ताजिया जुलूस रात को ही निकलेगा:रात 12 बजे तक कर्बला मैदान पहुंचेगा, रविवार को होगा सुपुर्द ए खाक

मुस्लिम समाज की ओर से मोहर्रम पर ताजिया जुलूस निकालने का कार्यक्रम अचानक बदला है। अब ताजिया जुलूस रविवार की बजाय शनिवार रात 10 बजे ही निकाला जाएगा। जबकि पहले यह रविवार को दोपहर 1 बजे के बाद निकालना तय था। हालांकि शनिवार रात 10 बजे शुरू होने वाला जुलसू रात करीब 12 बजे कर्बला मैदान पहुंचेगा। अगले दिन रविवार शाम करीब 7 बजे सुपुर्द ए खाक किया जाएगा। जिला एवं पंचायत प्रशासन तथा ताज़िया कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में हर वर्ष की भांति इस बार भी मोहर्रम का कार्यक्रम श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। शनिवार रात 10 बजे से शहर के विभिन्न मार्गों से ताज़िया जुलूस निकलेगा, वहीं रविवार, 6 जुलाई को शाम 7 बजे कर्बला मैदान में ताज़ियों को सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा। शनिवार रात 9 बजे नंगली मोहल्ले से छोटा ताजिया उठेगा। उसके बाद साढे़ नौ बजे मेव बोर्डिंग से बड़ा ताजिया उठेगा। रात करीब 10 बजे भगत सिंह सर्किल पर दोनों का मिलान होगा। उसके बाद ताजिया अंबेडकर सर्किल, जेल चौराहे से होते कर्बला मैदान पहुंचेगा। शनिवार सुबह से ही कर्बला मैदान पर साफ सफाई जारी है। मौसम को देखते हुए मैदान को तैयार किया गया है। बैठक में तय किया गया कि ताज़ियों को भव्यता से सजाया जाएगा और शांति पूर्वक तरीके से नगर भ्रमण कराया जाएगा। जुलूस बड़ी मस्जिद, छोटी बिलाली मस्जिद, रोड नंबर दो होते हुए कर्बला मैदान तक पहुंचेगा। जगन्नाथजी मेला होने के कारण कमेटी के अध्यक्ष बोले खुर्शीद खान ने बताया कि जगन्नाथजी मेला व चांद की 10 तारीख यानी मोहर्रम एक साथ है। जिसे देखते हुए ताजिया जुलूस एक रात पहले ही निकालने का निर्णया किया है। पिछले साल भी ऐसा ही किया गया था।
ताज़िया कमेटी के प्रमुख मोहसिन खान, मोहम्मद अमन एवं अन्य प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि इस बार सुपुर्द-ए-ख़ाक का कार्यक्रम 6 जुलाई को शाम 7 बजे किया जाएगा। इसके लिए कर्बला मैदान के पास सुरक्षा व्यवस्था, प्रकाश, पानी व सफाई के पुख्ता इंतज़ाम किए जा रहे हैं। 5 जुलाई की रात को ही मोहर्रम की विशेष मजलिसें, मातम एवं नगर भ्रमण कार्यक्रम होंगे। मुस्लिम समाज की ओर से शहर में अमन-चैन और भाईचारे की मिसाल पेश करने की अपील की गई है। प्रशासन ने भी कार्यक्रम को लेकर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी थानों को अलर्ट किया है। कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए निगरानी समितियां भी गठित की गई हैं।