शुभांशु अंतरिक्ष में खाएंगे गाजर, मूंग-दाल का हलवा:लखनऊ में बहन बोली- बेटे के पसंदीदा खिलौने साथ ले गए

शुभांशु अंतरिक्ष में खाएंगे गाजर, मूंग-दाल का हलवा:लखनऊ में बहन बोली- बेटे के पसंदीदा खिलौने साथ ले गए
लखनऊ के एस्ट्रोनॉट शुभांशु इन दिनों NASA के अंतरिक्ष स्टेशन पर हैं। वह वहां गाजर और मूंग दाल का हलवा खाएंगे। यहां लखनऊ में उनकी बहन शुचि ने बताया है कि शुभांशु अपने 6 साल के बेटे के खिलौने हंस को साथ ले गए हैं। वहीं, शुभांशु ने अंतरिक्ष से जारी वीडियो संदेश में कहा है कि हंस 'जॉय' पूरे 14 दिन तक उनके साथ अंतरिक्ष में रहेगा। स्पेसएक्स के एक्सिओम-4 मिशन के तहत जब शुभांशु अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचे, तो उन्होंने अपने साथ एक खास चीज भी दुनिया को दिखाई। वह चीज है- सफेद हंस वाला सॉफ्ट टॉय, जिसका नाम उन्होंने "Joy" रखा है। अंतरिक्ष में तैरता हंस बना पहचान का प्रतीक शुभांशु की अंतरिक्ष से आए दूसरे वीडियो में यह सॉफ्ट टॉय हवा में तैरता नजर आया। उन्होंने वेबकास्ट के दौरान बताया कि यह सिर्फ एक खिलौना नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति में ज्ञान और विवेक का प्रतीक है। “हंस को हमने ‘Joy’ और ‘Grace’ के रूप में प्रस्तुत किया है। यह सरस्वती माता की सवारी है और हमारी परंपराओं में इसे सौंदर्य, बुद्धिमत्ता और एकाग्रता का प्रतीक माना जाता है।” शुभांशु की बातों के साथ कैमरे में हवा में तैरता सफेद हंस दिखाई दिया। उन्होंने कहा- "जब हम इसे लेकर आए, तो हमने तय किया कि हम यहां से ज्ञान लेकर वापस लौटेंगे और पूरी मानवता से इसे साझा करेंगे।" उनके इस बयान ने साफ कर दिया कि यह मिशन सिर्फ एक वैज्ञानिक शोध के लिए नहीं है, बल्कि भारत की संस्कृति, भावनाओं और पारिवारिक मूल्यों को अंतरिक्ष तक पहुंचाने का एक कठोर माध्यम भी है। बेटे ने चुना ‘Joy’, बहन ने बताया- हंस टॉय का संदेश शुभांशु शुक्ला की बहन शुचि ने हंस टॉय को लेकर एक खास किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष मिशन में यह परंपरा होती है कि हर अंतरिक्ष यात्री अपने साथ एक सॉफ्ट टॉय ले जाता है। यह खिलौना उड़ान के दौरान जीरो ग्रेविटी के समय हवा में तैरने लगता है, जिससे पता चलता है कि स्पेसक्राफ्ट अब गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से बाहर निकल चुका है। शुभांशु की बहन शुचि ने बताया- “इस मिशन की सबसे प्यारी बात यह थी कि शुभांशु के 6 साल के बेटे को टॉय चुनने की जिम्मेदारी दी गई थी। पहले उसने डायनासोर की इच्छा जताई, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो सका। इसके बाद विकल्प के तौर पर हंस चुना गया। फिर इस हंस को एक गहरे भावनात्मक और सांस्कृतिक अर्थ के साथ जोड़ा गया।” उन्होंने बताया, “हमारे परिवार ने महसूस किया कि हंस सिर्फ एक खिलौना नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और ज्ञान का वाहक बन सकता है। शुभांशु ने इसे 'Joy' नाम दिया और सरस्वती माता की सवारी से जोड़ा। इसका संदेश यह है कि जब हम अंतरिक्ष में जा रहे हैं तो ज्ञान, गरिमा और भारतीय परंपरा भी साथ लेकर जा रहे हैं।” "हलवे के स्वाद से जुड़ी है घर की याद" – पिता एसडी शुक्ला शुभांशु शुक्ला के पिता एसडी शुक्ला अपने बेटे की इस उपलब्धि पर गौरवान्वित हैं। उन्होंने बताया कि शुभांशु अंतरिक्ष में गाजर का हलवा और मूंग दाल का हलवा भी साथ ले गए हैं, जो खासतौर पर इसरो द्वारा स्पेस में खाने लायक तैयार किया गया