रोस्टर सिस्टम पर उठे सवाल:ब्यूरोक्रेसी : 2017 के बाद राजस्थान में सामान्य वर्ग के इनसाइडर आईएएस की नियुक्ति नहीं

रोस्टर सिस्टम पर उठे सवाल:ब्यूरोक्रेसी : 2017 के बाद राजस्थान में सामान्य वर्ग के इनसाइडर आईएएस की नियुक्ति नहीं
राजस्थान में पिछले सात वर्षों से सामान्य वर्ग के किसी भी इनसाइडर आईएएस को राज्य में नियुक्ति नहीं मिली है। इनसाइडर यानी किसी राज्य के मूल निवासी आईएएस अधिकारी। भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के नियमों के तहत हर राज्य में एक-तिहाई पद इनसाइडर्स के लिए आरक्षित रहते हैं ताकि स्थानीय क्षेत्र-समाज और प्रशासन के बीच संतुलन बना रहे। लेकिन इस व्यवस्था में असुंतलन से तत्कालिक-दीर्घकालिक परिणाम देखने को मिलते हैं। जैसे यह सिलसिला ऐसे ही चला, तो 25 वर्ष बाद प्रदेश में सामान्य वर्ग का कोई भी इनसाइडर आईएएस मुख्य सचिव जैसे पद की दौड़ के लिए योग्य नहीं बचेगा। कैसे तय होते हैं पद? राजस्थान कार्मिक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य श्रेणीवार ब्रेकअप नहीं भेजता है। बल्कि जिस वर्ष राज्य में जितने आईएएस अफसरों की जरूरत होती है, उतनी संख्या भेज देता है। उस के बाद केंद्र रोस्टर तैयार करता है, लेकिन यह कैसे तैयार होता है, इसकी जानकारी प्रमुख अधिकारियों को भी नहीं होती। संयोग या प्रयोग? बड़ा सवाल है कि क्या यह संयोग है या कोई सियासी प्रयोग या तकनीकी खामी। कुछ जानकारों को आशंका है कि यह जातीय-राजनैतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए की जाने वाली अनदेखी है। राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में प्रमुख पद पर रह चुके सेवानिवृत अधिकारी बताते हैं, “तय तौर पर यह कह देना कि ऐसा किसी जातीय तुष्टिकरण या राजनीतिक कारणों के चलते हो रहा है, ठीक नहीं है। लेकिन इस आशंका को पूरी तरह खारिज भी नहीं किया जा सकता है। जनरल में टॉपर को भी नहीं मिला होम कैडर सरकारी पक्ष के मुताबिक किसी कैटेगरी में योग्य अभ्यर्थी ना मिलने पर उसे खाली छोड़ा जाता है। लेकिन कई बार योग्य होने के बावजूद इनसाइडर को मौका नहीं मिलता। 2019 में जयपुर के रहने वाले अक्षत जैन ने ऑल इंडिया दूसरा स्थान प्राप्त किया था। उस साल राजस्थान में जनरल की कोई पोस्ट ही नहीं आई थी और जैन को मध्यप्रदेश कैडर मिला। उस साल राजस्थान से 6 आईएएस अफसरों की जरूरत भेजी गई थी, सूत्र बताते हैं कि जरूरत उससे अधिक थी। यदि सही संंख्या भेजी जाती तो उन्हें राजस्थान कैडर मिल सकता था। संख्या कम भेजने के पीछे अनाधिकारिक तौर पर चर्चा है कि वह वैकेंसी शादी कर के संभावित तौर पर राजस्थान आने वाले अन्य कैडर के अधिकारियों के लिए छोड़ी गई थी। 2018 से 2024 के बीच पदों का वितरण कैटेगरी वाइज इनसाइडर जनरल - 0 ओबीसी - 11 एससी - 3 एसटी - 3