दोगुने मुनाफे का झांसा, 6.75 लाख ठगे:होटल में सेमिनार कर लोगों को झांसे में लिया था, प्रोफेशनल वेबसाइट व सॉफ्टवेयर दिखाया था

दोगुने मुनाफे का झांसा, 6.75 लाख ठगे:होटल में सेमिनार कर लोगों को झांसे में लिया था, प्रोफेशनल वेबसाइट व सॉफ्टवेयर दिखाया था
जोधपुर की एक होटल में सेमिनार कर कुछ शातिरों ने वेबसाइट-सॉफ्टवेयर दिखाकर पहले निवेशकों को भरोसे में लिया। इसके बाद लाखों की ठगी कर जोधपुर स्थित ऑफिस बंद कर फरार हो गए। ऐसा ही एक पीड़ित रातानाडा थाने में एफआईआर दर्ज कराने गया लेकिन कई चक्कर लगाने के बाद भी उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। अब कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है। चांदणा भाखर राजीव गांधी कॉलोनी निावसी त्रिलोक कुमार (41) की ओर से पेश इस्तगासा-रिपोर्ट के अनुसार- मेडिकल कॉलेज चौराहा के पास स्थित होटल श्रीराम एक्सिलेंसी में आयोजित सेमिनार से उन्हें ‘ट्रेड इलेवन फायर डॉट कॉम’ के बारे में जानकारी मिली थी। इस कंपनी के संचालकों ने परिवादी सहित कई अन्य लोगों को प्रोफेशनल वेबसाइट और सॉफ्टवेयर दिखाए और निवेश करने पर दाेगुना मुनाफा मिलने का भरोसा दिया था। ऐसे रची गई ठगी की साजिश पीड़ित त्रिलोक कुमार को उनके परिचित ने कंपनी के बारे में बताया, जिसने नवंबर 2023 और फरवरी 2024 में होटल श्रीराम एक्सीलेंसी, मेडिकल चौराहा, जोधपुर में सेमिनार आयोजित किए। इनमें कंपनी के साझेदार ओमप्रकाश पुत्र सेवकराम, निवासी सिन्धी कॉलोनी, नेहरू नगर, बाड़मेर, वकील सिंह पुत्र बिकर सिंह, निवासी वार्ड नं. 15, 2-सी, वीपीओ चोहीलावाली, पीलीबंगा, तहसील हनुमानगढ़, जावेद अंसारी पुत्र मोहम्मद अलाउद्दीन अंसारी, निवासी बैरोना, देवरिया (उत्तर प्रदेश), बजरंगलाल अग्रवाल पुत्र श्यामसुंदर अग्रवाल, निवासी काकलासर, चूरू और मोहित सैनी पुत्र रामोतर सैनी, निवासी ट्यूबवैल रोड, श्यामपुर अम्बीवाला, देहरादून (उत्तराखंड) ने निवेश की गई राशि एक साल में दोगुनी करने का भरोसा दिलाया। आरोपियों ने निवेशकों को भरोसा दिलाने के लिए रातानाडा दासपा हाउस में फ्लैट नंबर 101 में कंपनी का ऑफिस भी खोला। इसी पर विश्वास करते हुए परिवादी त्रिलोक कुमार ने अलग-अलग अवसरों पर नकद और ऑनलाइन माध्यम से कुल ~6,75,000 निवेश किए, जिसकी जानकारी कंपनी पोर्टल पर भी दिखाई गई। फरार हो गए आरोपी, देशभर में फैला जाल कुछ समय तक कंपनी के साझेदारों से फोन या ऑफिस में मुलाकात होती रही, लेकिन बाद में ऑफिस बंद कर दिया गया और सभी आरोपी फरार हो गए। फोन कॉल्स का जवाब भी बंद कर दिया गया। बाद में पता चला कि इन आरोपियों ने देश के कई राज्यों में हजारों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी की है और उनके खिलाफ कई राज्यों में केस दर्ज हैं। रातानाडा थाने में दर्ज एफआईआर की जांच एएसआई राजेश कुमार को सौंपी गई है।