शिक्षा विभाग:पुराने स्टाफिंग पैटर्न के प्रावधान अभी तक लागू नहीं, अब नए की तैयारी

शिक्षा विभाग के माध्यमिक सेटअप में नए प्रस्तावित स्टाफिंग पैटर्न की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि 2015 में लागू हुए पुराने और नए स्टाफिंग पैटर्न के प्रावधानों में ज्यादा अंतर नहीं है। दोनों में ही लगभग हूबहू स्टाफिंग पैटर्न है। लेकिन स्टाफिंग पैटर्न के मापदंडों अनुसार पदों का सृजन किया जाना जरूरी है। बिंदु 5.4 के अनुसार प्रति दो वर्ष बाद स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा करते हुए विद्यालय के नामांकन अनुसार पदों का निर्धारण करने का प्रावधान पहले भी था, अब भी है, जबकि 10 वर्षों में एक बार भी स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा नहीं हुई है। 2021 के बाद क्रमोन्नत 6 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 4 साल बाद भी ऐच्छिक विषय व्याख्याताओं के पदों की स्वीकृत नहीं मिली है। जबकि विद्यालय क्रमोन्नत होते ही प्रथम वर्ष ही व्याख्याता पदों की स्वीकृति का पुराने और नए स्टाफिंग पैटर्न में प्रावधान है। ये बिन्दु 6.1 पुराने में भी था व नए पैटर्न में भी हूबहू है। लेकिन स्टाफिंग पैटर्न की पालना नहीं हो रही है। वही 2013 के बाद क्रमोन्नत हुए किसी भी विद्यालय में अनिवार्य विषय के व्याख्याता पद सृजित नहीं किए गए हैं। स्टाफिंग पैटर्न की पालना करते हुए नामांकन अनुसार पदों की स्वीकृति की जानी चाहिए। शिक्षक संगठनों द्वारा लम्बे समय से स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा की मांग की जा रही है। लेकिन विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसकी पालना करने से बड़ी संख्या में भाषा विषयों हिंदी व अंग्रेजी के वरिष्ठ अध्यापक पदों के स्थान पर व्याख्याता पद मिलने की संभावना है। 10 साल में 13751 से 19737 हुए उच्च माध्यमिक स्कूल, 10.25 लाख बढ़ा नामांकन 10 साल पहले राज्य के माध्यमिक सेटअप में स्कूलों की संख्या 13751 थी। इनमें 43.91 लाख अभ्यर्थी अध्यनरत थे। वर्तमान में उच्च माध्यमिक स्कूलों की संख्या बढ़कर 19737 पर पहुंच चुकी है। राज्य में उच्च माध्यमिक स्कूलों की संख्या में बढ़ोतरी होने के साथ ही इन स्कूलों में अध्यनरत विद्यार्थियों का आंकड़ा भी अब 54.16 लाख पर पहुंच चुका है। ध्यान रहे कि राज्य सरकार ने वर्ष 2022-23 में सभी 3832 माध्यमिक स्कूलों को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत कर दिया गया था। अब माध्यमिक सेटअप के सभी 19737 स्कूल उच्च माध्यमिक स्तर के है। "स्टाफिंग पैटर्न से हजारों नए पद मिलने की संभावना है। नए क्रमोन्नत व पुरानसमस्त स्कूलों में स्टाफिंग पैटर्न के तहत निर्धारित पद वित्त विभाग से स्वीकृत करवाने के बाद ही शिक्षकों को अधिशेष, समायोजन, पदस्थापन प्रक्रिया प्रारम्भ की जानी चाहिए।"
-महेन्द्र पाण्डे, मुख्य महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