पुलिस अधिकारियों को मिली 'जीवन रक्षक तकनीकों' की जानकारी:राजस्थान में पुलिस लाइन में सीआईआई ने चलाया जागरूकता अभियान, आपातकालीन परिस्थितियों में कर सकेंगे मदद

पुलिस अधिकारियों को मिली 'जीवन रक्षक तकनीकों' की जानकारी:राजस्थान में पुलिस लाइन में सीआईआई ने चलाया जागरूकता अभियान, आपातकालीन परिस्थितियों में कर सकेंगे मदद
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और राजस्थान अस्पताल जयपुर के संयुक्त तत्वाधान में राजस्थान पुलिस लाइन, जयपुर में पुलिस अधिकारियों के लिए पांच दिवसीय जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र का उद्देश्य पुलिस बल को बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) और कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) जैसी जीवन रक्षक तकनीकों से अवगत कराना था, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में प्रभावी हस्तक्षेप कर आम नागरिकों की जान बचाई जा सके। सत्र को संबोधित करते हुए राजस्थान अस्पताल के डॉ. महेश अरोड़ा ने कहा बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) तकनीकें महत्वपूर्ण हैं। जो जीवन और मृत्यु के बीच अंतर कर सकती हैं। एयरवे, ब्रीदिंग और सर्कुलेशन (ABC अनुक्रम) को समझना और अभ्यास करना अत्यावश्यक है। इन तकनीकों को सीखकर हम अपने समुदाय को एक सशक्त फर्स्ट रिस्पॉन्डर बना सकते हैं। आईपीएस देवेन्द्र कुमार बिश्नोई ने कहा कि यह सिद्ध हो चुका है कि सीपीआर से जीवन बचाया जा सकता है। आम लोगों के साथ-साथ पुलिस कर्मियों को भी इस तकनीक में दक्ष होना चाहिए ताकि वे आपातकालीन स्थितियों में प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें। सीआईआई राजस्थान के वरिष्ठ निदेशक एवं प्रमुख नितिन गुप्ता ने जानकारी दी कि जयपुर की पुलिस लाइन में आयोजित इस प्रशिक्षण श्रृंखला में प्रत्येक सत्र में 40–42 पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। अब तक 400 से अधिक पुलिस अधिकारियों को इन सत्रों से लाभ मिला है। राज्य के अन्य पुलिस प्रशिक्षण केंद्र जैसे अलवर, उदयपुर और किशनगढ़ से भी इस प्रकार के सत्रों की मांग आई है और हम शीघ्र ही वहां भी इन्हें आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। इस अवसर पर सीआईआई राजस्थान के डिप्टी डायरेक्टर प्रवीण देवल, एग्जीक्यूटिव ऑफिसर आशीष पाठक, निरीक्षक सपना पुनिया और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी उपस्थित रहे।