मजदूर मां-बाप की बेटी के आर्ट्स में 98 प्रतिशत:तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी कल्पना ने घर का काम भी नहीं छोड़ा, पढ़ाई का जुनून बनाकर टीचर बनने का सपना

मजदूर मां-बाप की बेटी के आर्ट्स में 98 प्रतिशत:तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी कल्पना ने घर का काम भी नहीं छोड़ा, पढ़ाई का जुनून बनाकर टीचर बनने का सपना
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का 12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम गुरूवार को जारी हो गया। इस परीक्षा परिणाम में डीडवाना-कुचामन जिले के मुआना गांव की कल्पना कुमावत ने भी बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कल्पना ने 12 वीं आर्ट्स में 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। कल्पना हमेशा से ही पढ़ाई में होशियार रही है। कल्पना के माता-पिता मजदूरी करते हैं और भवन निर्माण कार्यों के ठेकेदार के काम करते हैं। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी कल्पना ने छोटी सी उम्र में परिवार की सभी जिम्मेदारियों काे संभाल रखा है। कल्पना ने दैनिक भास्कर को बताया कि पहली क्लास से 12वीं क्लास तक मुआना की नवरंग सीनियर सैकंडरी स्कूल में पढ़ाई की है। नियमित पढ़ाई से ही लक्ष्य प्राप्ति सफल होती है, रोजाना 6-7 घंटे की पढ़ाई करके ये उपलब्धि पाई है। इस सफलता में माता-पिता और गुरूजनों का हर पल सहयोग रहा है। माता-पिता ने मजदूर होने के बावजूद पढ़ने के लिए प्रेरित किया है। पढ़ाई के दौरान दोनों भाई-बहनों ने भी सहयोग किया और कभी डिस्टर्ब नहीं किया। कल्पना की स्कूल के निदेशक कमलाराम बिजारणियां ने बताया कि कल्पना का सपना टीचर बनने का है। कल्पना के पिता लक्ष्मणराम कुमावत और माता इंदिरा देवी भवन निर्माण ठेकेदार के मजदूरी करते हैं। कल्पना का भाई सुरेंद्र और बहन माेनिका भी नवरंग सीनियर स्कूल में ही 10 वीं कक्षा में पढ़ते हैं। भाई-बहनों में सबसे बड़ी होने के कारण घर का काम भी करती है। माता-पिता सुबह से शाम तक मजदूरी करते हैं लेकिन अपने बच्चों को पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करते हैं। कल्पना ने बताया कि परिवार या रिश्तेदारी में कोई कार्यक्रम भी होता है तो वहां जाने से परहेज करती हैं, क्योंकि अच्छे मार्क्स लाने के लिए नियमित पढ़ाई करना भी जरूरी है।