आरती राव के घर हुआ CM नायब सैनी का डिनर:हरियाणा भाजपा में डैमेज कंट्रोल के प्रयास, विज नहीं हुए शामिल, अरविंद शर्मा पत्नी के साथ पहुंचे
हरियाणा की राजनीति में 18 जून की रात चंडीगढ़ में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के घर हुए डिनर से जो सियासी गर्मी शुरू हुई थी, उसे अब 13 जुलाई की रात हुए एक और डिनर के जरिए ठंडा करने की कोशिश की गई है। इस बार फिर वही जगह, आरती राव का चंडीगढ़ स्थित घर। मगर माहौल मेल-मिलाप का रहा। इस रविवार रात हुए डिनर में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपनी पत्नी सुमन सैनी के साथ शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक, सीएम को इस डिनर के लिए पिछले एक हफ्ते से मनाने की कोशिशें चल रही थीं। आखिरकार दिल्ली दरबार से हरी झंडी मिलने के बाद इस मुलाकात की पटकथा लिखी गई। डिनर में एक और अहम चेहरा रहा, कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा, जो अपनी पत्नी रीटा शर्मा के साथ पहुंचे। इनका शामिल होना इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि 15 जून को रेवाड़ी में मुख्यमंत्री और आरती राव के बीच जो तल्खी मंच पर दिखी थी, उस वक्त अरविंद शर्मा भी वहीं मौजूद थे। ऐसे में उनकी मौजूदगी को संदेश देने वाली रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा नेतृत्व अब हरियाणा में पार्टी नेताओं के बीच की दरारों को डिनर डिप्लोमेसी और सामंजस्य के जरिए भरने की कोशिश में जुटा है, ताकि आगामी चुनावों से पहले संगठन में कोई अंदरूनी कलह न रहे। दिन में राजबब्बर की टिप्पणी, रात को डिनर डिनर की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि 13 जुलाई को दिन में कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा था कि राजा साहब के सामने CM की जुबान नहीं हिलती। रात को ही CM नायब सैनी को डिनर के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री इंद्रजीत सिंह की बेटी के घर डिनर के लिए आमंत्रित किया गया। जिसमें वे पत्नी के साथ शामिल हुए। खबर बाहर आई तो सोशल मीडिया पर पोस्ट सियासी लड़ाई को खत्म करने व भाजपा में अनुशासन का मैसेज देने के लिए हुए इस डिनर की भाजपा के सोशल मीडिया अकाउंट पर डाला गया है। भाजपा हरियाणा और केंद्रीय राज्यमंत्री इंद्रजीत सिंह के पेज पर फोटो के साथ जानकारी उस समय दी गई, जब मीडिया के जरिए खबर बाहर आ गई। लेकिन सीएमओ हरियाणा और सीएम नायब सैनी के अलावा कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा के पेज पर कोई जानकारी सांझा नहीं हुई है। डिनर में नहीं दिखे अनिल विज 12 विधायकों के डिनर के बाद छिड़ी जुबानी जंग में अनिल विज ने कहा था कि अगर उन्हें न्योता दिया होता तो वे जरूर जाते। उसके बाद आरती सिंह राव ने कहा था कि वे अनिल विज को डिनर पर जरूर बुलाएंगी। लेकिन सीएम के साथ हुए डिनर में कैबिनेट मंत्री विज नहीं दिखाई दिए। अभी यह साफ नहीं है उन्हें बुलाया नहीं गया या फिर वे खुद नहीं आए। तालमेल बनाने पर फोकस केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की अदावत मुख्यमंत्रियों के साथ सदैव रहती है। कांग्रेस में 10 साल भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री रहें हो या फिर भाजपा में मनोहर लाल। दोनों से ही उनका तालमेल कभी खास रहा नही। दोनों के खिलाफ ही उन्होंने खुलकर सार्वजनिक मंचों से टिप्पणियां की हैं। अब नायब सैनी के साथ हुए डिनर से खटास खत्म कर तालमेल बनाने की बात पर चर्चा चल रही है। 15 जून की रैली से छिड़ा विवाद.. हरियाणा के CM नायब सैनी 15 जून को रेवाड़ी के राव तुलाराम स्टेडियम में आयोजित धन्यवाद रैली में आए थे। CM के मंच पर अहीरवाल के दिग्गज राव इंद्रजीत के बोल तीखे रहे थे। राव इंद्रजीत ने CM सैनी को कहा था कि मुख्यमंत्री जी, हमने आपकी सरकार बनाई है, हमारा हक बनता है, हमारा काम किया जाए। इसके जवाब में CM नायब सैनी ने संबोधन के दौरान कहा कि हम किसी जाति की नहीं, पौने 3 करोड़ लोगों की सरकार हैं। इन सभी के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह रिश्ता राजनीतिक नहीं बल्कि दिल का है। दक्षिण हरियाणा में साल 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 17 सीटें जीतीं थी, जबकि कांग्रेस की झोली में 6 सीट आईं थी। ऐसे में राव इंद्रजीत का मानना है कि भाजपा की लगातार तीसरी बार सरकार बनने में दक्षिण हरियाणा खासकर अहीरवाल बेल्ट की अहम भूमिका रही है। डिनर के दिन ही रिलीज हुए इंटरव्यू की 5 अहम बातें.. 