जांच दलों ने खुद पकड़ा था फर्जीवाड़ा:बिना भर्ती इलाज दिखाया, बुखार का मरीज आईसीयू में भर्ती, 500 रुपए की दवा का 2500 बिल थमाया

जांच दलों ने खुद पकड़ा था फर्जीवाड़ा:बिना भर्ती इलाज दिखाया, बुखार का मरीज आईसीयू में भर्ती, 500 रुपए की दवा का 2500 बिल थमाया
सरकार की कैशलेस आरजीएचएस योजना में भरतपुर और डीग जिले में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। सरकार ने भरतपुर और डीग जिले के 56 अस्पतालों और मेडिकल स्टोरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी बिल, महंगी दवाओं और बिना जरूरत के जांचों के ज़रिए सरकारी पैसे की खुलकर लूट की। इसके अलावा कुछ मेडिकल स्टोर्स पर दवाइयों के स्थान पर घरेलू सामान जैसे कि किराने का सामान दिया गया। इसके अलावा 500 रुपए की दवा का 2500 ​रुपए तक बिल बना दिया। खास बात ये रही कि इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के ज़रिए हुआ। अब तक डॉक्टर, दवा विक्रेताओं और अस्पताल संचालकों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। जबकि कुछ डॉक्टरों को एपीओ तक किया जा चुका है। सरकार ने अब आरजीएचएस योजना को आईएचएमएस पोर्टल से जोडऩे का निर्णय लिया है ताकि सभी ओपीडी पर्चियां डिजिटल रूप में ही तैयार हों और उनकी मॉनिटरिंग की जा सके। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब गैर-आईएचएमएस पर्चियों पर बिलिंग स्वीकार नहीं की जाएगी। सीएमएचओ गौरव कपूर ने बताया कि जिला कलेक्टर द्वारा गठित टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर अस्पतालों और मेडिकल स्टोरों को ब्लैक लिस्ट किया गया है। मेडिकल स्टोर पर दवाइयों की जगह दिया जा रहा घरेलू सामान वर्ष 2022 में जांच में सामने आया कि श्रीजी मेडिकल स्टोर (खुशबू मेडिकल के नाम से संचालित) पर दवाओं की जगह घरेलू सामान दिया जा रहा था। टीम ने फर्जी पर्ची से 5486 रु. का बिल बनवाया, जिसमें से 2304 रु. का घरेलू सामान थमा दिया गया। संयुक्त परियोजना निदेशक सुरेशचंद मीना ने इस मामले में मथुरा गेट थाने में मामला दर्ज कराया था। भरतपुर: सैनी मेडिकोज़, कशिश फार्मेसी, जैन मुल्तानी आयुर्वेदिक सेंटर, अरेन मेडिकल , ओम गणेशम् , डॉ. आर के फार्मेसी, बालाजी, कृष्णा मेडिकल स्टोर, कमल फार्मेसी, सिटी फार्मेसी स्टोर, श्री राधे मेडिकल स्टोर, आर एस , एपीक्स फार्मा स्टोर, सक्षम मेडिकल्स भरतपुर, लक्ष्मी मेडिकल्स, शिवि फार्मेसी, लाइफ केयर मेडिकल स्टोर, जाह्नवी , श्री देव नारायण , राधा कृष्णा मेडिकल स्टोर, कृष्णा मेडिकल एंड सर्जिकल स्टोर, जिंदल सुपर स्पेशलिटीज हॉस्पिटल, एम/एस फैंसी जनरल स्टोर, वंशु फार्मा, सिंघल मेडिकल एंड जनरल स्टोर, अग्रवाल मेडिकल स्टोर , कृष्णा मेडिकल स्टोर , एपीक्स फार्मा , गुप्ता आयुर्वेदिक स्टोर, भरतपुर आरोग्य मंदिर, श्री जी मेडिकल , अरिन मेडिकल स्टोर। तहसील: वैर : कटारा फार्मा, विनय मेडिकल स्टोर, सोनी मेडिकल एंड जनरल स्टोर, शकुंतला मेडिकल स्टोर , कनक मेडिकल स्टोर, कनक मेडिकल स्टोर, अम्बेय मेडिकोज तहसील: बयाना: चावला मेडिकल स्टोर, गर्ग मेडिकल, श्रीराम मेडिकोज़, गीतांजलि मेडिकल, बांके बिहारी मेडिकल्स, पटेल फार्मा, आरसी मेडिकल एंड जनरल स्टोर, तहसील नगर: जसोरिया मेडिकल्स, तहसील नदबई: भरत मेडिकल हॉल तहसील डीग: श्री गिरिराज जी मेडिकल स्टोर, बृज मेडिकल स्टोर, अग्रवाल मेडिकल स्टोर , बृज मेडिकल स्टोर, महालक्ष्मी मेडिकल स्टोर, प्रिंस मेडिकल स्टोर मेडिकल स्टोर से सांठ-गांठ कर लगाया सरकारी खजाने को चूना जांच में सामने आया था कि डॉ. दौलत राम धाकड़ (सीएचसी बयाना) और डॉ. राजवीर सिंह (आरबीएम जिला अस्पताल) ने मेडिकल स्टोर संचालकों से मिलकर फर्जी पर्चे बनाए और बड़े-बड़े बिल पास कराए। जांच में खुलासा हुआ कि बालाजी हॉस्पिटल में अधिकांश पर्चों पर सिर्फ डॉ. राजवीर के ही हस्ताक्षर थे और एक जैसे इंजेक्शन हर मरीज को लगाए गए थे। वहीं, कृष्णा नगर के रश्मि मेडिकल स्टोर पर क्लीनिक संचालन जैसी गंभीर गड़बड़ी मिली।