रामरस चिंतन राम कथा के चौथे दिन सुनाया बाल लीलाओं का प्रसंग

रामरस चिंतन राम कथा के चौथे दिन सुनाया बाल लीलाओं का प्रसंग
जयपुर | यमुना नगर सोड़ाला में चल रही रामरस चिंतन (मानस) रामकथा के चौथे दिन गुरुवार को श्री राम जन्म की कथा हुई। कथा व्यास कौन्तेय भैया ने भगवान राम की बाल लीला का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि अयोध्या के वासी ही नहीं अपितु पशु-पक्षी विषधर जीव भी राम प्रभु के अनुकूल हैं। उन्हें अतः प्रेम करते हैं। गुरु विश्वामित्र के आश्रम में विद्या अध्ययन के लिए गए प्रभु ने 64 दिन में ही विद्या पूर्ण कर ली थी। उस समय भारत की विद्या पद्धति में विद्यार्थी को संपूर्ण 64 कलाओं का ज्ञान दिया जाता था। विश्वामित्र के आश्रम में पहुंच कर भगवान राम ने सुबाहु का का वध किया और मारीच को बिना फर का बाण मारा जो 7 योजन दूर आज के मॉरिशस देश में गिरा। जो शास्त्र अनुसार उस समय मारीच अस नाम का देश था।