डोटासरा बोले-माता-बहन मोदी का दिया सिंदूर लगाएं, यह असंभव:हमें पहलगाम में बहनों के उजड़े सिंदूर का बदला चाहिए, थोथी डायलॉगबाजी न करें

डोटासरा बोले-माता-बहन मोदी का दिया सिंदूर लगाएं, यह असंभव:हमें पहलगाम में बहनों के उजड़े सिंदूर का बदला चाहिए, थोथी डायलॉगबाजी न करें
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा की ओर से घर-घर सिंदूर बांटने पर निशाना साधा है। डोटासरा ने कहा- माता और बहन केवल अपने पति के नाम का सिंदूर लगाती हैं। पहलगाम में जिन 26 बहनों के पति आतंकियों ने मारे, उन्हें मोदी सिंदूर बांटना चाहते हैं। मोदी का बांटा हुआ सिंदूर वह लगाएं, यह असंभव है। हमें हमारी बहनों के उजड़े सिंदूर का बदला चाहिए। सीकर में अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में डोटासरा ने कहा- प्रधानमंत्री कह रहे हैं हर घर में सिंदूर वितरण करेंगे। क्यों? आपने हिंदू संस्कृति को नहीं सीखा, यह दुर्भाग्य है हमारे देश का। कोई भी माता-बहन अपने पति के नाम का सिंदूर लगाती है। प्रधानमंत्री का यह बयान निंदनीय है। हम तो पहले से ही कहते आ रहे हैं कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केवल वोट की राजनीति करते हैं। भावनाओं में बहकाकर, लोगों को इमोशनल करके और हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करके तीसरी बार सत्ता में आ गए। अब इनका हर दांव उल्टा पड़ेगा। मोदी बताएं कहां चूक हुई पीसीसी चीफ बोले- भारत को अमेरिका के कहने पर सीजफायर नहीं करना चाहिए था। आज हमारे एयर चीफ मार्शल कह रहे हैं कि जो हमने सौदे किए थे, उनके तहत रक्षा सामग्री नहीं मिल रही है। उसका जवाब मोदी को देना चाहिए। पहले मोदी एक के बदले 10 सिर लाने की बात करते थे। आंख लाल करने की बात करते थे। उस पर अब कोई भी चर्चा नहीं होती। केवल सांकेतिक भाषा में बात कर रहे हैं कि कांटा चुभ रहा है, शरीर स्वस्थ है। आप (मोदी) केवल लोगों को धर्म और जाति के आधार पर बांटकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं। प्रधानमंत्री को विशेष सत्र बुलाकर संसद में बताना चाहिए कि हमसे कहां पर चूक हुई? किस वजह से हमारे 26 लोगों को आतंकवादियों ने मारा? आगे हम क्या करेंगे और किस तरह से देश सुरक्षित रहेगा, लेकिन यह तो केवल चुनावी रैलियां करने में लगे हैं। मोदी नया शगूफा लेकर आए हैं कि विदेशी चीजों का बहिष्कार करो। लेकिन उनका तो चश्मा, कोट, जूते सब कुछ विदेशी हैं। करीब 80 देश की यात्रा कर चुके हैं। इसके बावजूद एक देश भी संकट के समय हमारे साथ खड़ा नहीं था। शिक्षा मंत्री की डिग्री की करवाई जाए जांच डोटासरा ने कहा- राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर अनर्गल बातें करने के आदी हो चुके हैं। उनकी शिक्षा के प्रति कोई रुचि नहीं है। अब यदि इनकी डिग्रियों की जांच करवाई तो कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि यह पढ़े लिखे हैं या नहीं। पेपर का जो सरलीकरण हुआ, उसकी वजह से परीक्षा परिणाम अच्छा रहा है। राजस्थान के अलग-अलग जिलों से शिक्षक संघ अपनी मांगें मनवाने के लिए जयपुर की तरफ पैदल कूच कर रहे हैं। डेढ़ साल में इन शिक्षकों की मांगों के लिए आपने क्या किया? इन टीचर की एक भी मांग ऐसी नहीं है, जिससे सरकार पर कोई वित्तीय भार पड़ना हो। वह तो सार्वजनिक शिक्षा बचाने के लिए काम कर रहे हैं। टीचर्स के सवा लाख पद खाली टीचर कहते हैं कि यदि स्कूलों में पद खाली रहेंगे तो वह कैसे बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे। सवा लाख के करीब पद खाली हैं। सेकेंड ग्रेड की डीपीसी नहीं हो पा रही है। टीचर कह रहे हैं कि पुरानी एजुकेशन पॉलिसी को लागू करें। शिक्षकों से टीचिंग के अलावा जो काम करवाए जा रहे हैं, उस पर वह पाबंदी लगवाना चाहते हैं। इस पर शिक्षा मंत्री कुछ नहीं बोलते हैं।