताज ग्रुप के अरावली होटल के नाम कर दिया। जमीन देने की पूरी प्रक्रिया मई-जून 2022 में उस समय चली, जब कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन (चिंतन शिविर) और इसी होटल कांग्रेस विधायकों की 8 दिनों तक बाड़ाबंदी चली थी। अब भाजपा सरकार आने के बाद सिंचाई विभाग पिछले साल 30 दिसंबर और इस साल 7 मार्च को कलेक्टर को पत्र लिखकर मांग कर चुका है कि उनकी जमीन वापस दिलाई जाए। जमीन गिर्वा तहसील के बुझड़ा ग्राम पंचायत में आराजी खसरा नंबर 151, 158 और रकबा 162,163 है। कुल 2.0560 हैक्टेयर यानी करीब 10 बीघा जमीन होटल को दी गई। खास बात यह कि इसमें 0.40 हैक्टेयर जमीन यानी करीब 2 बीघा सिंचाई विभाग की है। इसे साल 2006 में देवास स्टेज द्वितीय परियोजना की मुख्य सुरंग बनाने के लिए अवाप्त किया गया था।
तत्कालीन यूआईटी (अब यूडीए) ने खसरा 158,162 व 163 रकबे के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार को 150 प्रतिशत+15% यानी करीब 16.5 करोड़ रुपए में जमीन दिए जाने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन सरकार ने होटल को सीधा फायदा देते हुए आरक्षित दर की 50 फीसदी दर यानी 8.26 करोड़ में ही जमीन देने की स्वीकृति जारी कर दी। जमीन 20 जनवरी 2023 को आवंटित कर दी गई। इसके 11 माह बाद दिसंबर 2023 में भाजपा सत्ता में आ गई। सरकार ही कोई फैसला लेगी : यूडीए
"फैसला सरकार के स्तर पर हुआ। जमीन में कुछ हिस्सा सिंचाई विभाग का भी है। विभाग की स्वीकृति लेकर जमीन दी गई। अब प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया है। सरकार ही निर्णय करेगी।"
-राहुल जैन, आयुक्त, उदयपुर विकास प्राधिकरण दौड़ी फाइल...प्रस्ताव-जांच और रिपोर्ट सब एक ही दिन में पूरे ताज ग्रुप के अरावली ईशान क्लब एवं होटल्स में 13 मई 2022 को कांग्रेस का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ। कांग्रेस की पूर्व चैयरपर्सन सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित बड़े नेता शामिल हुए। होटल ने जमीन के लिए 31 मई 2022 को आवेदन कर दिया। इसी बीच 2 जून 2022 को राज्यसभा के चुनाव में राजस्थान के कांग्रेस विधायकों की 8 दिन तक बाड़ाबंदी हुई। इस दौरान होटल को जमीन देने की सभी रिपोर्ट पूरी की गई। जमीन आवंटन के लिए छह जून को यूआईटी के राजस्व अधिकारी व पटवारी मौका रिपोर्ट बनाते हैं। इसी दिन मौके की वस्तुस्थिति रिपोर्ट बनाने के लिए तहसीलदार और डीटीपी के लिए आदेश निकल जाते हैं। इसी दिन आरआई-पटवारी मौका मुआयना कर रिपोर्ट पेश करते हैं। रिपोर्ट में आरजी 158 खाली पहाड़ बताया गया। जबकि इसके साथ लगी फोटो में कमरे दिख रहे हैं। इसी दिन तहसीलदार व डीटीपी भी रिपोर्ट के लिए लिख देते हैं। तत्कालीन संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट मोस्ट अर्जेंट लिख कर यूआईटी के पास भेज देते हैं। कोई जमीन नहीं दी : मैनेजर
"हमें कोई जमीन नहीं दी गई है। सिंचाई विभाग की ओर से जरूर हमारे साथ एमओयू किया गया था। इसके तहत विभाग की एक जमीन दी गई थी। उसका मेंटेनेंस हमें करना था। यह जमीन भी हमने हैंड ओवर कर दी है। बाकी किसी जमीन को लेकर कोई गलत जानकारी होगी।"
- संजीव शर्मा, मैनेजर और लाइजनिंग ऑफिसर, ताज अरावली होटल अफसर भी मिले - होटल ने निर्माण को मांगी, यूआईटी ने रिसॉर्ट विस्तार के नाम पर दे दी
यूआईटी को सौंपी प्रोजेक्ट रिपोर्ट में साफ लिखा है कि इस जमीन पर 20 सुईट कमरे, 80 डीलक्स, 1 बैंक्वेट हॉल, 2 रेस्टोरेंट, ब्लॉक समेत कई निर्माण करेंगे। यूआईटी ने सरकार को पहाड़ी एरिया में निर्माण पर कोर्ट की रोक बताई, मार्गदर्शन मांगा। सरकार ने नियमानुसार कार्यवाही को लिखा। अफसरों ने रास्ता निकाला कि भूमि आवंटन कर रहे हैं, निर्माण आदेश नहीं दे रहे, सिर्फ विस्तार के लिए जमीन देंगे। मौके पर कमरे बन गए हैं, काम जारी भी है। सिंचाई विभाग भी पीछे नहीं - किसान से सस्ती भूमि लेकर दी, अब लीज निरस्त करने की मांग कर रहा
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने भी बड़ा खेल किया। टनल की सुरक्षा व देवास परियोजना के लिए बुझड़ा में आराजी 131 व 134 रकबा में 36504 वर्ग फीट (डेढ़ बीघा) जमीन को 2006 में विभाग ने किसान से 4 लाख रुपए में डीएलसी के रेट पर अवाप्ति किया, मार्केट रेट 30 लाख थी। अधिकारियों ने इस जमीन को ताज होटल ग्रुप ईशान क्लब एवं होटल्स को 12मई 2020 को 5 साल के लिए लीज पर निशुल्क दे दी। इसमें पौधरोपण, बगीचा लगाने की शर्तें रखी, लेकिन मौके पर निर्माण तक कर दिया है। अब विभाग लीज खत्म कराना चाह रहा है।