AI से छात्रा का पिता के साथ बनाया अश्लील वीडियो:जयपुर की पीड़ित और उसकी मां को रेप की धमकी, ऑनलाइन गेमिंग में हुई थी दोस्ती

जयपुर में एक स्टूडेंट ने अपने साथी के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से 10वीं में पढ़ने वाली छात्रा का उसके पिता के साथ अश्लील वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। आरोपी सोशल मीडिया पर छात्रा और उसकी मां को रेप करने की धमकी भी दे रहे थे। उनके बारे में आपत्तिजनक बातें भी लिख रहे थे। घटना जयपुर के मानसरोवर इलाके की है। पीड़ित की मां की रिपोर्ट पर पुलिस ने दो आरोपियों को गुजरात व दिल्ली से पकड़ा है। कोर्ट ने नाबालिग आरोपी की मनौवैज्ञानिक दशा को देखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया। बालिग आरोपी भी जेल में है। ऑनलाइन गेमिंग के दौरान हुई दोस्ती मानसराेवर में रहने वाली 15 साल की छात्रा दसवीं कक्षा में पढ़ती है। उसका स्कूल दूर होने के कारण पिता ने उसे मोबाइल फोन दिया था। वह मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलती थी। इस दौरान उसकी अन्य लड़कों से दोस्ती हुई। कुछ समय बाद उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम आईडी और वॉट्सऐप नंबर आपस में शेयर किए। लड़कों ने छात्रा को कई इंस्टाग्राम ग्रुप में ऐड कर लिया। वे सभी ऑनलाइन चैट करने लगे।लाइव चैट के दौरान जम्मू–कश्मीर की एक लड़की से लड़के की कहासुनी हो गई। जिस पर पीड़ित ने लड़की का पक्ष लेते हुए लड़के को तमीज से बात करने की नसीहत दी। रेप की धमकी देकर मांगे अश्लील फोटो–वीडियो इस पर लड़के ने अन्य साथियों के साथ मिलकर 16 अप्रैल को लड़की से लाइव चैटिंग के दौरान गाली-गलौच करना शुरू कर दिया। लड़के ने वॉट्सऐप नंबर पर अश्लील मैसेज भी भेजे। लड़के ने लड़की काे रेप करने की धमकी दी और उससे अश्लील फोटो व वीडियो मांगे। लड़के और उसके साथियों ने पीड़ित छात्रा की मां से भी रेप की धमकी दी। इससे छात्रा डिप्रेशन में आ गई। उसने स्कूल व कोचिंग जाना भी बंद कर दिया। पीड़ित ने इंस्टाग्राम आईडी को ब्लॉक किया तो दूसरे अकाउंट से मैसेज आना शुरू हो गए। पीड़िता को तनाव में देखकर उसकी मां ने कई बार पूछा, लेकिन छात्रा ने जवाब नहीं दिया। जब मां ने उसका मोबाइल फोन चेक किया तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद उन्होंने शिप्रापथ पुलिस थाने में इन लड़कों के खिलाफ 19 अप्रैल को पॉक्सो और आईटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कराया। एआई से छात्र ने बनाया अश्लील वीडियो आरोपियों ने इंस्टाग्राम से छात्रा के फोटो चोरी कर उसके पिता के साथ एआई से उसके अश्लील वीडियो बनाए। इन्हीं के जरिए वे स्टूडेंट को ब्लैकमेल करने लगे। छात्र ने इसे अपने इंस्टाग्राम रील पर शेयर करते हुए पीड़िता और उसके पिता को टैग करते हुए लिखा कि इस व्यक्ति ने इस लड़की के साथ रेप किया है।पीड़िता की मां ने पुलिस को ये वीडियो और छात्रों द्वारा भेजे गए आपत्तिजनक मैसेज भी दिखाए। आरोपी अलग-अलग इंस्टाग्राम आईडी से मैसेज कर छात्रा को परेशान कर रहे थे। दो-दो सिमकार्ड यूज कर रहे थे आरोपी शिप्रापथ थाना प्रभारी राजेंद्र गोदारा ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों की तलाश के लिए पीड़िता की इंस्टाग्राम आईडी से आरोपियों की आईडी ली और मेटा कंपनी को ईमेल कर डेटा मांगा। इस केस में 4 इंस्टाग्राम आईडी अलग-अलग जगहों से यूज हो रही थी। ये सभी फर्जी नाम से बनाई गई थी। साइबर व टेक्निकल टीम की मदद से आरोपियाें के वेरिफाई मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी मिल गए। पुलिस ने आईपी एड्रेस के आधार पर जांच की तो सामने आया कि ये नंबर दिल्ली, पंजाब व गुजरात में एक्टिव थे। राजस्थान से मिला गुजरात का सुराग मोबाइल नंबर के दस्तावेजों के आधार पर पुलिस टीम पहले जालोर पहुंची। वहां से पुलिस को आरोपी के परिवार के गुजरात के वापी में रहने की जानकारी मिली। इस पर पुलिस ने छात्र के मोबाइल नंबर डिटेल निकलवाई। लोकेशन के आधार पर पुलिस ने नाबालिग छात्र को गुजरात से पकड़ा और उसका मोबाइल फाेन भी जब्त कर लिया। नाबालिग छात्र दो सिमकार्ड काम में ले रहा था।जिनसे उसने अलग–अलग इंस्टाग्राम आईडी बना रखी थी। पुलिस ने आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड में पेश कर बाल सुधार गृह भेजा। पिछले साल 10वीं में आए थे 90% नाबालिग छात्र के पिता गुजरात में कपड़े का व्यवसाय करते हैं। उनके दो बेटे हैं। छात्र के पिता ने बताया कि पिछले साल 10वीं के एग्जाम में वह 90 प्रतिशत अंक लाया था। इस बार उसके केवल 50 प्रतिशत अंक आए हैं। वह दिन भर मोबाइल में लगा रहता था। यही हाल 20 वर्षीय वंश राणा का भी है। वह ग्रेजुएशन कर रहा है लेकिन मोबाइल की लत के कारण वह भी पढ़ाई में कमजोर हुआ है। कोर्ट ने खारिज की जमानत, दिए सख्त निर्देश पुलिस जांच में सामने आया कि नाबालिग छात्र ने ही 10वीं की छात्रा के नाम से आपत्तिजनक ग्रुप बनाया और उसमें अश्लील मैसेज व फोटो भेजे। वहीं आरोपी वंश राणा ने इसे अपने अकाउंट से शेयर किया। कोर्ट ने अपने आदेश में दोनों की जमानत खारिज कर दी। पॉक्सो कोर्ट के जज तिरुपति कुमार गुप्ता ने अपने फैसले में लिखा कि नाबालिग को जमानत पर नहीं छोड़ा जा सकता। आरोपी ने जो किया उससे लगता है कि वह ऐसे लोगों के संपर्क में था जिससे उसका नैतिक व मनोवैज्ञानिक पतन हुआ। इसकी अधिक संभावना है कि वह किसी अन्य अपराधी के संपर्क में आ सकता है। इससे उसका नैतिक व मनोवैज्ञानिक विकास खतरे में पड़ेगा। आरोपी रिमांड होम में रहेगा तो उसे सरकार द्वारा नियुक्त मनोवैज्ञानिक काउंसलर्स का नियमित इलाज मिलेगा। वहीं आरोपी को जमानत देने पर पीड़िता के मन मस्तिष्क पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा और न्याय का उद्देश्य भी विफल होगा। ऐसे में कोर्ट ने आरोपी की जमानत खारिज कर दी।