1. इंटरव्यू में खड़े किए थे CM पर सवाल चंडीगढ़ में हुई डिनर डिप्लोमेसी के बाद राव इंद्रजीत का एक पॉडकास्ट पर इंटरव्यू जारी हुआ। जिसमें राव ने यहां तक कहा कि CM नायब सैनी हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के ऑफिस में अभी भी मनोहर लाल के टाइम के बाबुओं की ही चल रही है। राव ने केंद्र में कैबिनेट के बजाय राज्य मंत्री बनाए जाने पर कहा कि इसकी टीस तो है, लेकिन मेरे काम हो जाते हैं। 2. मनोहर लाल ने काम कराए, लेकिन जन नेता नहीं बन पाए उन्होंने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल से उनकी बनी या नहीं बनी यह अलग बात है, लेकिन उन्होंने सारे हरियाणा में बराबर काम करवाया, लेकिन उनकी जन नेता बनने की उम्मीद नहीं बन पाई। जाटों की वोट उन्हें नहीं मिल पाई। 3. कुछ नेताओं को मेरा सीधे BJP जॉइन करना अच्छा नहीं लगा राव इंद्रजीत ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह से रिश्तों के सवाल पर कहा- प्रधानमंत्री मोदी की वजह से ही मैंने सीधे पार्टी जॉइन की थी। इसलिए हो सकता है कि हरियाणा के कुछ नेताओं को मेरा इस तरह सीधे पार्टी जॉइन करना अच्छा नहीं लगा। 4. मैं सबसे ज्यादा जनाधार वाला व्यक्ति हूं राव इंद्रजीत ने कहा- मुझसे शायद वे कंपीटिशन समझते हैं, आप मानें या न मानें, लेकिन हरियाणा में सबसे ज्यादा जनाधार वाला व्यक्ति हूं। इसलिए लोग मुझसे कतराते हैं कि कहीं इंद्रजीत को पार्टी बड़ी जिम्मेदारी न सौंप दें। इस सिक्के का दूसरा पहलू ये है कि मेरी लड़ाई तो हो जाती है, लेकिन मैं जो सार्वजनिक काम उठाता हूं तो वो काम हो जाते हैं। इन कामों में भी वे ये सोचते हैं कि राव इंद्रजीत को श्रेय न मिले। 5. मुझे छेड़ने पर अनबन होती है, इसलिए मुख्यमंत्रियों से नहीं बनी मुख्यमंत्रियों से रिश्तों में खटास होने के सवाल पर राव इंद्रजीत ने कहा- मेरे साथ किसी की भी अनबन शुरुआत में नहीं हुई। मगर, जिस पार्टी या सदस्य की मदद में मेरा योगदान लिया जाता है, वही मेरी तरफ से दी ताकत को मेरे खिलाफ इस्तेमाल करता है, तो मेरे कैरेक्टर में ये नहीं है कि मैं चुपचाप बिल में छुप जाऊं। फिर मुझे भी सामने आना पड़ता है तो मेरी अनबन हो जाती है। इसलिए मेरी कई मुख्यमंत्री से नहीं बनी। डिनर डिप्लोमेसी से राजनीतिक दबाव बनाते रहे हैं राव कांग्रेस में रहते हुए भी राव इंद्रजीत अपनी डिनर डिप्लोमेसी का इस्तेमाल राजनीतिक दबाव बनाने के लिए करते रहे थे। यही नहीं भाजपा में शामिल होने के बाद भी यह क्रम जारी रखा। अगस्त 2015 में जब मनोहर लाल को मुख्यमंत्री बने कुछ महीने ही हुए थे, तब राव ने पहले सांसदों को डिनर दिया। उसके बाद अहीरवाल के विधायकों को डिनर पर बुलाया था। तब राव ने अपने धुर विरोधी बादशाहपुर के विधायक एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर को नहीं बुलाया था। जबकि परिवहन एवं खाद्य आपूर्ति मंत्रालय छिनने से नाराज चल रहे महेंद्रगढ़ के विधायक एवं शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा को निमंत्रण दिया था। पहले रामपुरा हाउस में होते रहे हैं ऐसे डिनर साल 2021 में सियासी गलियारों में चर्चा उठी थी कि अहीरवाल बेल्ट में भाजपा राव इंद्रजीत का विकल्प तलाश रही है। तब केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव लगातार अहीरवाल के चक्कर काट रहे थे। तभी राव इंद्रजीत ने अपनी सियासी ताकत दिखाने के लिए ऐसा डिनर रखा था। पहले ऐसे डिनर कार्यक्रम रामपुरा हाउस (राव इंद्रजीत का पैतृक आवास) में रखे जाते थे।
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