अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़:पीसीपीएनडीटी का डिकॉय ऑपरेशन; जयपुर में अवैध पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन देने आया एजेंट धरा, बीकानेर से दो महीने से चल रही थी डील

अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़:पीसीपीएनडीटी का डिकॉय ऑपरेशन; जयपुर में अवैध पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन देने आया एजेंट धरा, बीकानेर से दो महीने से चल रही थी डील
पीसीपीएनडीटी के एक डिकॉय ऑपरेशन में अवैध रूप से पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन बेचने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। बीकानेर की टीम ने पीबीआई थाने की मदद से बुधवार को एक एजेंट को जयपुर में दबोचा। उसके पास से चीन निर्मित उच्च क्वालिटी की पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन बरामद की गई है, जो वह 6 लाख रुपए में बेचने के लिए लाया था। पीसीपीएनडीटी के बीकानेर शहर प्रभारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी और प्रभारी महेंद्र सिंह चारण ने इंटरनेट पर सर्च करके इस गिरोह से संपर्क साधा था। सोनोग्राफी मशीन के जानकार एक डॉक्टर को बोगस ग्राहक बनाया गया। गिरोह के एजेंट पश्चिम बंगाल के हुगली निवासी 45 वर्षीय अमिताभ भादुरी से फर्जी तरीके से सोनोग्राफी मशीन खरीदने की डील 6 लाख में की। इस डील में दो महीने लग गए। जब यह पुख्ता हो गया कि वह 25 जून को जयपुर में डिलीवरी देगा तब उन्होंने इसकी सूचना एनएचएम निदेशक डॉ. अमित यादव और पीबीआई थाने के एएसपी हेमंत जाखड़ को दी। अमिताभ 24 जून की शाम को ही ट्रेन से जयपुर आ गया। उसने बोगस ग्राहक को सूचना दे दी। वह रात रेलवे स्टेशन पर ही सोया। बुधवार को ग्राहक ने उसे सेंट्रल पार्क में बुलाया, जहां बीकानेर टीम ने एएसपी जाखड़ की मदद से भादुरी को पकड़ लिया। डॉ. चौधरी ने बताया कि मशीन हाईटेक है। रिजल्ट भी काफी अच्छे हैं, लेकिन देश में अवैध रूप से बेची जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ से पता चला है कि इस कार्य में अंतर्राष्ट्रीय गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह केरल और मणिपुर में भी मशीनें बेच चुका है। जयपुर पहुंचने के बाद भादुरी ने वॉट्सएप पर पश्चिम बंगाल में अपने बॉस को वॉयस मैसेज भी किया था। एजेंट के पास मशीन को भारत लाने और बेचने का कोई वैध दस्तावेज नहीं मिला। डॉ. चौधरी ने बताया कि मशीन के लिए लाइसेंस अनिवार्य है। इसे एक ही स्थान पर रखकर सोनोग्राफी की जा सकती है। मशीन की जियो फेंसिंग होती है, जिससे इस पर नजर रखी जाती है। चीनी मशीनों की भारत में तस्करी देश में अपंजीकृत पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन बैन है, जबकि यह गिरोह इस तरह की मशीन चीन से खरीद कर दूसरे देशों के यातायात संसाधनों के माध्यम से भारत में लाते हैं। इसके बाद भारत के विभिन्न हिस्सों में बेच देते हैं। केवल एक छोटे सूटकेस में रखी जा सकने वाली इस कलर डॉप्लर मशीन के साथ अन्य आवश्यक सामान भी बेचा जा रहा है। गिरोह की तलाश में जुटी पुलिस इस घटना के बाद पीबीआई पुलिस गिरोह की तलाश में जुट गई है। भादुरी से प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि वह यह मशीन लाइफ प्लस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता के डॉ. आदित्य मुरारका से लेकर यहां बेचने आया था। एएसपी ने बताया कि संबंधित थानों और प्रशासन को सूचना दे दी गई है। इस अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के बाकी सदस्यों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। टीम में ये रहे शामिल एएसपी डॉ. हेमंत जाखड़ ने बताया कि जयपुर में हुई इस बड़ी एवं सफल कार्रवाई में बीकानेर टीम की अहम भूमिका रही। बीकानेर जोन के संयुक्त निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी और जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेंद्र सिंह चारण ने ऑनलाइन सोनोग्राफी मशीन विक्रेताओं से संपर्क कर कड़ी से कड़ी जोड़ी। भारत में इस तरह की यह पहली कार्रवाई है। पीबीआई थाना के सीआई संतोष कुमार शर्मा एवं पुलिस कार्मिक नरेंद्र कुमार, कैलाश, शानू चौधरी टीम में शामिल रहे। एजेंट ने मैसेज किया, डॉन को पकड़ना नामुमकिन है पीबीआई थाने एएसपी हेमंत जाखड़ ने बताया कि एजेंट भादुरी के मोबाइल की जांच की तो पता चला कि जयपुर पहुंचने के बाद उसने पश्चिम बंगाल में बैठे अपने बॉस डॉ. आदित्य मुरारका को वॉयस मैसेज किया कि ‘मैं सुरक्षा के मद्देनजर यहीं रुका हूं और कंपनी के पैसे भी बचा रहा हूं। बचे हुए पैसों का अपनी सेहत के लिए अच्छा भोजन करूंगा। मैं पूरी तरह सतर्कता बरत रहा हूं। वैसे भी डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। वो डॉन हो आप।’