चित्तौड़गढ़ में वन्यजीव गणना 11 जून को होगी:155 वाटर हॉल में होगी काउंटिंग, पिछले महीने बारिश के कारण किया था स्थगित

चित्तौड़गढ़ में इस साल की वन्यजीव गणना 11 जून को आयोजित की जाएगी। यह गणना बुधवार को, ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा के दिन होगी। पहले यह गणना बुद्ध पूर्णिमा यानी पिछले महीने की 12 तारीख को निर्धारित थी, लेकिन चित्तौड़गढ़ में हुई बारिश के कारण इसे एक महीने के लिए स्थगित कर दिया गया था। अब वन विभाग ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है और गणना का काम शुरू होने वाला है। गणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी और यह 12 जून की सुबह 8 बजे तक जारी रहेगी। इस दौरान 24 घंटे तक वाटर हॉल पद्धति का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें वाटर हॉल के आसपास के इलाके में वन्य जीवों की गणना की जाएगी। गणना की तैयारियां पूरी, वॉलिंटियर भी होंगे शामिल उपवन संरक्षक राहुल झांझरिया ने बताया कि हर वाटर हॉल पर दो व्यक्ति मौजूद रहेंगे, और कुछ स्थानों पर तीन व्यक्ति भी तैनात किए जा सकते हैं। इन कर्मचारियों के अलावा वन विभाग के मचान पर वॉलिंटियर भी मौजूद रहेंगे। गणना में मांसाहारी और शाकाहारी वन्य जीवों के साथ-साथ अलग-अलग प्रकार के पक्षी और रेंगने वाले जानवरों की गिनती की जाएगी। गणना में शामिल वन्य जीवों की सूची में प्रमुख मांसाहारी जानवर जैसे बघेरा, सियार, जरख, जंगली बिल्ली, लोमड़ी, भेड़िया, भालू, बिज्जू, और सियागोश हैं। शाकाहारी वन्य जीवों में चीतल, सांभर, रोजड़ा, नीलगाय, चिकारा, चोसिंगा, जंगली सुअर, सेही, और उड़न गिलहरी शामिल हैं। पक्षियों में सारस, गिद्ध, जंगली मुर्गा, मोर जैसी प्रजातियां हैं, जबकि रेंगने वाले जानवरों में मगरमच्छ, कछुआ, और सर्प प्रजातियां शामिल की जाएंगी। 155 वाटर हॉल में बनाए गए, एक्स्ट्रा ट्रेप कैमरे लगाए उपवन संरक्षक राहुल झांझरिया ने बताया कि वन्यजीवों की गणना के लिए चित्तौड़गढ़ जिले के टेरिटोरियल एरिया में कुल 68 वाटर हॉल बनाए गए हैं। इसके अलावा बस्सी सेंचुरी में 23 और सीतामाता सेंचुरी में 64 वाटर हॉल हैं। सीतामाता सेंचुरी के धरियावद रेंज में 34, जाखम में 16 और बड़ीसादड़ी रेंज में 14 वाटर हॉल बनाए गए हैं। इस तरह जिले में कुल 155 वाटर हॉल है। इन जगहों पर वन्यजीवों की निगरानी के लिए अतिरिक्त ट्रेप कैमरे भी लगाए गए हैं ताकि किसी भी जानवर की गतिविधियों को ठीक से रिकॉर्ड किया जा सके। मचान और कैमरे की तैयारी गणना के दौरान वन विभाग ने कई मचान बनाए हैं, जहां से कर्मचारियों और वॉलिंटियरों को वन्य जीवों की गतिविधियों को अच्छे से देखने और गिनने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, वन्य जीवों की गतिविधियों को और सटीक रूप से ट्रैक करने के लिए इन स्थानों पर एक्स्ट्रा ट्रेप कैमरे भी लगाए गए हैं। इन कैमरों के जरिए वन्य जीवों की गतिविधियों का रिकॉर्ड लिया जाएगा, जिससे गणना में और सटीकता लाई जा सकेगी। वन्यजीवों के लिए जरूरी है वन्यजीव गणना वन्यजीव गणना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी वन्य जीवों की संख्या का सही आंकड़ा जुटाया जा सके और साथ ही वन्य जीवों की प्रजातियों का संरक्षण और उनकी संख्या में किसी भी बदलाव का अध्ययन किया जा सके। इस गणना के जरिए विभाग यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि क्षेत्र में कौन-कौन से वन्य जीवों की संख्या में वृद्धि हो रही है और कौन सी प्रजातियां संकट में हैं।