है। उन्होंने कहा- “हमेशा से शुभांशु को घर का बना हलवा बहुत पसंद रहा है। इसलिए हमने इसरो से आग्रह किया कि उसे वही स्वाद स्पेस में भी मिल सके। इसरो ने नासा की अनुमति से यह फूड आइटम्स तैयार करवाए। इसके साथ ही सात और चीजें भी भेजी गई हैं जो भारतीय स्वाद और पोषण दोनों को ध्यान में रखकर चुनी गई हैं।” उन्होंने भावुक होते हुए कहा, “जब हमने वीडियो में उसका टॉय हवा में तैरते हुए देखा, तो लगा जैसे वो अकेला नहीं है। उसमें हमारी संस्कृति, हमारी यादें और हमारे घर का प्यार भी उसके साथ गया है। हमें इस बात की भी तसल्ली है कि बेटा वहां सिर्फ विज्ञान का काम नहीं कर रहा, बल्कि देश की आत्मा भी वहां पहुंचा रहा है।” ------------------------------------------ शुभांशु से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए... मां बोलीं- शुभांशु मेरा बेटा पहले, एस्ट्रोनॉट बाद में : उसे देखे 1 साल हो गया; पिता ने कहा- वह हनुमानजी का भक्त, सही-सलामत लौटेगा 'भोलेनाथ से कृपा मांगते हैं, प्रभु श्रीराम से आशीर्वाद मांगते हैं और बजरंगबली से बल-शक्ति की गुहार है। हम सनातनी हैं, भगवान पर पूरा विश्वास है। बेटे की अंतरिक्ष मिशन की सफल लॉन्चिंग के बाद अब उसकी वापसी का इंतजार है। भगवान शंकर, प्रभु श्रीराम और हनुमानजी सभी की पूजा और आराधना कर उसकी सकुशल वापसी की प्रार्थना करते हैं।' (पूरी खबर पढ़िए) शुभांशु के माता-पिता ने देखा बेटे का लाइव टेलीकास्ट : सीएम योगी से की मुलाकात; अखिलेश बोले- उनका अंतरिक्ष मिशन सफल हो एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला समेत 4 एस्ट्रोनॉट आज शाम 4 बजकर 1 मिनट पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंच गए। इन लोगों ने करीब 28 घंटे का सफर किया। शाम करीब 6 बजे स्पेस स्टेशन का हैच खुला और सभी एस्ट्रोनॉट ISS के अंदर दाखिल हुए। शुभांशु की यात्रा को देखने के लिए गुरुवार को लखनऊ में उनके माता-पिता CMS कानपुर रोड ब्रांच पहुंचे। (पूरी खबर पढ़िए) एस्ट्रोनॉट बेटा अंतरिक्ष को रवाना हुआ तो मां रो पड़ीं:लखनऊ में शुभांशु के स्कूल से मां-पिता ने लाइव देखा; लॉन्चिंग के बाद भांगड़ा किया लखनऊ के शुभांशु शुक्ला एक्सियम मिशन-4 के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यानी ISS पर रवाना हो गए। उनके साथ तीन अन्य एस्ट्रोनॉट भी स्पेस स्टेशन जा रहे हैं। शुभांशु को LDA की CMS ब्रांच से लोगों ने स्पेस स्टेशन में जाते हुए देखा। मिशन लॉन्चिंग का लाइव टेलीकास्ट देखने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई थी। जैसे ही बेटा स्पेस के लिए रवाना हुआ माता-पिता ताली बजाने लगे। खुशी के मारे शुभांशु की मां की आंखों से आंसू छलक पड़े। हाथ जोड़कर उन्होंने बेटे की सलामती की दुआ की। (पूरी खबर पढ़िए) शुभांशु अंतरिक्ष के लिए रेडी, मां को खाने की टेंशन:लखनऊ में बहन बोलीं- बचपन में कहते थे मैं तारों के पास घूमने जाऊंगा लखनऊ के शुभांशु शुक्ला 10 जून को NASA और Axiom Space के कंबाइंड मिशन पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की उड़ान भरेंगे। मिशन में उनके साथ 4 लोग जा रहे हैं। मिशन का नाम-Axiom 4 है। अंतरिक्ष में वे 14 दिन रहेंगे। इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन और एस्ट्रोनॉट शुभांशु ऐसा करने वाले के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे, उनसे पहले राकेश शर्मा ये कारनामा कर चुके हैं। वह 40 साल पहले अंतरिक्ष गए थे। (पूरी खबर पढ़िए)