बाड़मेर ASI-पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमले के 10 आरोपी को जेल:5 साल का कारावास और आर्थिक-दंड, SC-ST कोर्ट ने सुनाया फैसला

बाड़मेर ASI-पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमले के 10 आरोपी को जेल:5 साल का कारावास और आर्थिक-दंड, SC-ST कोर्ट ने सुनाया फैसला
बाड़मेर पुलिस के एएसआई और कॉन्स्टेबल के साथ मारपीट और जानलेवा हमले के मामले में सोमवार को एससी-एसटी कोर्ट ने 5 साल की सजा और अर्थदंड सुनाया है। आपको बता दें कि सदर थाने के एएसआई मय पुलिस जाब्ता जीप में आरोपी की मौका तस्दीक और जांच पड़ताल के लिए गई। वहां पर टीम पर लाठी-डंडों से लैंस आरोपियों ने हमला किया था। कोर्ट ने 10 साल पुराने मामले में 10 आरोपियों को सजा सुनाई है। यह था मामला विशिष्ट लोक अभियोजक स्वरूप सिंह भदरू ने बतया- 6 जून 2015 को परिवादी शंकरलाल ने सदर थानाधिकारी के समक्ष रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें बताया- आदेशों की पालना के लिए शंकरलाल एएसआई मय पुलिस जाब्ता जीप से परिवादी मेवनाथ की तस्दीक व जांच के लिए कड़वासरा मार्केट से रामनगर की तरफ जाने वाली रोड नुक्क्ड़ पहुचे। वहां लाठियों डंडो से लैंस अभियुक्तगण उनके साथ झगड़ा और मारपीट करने के फिराक में थे। उन लोगों से समझाइश करने लगा तो सभी एक साथ खड़े होकर राजकार्य में बाधा पहुंचाई। कोहलनाथ, बन्नानाथ, चन्द्रनाथ, ओमनाथ, भाननाथ, मंशानाथ, ठाकरनाथ, मानानाथ, लालनाथ, खमीशनाथ निवासी बाड़मेर ने लाठियों से उसे व उसके स्टाफ पर जानलेवा हमला कर दिया। लाठियों, थापों, मुक्कों से मारपीट की। मारपीट में उसके व स्टाफ के सदस्यों को चोटें आई। जांच अधिकारी की ओर से जांच पूरी करने के बाद आरोपियों के खिलाफ में न्यायालय में चार्जशीट पेश की गई। इस पर आरोपीगण को आरोप सुनाए गए। सरकारी वकील की ओर से कोर्ट में गवाहाें के बयान करवाए गए। साथ ही दस्तावेजों प्रदर्शित करवाए गए। 10 आरोपियों को 5 साल और अर्थदंड की सजा बाड़मेर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की मुख्य विशिष्ट न्यायाधीश डॉ. सरोज सींवर की ओर से सभी गवाहों, सबूतों और दोनों पक्षों की बहस सुनकर आज सोमवार को आरोपी कोहलनाथ, बन्नानाथ, चन्द्रनाथ, ओमनाथ, भाननाथ, मंशानाथ, ठाकरनाथ, मानानाथ, लालनाथ, खमीशनाथ निवासी बाड़मेर को धारा 147, 332/149, 333/149, 333, 353, 355/149 भारतीय दंड संहिता के क्राइम में दोषी मानते हुए 5 साल की साधारण कारावास और 10 हजार रुपए का आर्थिक दंड सुनाया है। मामले में सरकार की ओर से लोक अभियोजन स्वरूप सिंह भदरू और अभियुक्त की ओर से भगवान सिंह राठौड़ ने पैरवी की गई।