द्रव्यवती सीवर फ्रंट:तालाब की सांसें घोंट रहे; कच्चे हिस्से में मिट्टी भरकर कॉलोनी काटने की तैयारी

द्रव्यवती सीवर फ्रंट:तालाब की सांसें घोंट रहे; कच्चे हिस्से में मिट्टी भरकर कॉलोनी काटने की तैयारी
द्रव्यवती को रिवर फ्रंट बनाने का दावा करने वाले विभागों ने आंखें मूंद रखी हैं और हालात बदतर होते जा रहे हैं। 9 साल पहले 47 किमी लम्बाई तक बहने वाले नाले का डिमार्केशन कर इसे द्रव्यवती नदी के रूप में विकसित करना था, जो अब तक नहीं हुआ। वहीं पुराने तालाब और बांध को यथास्थिति रखना था, लेकिन अम्बाबाड़ी नया खेड़ा के पीछे द्रव्यवती और तालाब के बहाव क्षेत्र 700 मीटर लम्बाई और 200 मीटर चौड़ाई में अतिक्रमण कर रहे हैं। यहां जैसे मिट्टी भराव हो रहा हैै, उससे साफ नजर आ रहा है कि कॉलोनियां काटने की तैयारी है। अम्बाबाड़ी में अवैध कब्जे अम्बाबाड़ी के नया खेड़ा के पीछे स्थित द्रव्यवती के कैचमेंट एरिया में जमे पानी जलकुंभी उगी है और यहां से गुजर रही छोटी पुलिया जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है। इसके कच्चे बहाव क्षेत्र एक तरफ अवैध कब्जे कर अतिक्रमण किया जा रहा है और दूसरी तरफ मलबा डालकर भराव हो रहा है। यहां रोज 10 से 20 ट्रैक्टर, पिकअप में मलबा डालकर यहां भराव हो रहा है। यहां पर 700 मीटर में कच्चा है, जिसमें मिट्टी डाली जा रही है। हसनपुरा, सुशीलपुरा, सांगानेर, गोनेर में सीधा कचरा डाला जा रहा द्रव्यवती के कैचमेट में जहां-जहां डिमार्केशन अधूरा है और जिन जगहों पर जेडीए रैलिंग नहीं लगा पाया है, वहां कचरा डिपो बन गए हैं। हसनपुरा, अम्बाबाड़ी, सुशीलपुरा, सांगानेर, गोनेर सहित करीब 20 जगहों द्रव्यवती से लगते बसी कॉलोनियों का सीधा कचरा इसमें फेंक जा रहा है। हसनपुरा इलाके में सटे मकानों ने वॉक-वे पर अस्थायी कब्जे कर रखे हैं। "जेडीए ने द्रव्यवती में गंदे पानी काे ट्रीट करने के लिए सुशीलपुरा पर एसटीपी प्रोजेक्ट का प्लान बनाया था, लेकिन खातली जमीन के टाइटल क्लियर नहीं हाेने से प्रोजेक्ट दाे अलग-अलग जगहों पर काेर्ट से स्टे हाे गया। जेडीए कलेक्टर काे मामले रेफर कर रखे हैं। निगम एरिया क्षेत्र में कचरा डाला जा रहा है, इस पर कार्रवाई के लिए निगम काे भी पत्र लिखे हैं।" -दीपक माथुर, एसई, जेडीए "द्रव्यवती के आबादी क्षेत्र से लगते इलाकों में जहां कचरा डालकर गंदगी फैलाई जा रही है, वहां निरीक्षण कराकर पाबंद किया जाएगा।" -ओम थानवी, उपायुक्त स्वास्थ्य, ग्रेटर निगम