'जिए तो जिए ऐसे' विषय पर कांकरोली में हुई धर्मसभा:तेरापंथ भवन में मुनि मेघांश बोले- भुनभुनाते हुए नहीं गुनगुनाते हुए जिए

राजसमंद में तेरापंथ भवन नयाबाजार कांकरोली में 'जिए तो जिए ऐसे' विषय पर धर्मसभा का आयोजन किया गया। जहां जैन मुनि मेघांश ने कहा कि सांसों का आना—जाना ही जीवन नहीं होता, हर सांस को एक उद्देश्य दे, जिन सांसों को उद्देश्य नहीं मिलता वह जीवन बेमानी है। तकलीफें और संघर्ष हर एक जीवन में आते हे मगर मौसम की तरह कुछ भी परमानेंट नहीं है, हम जैसा सोचते है दुनिया वैसी ही हो जाती है।
अगर हमने सोचा कि हम दुखी हैं तो हमे कोई दुखी होने से नहीं रोक सकता, अगर हमने सोचा कि हम खुश है तो हमसे हमारी खुशियां कोई नहीं छिन सकता। हैप्पी लाइफ का एक ही मंच है जो होता है अच्छे के लिए होता है। वही मुनि सिद्धप्रज्ञ ने कहा कि श्रृष्टि में रोज हजारों लोग जन्म लेते है, जन्म लेना कोई महत्वपूर्ण बात नहीं है महत्वपूर्ण है कि हम जीवन को कैसे जिए, दुख में सुख ढूंढने वाले लोग ही जीवन को जी भर के जी सकते है। मुनि कैवल्य कुमार ने कहा लोग आते हे और चले जाते है वही लोग याद रहते है, जिन्होंने अपने जीवन में औरों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने के लिए अपना सारा जीवन समर्पित कर देते है। तेरापंथ भवन में मुनि सुरेश कुमार 14 जून तक प्रवास करेंगे, मुनि के सानिध्य में 14 जून को आचार्य तुलसी का महाप्रयाण दिवस समारोह पूर्वक मनाया जाएगा