कल सुबह 8 से शुरू हो 24 घंटे तक चलेगी; जिले की 8 रेंज में 150 वाटर हॉल बनाए

कल सुबह 8 से शुरू हो 24 घंटे तक चलेगी; जिले की 8 रेंज में 150 वाटर हॉल बनाए
भास्कर संवाददाता| श्रीगंगानगर जिले में 11 जून को वन्य जीव गणना की जाएगी। यह गणना वाटर हॉल पद्धति से की जाएगी। इसमें वन्य जीवों को उनके प्राकृतिक जल स्रोतों पर आने-जाने के आधार पर गिना जाएगा। यह गणना ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा यानी 11 जून को सुबह 8 बजे से शुरू होकर 12 जून को सुबह 8 बजे तक 24 घंटे चलेगी। वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर 12 मई को शुरू होने वाली वन्य जीव गणना प्रदेश के कुछ जिलों में बारिश होने व भारत पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण स्थगित कर दी गई थी। इस वन्य जीव गणना के दौरान कई मांसाहारी, शाकाहारी, पक्षी और रेंगने वाले जीवों को शामिल किया जाएगा। मांसाहारी वन्य जीवों में बधेरा, सियार, जरख, जंगली बिल्ली, लोमड़ी, भेड़िया, भालू, बिज्जू और सियागोश प्रमुख हैं। शाकाहारी वन्य जीवों में चीतल, सांभर, रोजड़ा, नील गाय, चिंकारा, चौंसिंगा, जंगली सुअर, सेही और उड़न गिलहरी शामिल होंगे। पक्षियों में उड़न गिलहरी, सारस, गिद्ध, जंगली मुर्गा और मोर की गिनती की जाएगी, जबकि रेंगने वाले जीवों में मगरमच्छ, पाटागोह, कछुआ और सांप की संख्या दर्ज की जाएगी। इसके अलावा भी कई जानवर हैं जिनकी गिनती होगी। बता दें कि श्रीगंगानगर जिले में साल 2021 में 20,227 वन्य जीव थे। साल 2024 की गणना में यह संख्या घटकर 18,670 तक आ गई। इस बार जिले की 8 रेंज में 150 से ज्यादा वाटर हॉल बनाए, 100 कर्मचारियों को तैनात किया गया है। गणना के बाद सभी आंकड़ों को संबंधित क्षेत्रीय डीएफओ कार्यालयों में संकलित किया जाएगा। इसके बाद इन रिपोर्ट्स की सॉफ्ट और हार्ड कॉपी 15 दिनों के अंदर जयपुर स्थित प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक कार्यालय में भेजी जाएगी। वहां से राज्य स्तरीय आंकड़ों का विश्लेषण कर अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी। कई वर्षों के बाद पिछले साल पाटा गोह, जंगली सूअर, सैही नेवला की भी गणना की गई है। श्रीगंगानगर जिले में 2024 की गणना के दौरान 107 सैही, 259 पाटा गोह व 31 नेवला, 73 जंगली सूअर दिखाई दिए। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार वन्य जीवों की संख्या बढ़े इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिले के जंगल सुरक्षित रहें इसके लिए लगातार ट्रैकिंग भी की जाती है। इसके अलावा गणना शुरू होने के पहले दिन वाटर पॉइंट पर ऊंचाई वाले स्थान पर मचान तैयार किए गए हैं। सभी वाटर पॉइंट पर एक वनकर्मी के साथ वॉलंटियर्स की ड्यूटी लगाई : जिलेभर में वाटर पॉइंट पर 11 जून को सुबह 8 बजे से वन्य जीव गणना शुरू होगी। सभी वाटर पॉइंट पर एक वनकर्मी के साथ वॉलंटियर्स की ड्यूटी लगाई गई है। 11 जून को पूर्णिमा की रोशनी में आसानी से वाटर हॉल पर आने वाले वन्य जीवों की गिनती की जा सकती है। लेकिन इस बार मई महीने में विक्षोभ सक्रिय होने से जिले सहित प्रदेश के कुछ जिलों में तेज आंधी के साथ बरसात भी हुई है। ऐसे में 12 मई को होने वाली वन्य जीवों की गणना को स्थगित करना पड़ा। - राकेश दुलार, डीएफओ, वन विभाग, श्रीगंगानगर