अजमेर में कर्बला की जंग जैसा मंजर:अंदरकोट में देर रात तलवारों से खेला छोटा हाईदौस, कुछ लोग चोटिल भी हुए

मोहर्रम की 9 तारीख के मौके पर शनिवार रात को अंदरकोट में छोटा हाईदौस हुआ। आशिकान ए हुसैन ने तलवारों से हाईदौस खेल कर कर्बला की जंग के मैदान का मंजर साकार किया। इशा की नमाज के बाद हताई चौक में यह आयोजन शुरू हुआ। हाईदौस और डोले शरीफ की जियारत के लिए आशिकान ए हुसैन का हुजूम लगा था। फोटोज में देखें नजारे.... 100 तलवारें दी - स्थानीय प्रशासन ने इस आयोजन के लिए 100 तलवारें प्रदान कीं, ताकि सुरक्षा और प्रामाणिकता सुनिश्चित की जा सके। मुहर्रम और हाईदौस का सांस्कृतिक मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है और इसे इस्लाम में पवित्र माना जाता है। यह महीना विशेष रूप से मुसलमानों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इमाम हुसैन की शहादत को याद करने का समय है। तलवारों का उपयोग भक्ति और ऐतिहासिक स्मरण को दर्शाता है, और अक्सर बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करता है। (फोटो-वीडियो-नजीर कादरी, अजमेर)