डॉ रवीन्द्र भारती बोले- हास्य को अश्लील नहीं होना चाहिए:भारतीय भावना को फिर स्थापित करना होगा, 'स्टैंडअप कॉमेडी' पर संस्कार भारती का हुआ विशेष संवाद सत्र

डॉ रवीन्द्र भारती बोले- हास्य को अश्लील नहीं होना चाहिए:भारतीय भावना को फिर स्थापित करना होगा, 'स्टैंडअप कॉमेडी' पर संस्कार भारती का हुआ विशेष संवाद सत्र
जयपुर के संस्कार भारती की ओर से जगतपुरा स्थित अतीतराग संग्रहालय में ‘स्टैंडअप कॉमेडी’ विषय पर विशेष संवाद सत्र का आयोजन किया गया। इसमें संस्कार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रवींद्र भारती ने कहा कि हास्य को अश्लील नहीं होना चाहिए। आज आवश्यकता है कि हास्य कला में भारतीय भावना को पुनः स्थापित किया जाए। यह संवाद सत्र 'कोलाज ऑफ किलकारी' और क्यूरियो चिल्ड्रंस थिएटर के अंतर्गत आयोजित किया गया। डॉ. भारती ने कहा- हाल के वर्षों में स्टैंडअप कॉमेडी के क्षेत्र में ऐसी प्रवृत्तियां बढ़ी हैं, जहां हास्य का आधार गाली-गलौज, यौन संकेतों, धर्म और जाति का उपहास बनता जा रहा है। यह सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक गिरावट का संकेत भी है। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि इससे युवा दर्शकों में संवेदनशीलता, सहिष्णुता और सांस्कृतिक सम्मान की भावना क्षीण हो रही है। उन्होंने बताया कि 11 अप्रैल को संस्कार भारती की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा इस विषय पर एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें हास्य को एक जिम्मेदार, गरिमापूर्ण और भारतीय परंपरा के अनुरूप कला रूप में पुनः स्थापित करने की आवश्यकता जताई गई थी। सत्र के दौरान डॉ. भारती ने युवा नाट्य प्रशिक्षणार्थियों और उनके परिजनों से संवाद किया और उन्हें यह प्रेरणा दी कि वे स्टैंडअप कॉमेडी को एक सृजनात्मक और मूल्यपरक अभिव्यक्ति का माध्यम बनाएं। उन्होंने कहा कि हास्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सामाजिक दिशा देने का भी माध्यम बन सकता है, यदि उसमें मर्यादा, संस्कृति और संवेदना समाहित हो। इस अवसर पर संस्कार भारती जयपुर प्रांत के मंत्री प्रदीप सिंह राजवत ने प्रस्ताव की प्रतियां उपस्थितजनों को वितरित कीं और उसमें उल्लिखित बिंदुओं की जानकारी दी। उन्होंने क्यूरियो चिल्ड्रंस थिएटर के प्रमुख गगन मिश्रा और अतीतराग संग्रहालय के प्रति आभार व्यक्त किया।