पाक विस्थापित गर्भवती महिला के पास आधार कार्ड नहीं,सोनोग्राफी अटकी:जैसलमेर से रेफर होकर जोधपुर आई, उम्मेद हॉस्पिटल में भर्ती

पाक विस्थापित गर्भवती महिला के पास आधार कार्ड नहीं,सोनोग्राफी अटकी:जैसलमेर से रेफर होकर जोधपुर आई, उम्मेद हॉस्पिटल में भर्ती
जोधपुर के उम्मेद अस्पताल के लेबर रूम में भर्ती एक पाक विस्थापित पिछले तीन दिन से केवल इस वजह से सोनोग्राफी नहीं करवा पा रही है क्योंकि उसके पास आधार कार्ड नहीं है। उसके पति की मानें तो महिला की हालत अच्छी नहीं है। पासपोर्ट भी पाकिस्तान का है, ऐसे में वे यहां-वहां भटकने को मजबूर है। हालांकि शनिवार सुबह जानकारी मिलने पर उम्मेद हॉस्पिटल के डॉ. मोहन मकवाना ने साइन करके दिए, जिसके बाद महिला को सोनोग्राफी के लिए ले जाया गया। जोधपुर के सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश ने बताया- जैसलमेर में रह रहे पाक विस्थापित किशनलाल की पत्नी रामत को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन 27 मई की देर रात उम्मेद हॉस्पिटल लेकर गए थे। उसे भर्ती कर लेबर रूम में शिफ्ट कर दिया गया था। जांच के बाद डॉक्टर ने सोनोग्राफी कराने को कहा, लेकिन जब मरीज के परिजन उसे हॉस्पिटल में ही स्थित सोनोग्राफी जांच केंद्र पर ले गए तो वहां आधार कार्ड लाने को कहा गया। इस पर किशनलाल ने बताया- उनका आधार कार्ड बना हुआ नहीं है, सिर्फ पासपोर्ट है। उसके आधार पर सोनोग्राफी करने से मना करते हुए बाहर किसी प्राइवेट लैब से कराने की सलाह दी गई। किशनलाल ने बाहर भी पता किया लेकिन कोई भी लैब बिना आधार कार्ड के जांच करने को तैयार नहीं है। इस चक्कर में शनिवार सुबह तक परिवार यूं ही भटकता रहा। सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया- मैं खुद शुक्रवार को करीब 4-5 घंटे उम्मेद अस्पताल में पीड़ित परिवार के साथ रहा। जब सोनोग्राफी होने की गुंजाइश नहीं दिखी, तब डॉ. मकवाना को फोन कर पूरी वस्तुस्थिति बताई। उन्होंने पूर्व में ऐसी जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए हरसंभव मदद का भरोसा दिया। शनिवार सुबह किशनलाल ने बताया कि डॉक्टर साहब ने पर्ची पर लिखकर दिया था, उसके बाद सोनोग्राफी कराने के लिए तैयार हुए हैं। अभी उसकी जांच हो रही है। पहले भी हो चुकी दो बार प्री-मैच्योर डिलीवरी उम्मेद अस्पताल अधीक्षक डॉ. मोहन मकवाना ने कहा- मामला मेरी जानकारी में आया है। गर्भवती महिला जैसलमेर से रेफर होकर यहां आई है, उसे पांच महीने प्रेग्नेंसी है। मेडिकल इश्यू के चलते पेशेंट की पहले भी दो बार प्रीमैच्योर डिलीवरी हो चुकी है। पहले भी 5- 6 महीने के बच्चे की प्रीमैच्योर डिलीवरी हो चुकी है। इसलिए इस बार ऐसा ना हो इसके लिए इलाज किया जा रहा है। राष्ट्रीयता या किसी डॉक्यूमेंट के कारण इलाज नहीं रोका गया है। आधार कार्ड के बिना नसबंदी नहीं करने का आरोप उम्मेद अस्पताल में जोधपुर में रह रही पाक विस्थापित गौरी को 4 दिन पहले नसबंदी के लिए भर्ती कराया गया। गौरी की जेठानी साबू ने बताया कि चार दिन भर्ती रखने के बाद अब उन्हें छुट्टी दी जा रही है । गौर के पास सिर्फ पासपोर्ट है और लॉन्ग टर्म वीजा के लिए अप्लाई किया हुआ है ष साबू 10 साल पहले भारत आ गई थी उसके पास आधार कार्ड सहित सभी दस्तावेज है। वहीं इस मामले में डॉ. मोहन मकवाना का कहना है कि ऑपरेशन को लेकर के कोई इशू नहीं । पेशेंट में हीमोग्लोबिन की कमी है इसलिए उन्हें दवाई दी गई है। कुछ समय बाद फिर आने को कहा गया है ताकि हीमोग्लोबिन सही होने पर उनका ऑपरेशन किया जा सके। पेशेंट के परिजनों को सभी चीजें समझा दी गई हैं।