पाली में दफन शव बाहर निकाल करवाया पोस्टमॉर्टम:भाई पर चाचा की हत्या का शक; धोखे से जमीन पत्नी के नाम कराई

पाली में दफन शव बाहर निकाल करवाया पोस्टमॉर्टम:भाई पर चाचा की हत्या का शक; धोखे से जमीन पत्नी के नाम कराई
पाली में मर्डर की आशंका के बाद समाधि से एक शव को निकालकर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम कराया गया। मामले में एक व्यक्ति ने अपने भाई पर चाचा की हत्या का शक जताया था। मामला जिले के सांडेराव थाना इलाके के सिंदूर गांव का है। सोमवार को पुलिस ने दफ्न शव निकाला और पोस्टमॉर्टम कराने के बाद बॉडी परिजन को सौंप दी। सांडेराव थाना SHO गीता सिंह ने बताया- सिंदूर गांव निवासी नारायण लाल (68) पुत्र पकाराम ने थाने में रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि शक है कि जमीन के लालच में मेरे भाई भंवरलाल ने मेरे चाचा दीपाराम की हत्या कर शव को समाधि में दफ्न कर दिया है। चाचा दीपाराम की जमीन हड़पने का लालच रिपोर्ट में नारायण लाल ने बताया- मेरे चाचा दीपाराम की शादी साल 1983 में हुई थी। अगले ही साल 1984 में चाची का देहांत हो गया। उन्होंने फिर शादी नहीं की। दादा की जमीन में चाचा दीपाराम का भी हक था। चाची मौत के बाद चाचा मेरे साथ ही रहने लगे। उनके भरण पोषण की जिम्मेदारी मैंने ले रखी थी। काम काज के सिलसिले में मैं अक्सर मुम्बई ही रहता था। वर्ष 2014 में चाचा दीपाराम ने अपनी जमीन मेरे नाम कर दी। मुंबई में रहने के कारण मैं म्यूटेशन नहीं भर सका। बाद में मेरे छोटे भाई भंवरलाल ने मेरे चाचा को गुमराह किया और डेढ़ साल पहले मेरी नाम की गई जमीन का बख्शीसनामा खुद के नाम करवा लिया। भाई भंवरलाल ने जमीन की रजिस्ट्री अपनी पत्नी के नाम करा ली। उसने चाचा को भरण-पोषण के रुपए देना भी बंद कर दिया। मुंबई से आने पर धोखे का पता चला रिपोर्ट में नारायण लाल ने बताया- 26 मई 2025 को मैं मुम्बई से अपने गांव सिंदूर आया। तब चाचा दीपाराम ने भंवरलाल की दगाबाजी के बारे में बताया। यह भी बताया कि उससे जान का खतरा है। 1 जून 2025 को मैं वापस मुम्बई चला गया। 3 जून 2025 को कॉल आया कि चाचा दीपाराम बीमार हो गए हैं। हॉस्पिटल में उनकी मौत हो गई। मैं 5 जून की सुबह मुम्बई से सिंदूर पहुंचा। चाचा की अचानक तबीयत खराब होना, बिना पोस्टमॉर्टम बॉडी दफ्न करना शक पैदा कर रहा था। ऐसे में सांडेराव थाने में शिकायत दी। सोमवार 9 जून को दफ्न बॉडी निकालकर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम किया गया।