कोविड के नए वेरिएंट से निपटने को झालावाड़ तैयार:जिले में पर्याप्त संसाधन, अभी तक कोई केस नहीं; विशेषज्ञों ने कहा- सतर्कता जरूरी

झालावाड़ जिले में कोविड की नई लहर से निपटने की पूरी तैयारी है। जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने बताया कि जिले में पहली और दूसरी लहर की तुलना में कई गुना अधिक संसाधन मौजूद हैं। सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों ने भी अपनी क्षमता बढ़ा ली है। कोटा संभाग सहित झालावाड़ में अभी तक कोई कोविड का मामला सामने नहीं आया है। चिकित्सा विभाग ने लोगों से अपील की है कि इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण वाले और विदेश यात्रा करने वाले लोगों की जांच करवाएं। विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार अब तक सामने आए मरीजों में हल्के लक्षण दिखे हैं। राष्ट्रीय सलाहकार समिति ने भी इस वेरिएंट को माइल्ड बताया है। जिले में अधिकतर लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, जिससे समुदाय में उच्च प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। देश में कोविड-19 के JN.1.8.1 और JF.7 वेरिएंट के मामले मिले हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग मास्क का उपयोग अपनी दिनचर्या में शामिल करें। बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं, फेफड़ों की बीमारी वाले मरीजों और डायबिटीज, हृदय रोग, किडनी और कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। कोविड से निपटने के लिए अस्पतालों की तैयारियां 300 ऑक्सीजन कंसंट्रेशन बैंक भी हेल्थ डिपार्टमेंट के पास
सीएमएचओ डॉ. साजिद खान ने बताया कि जिले के चिकित्सा विभाग के पास उपलब्ध संसाधनों जैसे आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन जेनरेशन साथ ही स्टोरेज भी पर्याप्त व्यवस्था है। जिले के बडे़ चिकित्सा संस्थान में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट तैयार हैं, इसमें 16 हजार किलो मेडिकल ऑक्सीजन स्टोर की जा सकती है, जो एक हजार ऑक्सीजन सिलेंडर तैयार कर देती है। साथ ही जिला अस्पताल झालरापाटन और ब्लॉक मुख्यालय के सीएचसी पर भी ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट कार्यरत हैं। इनके द्वारा आपदा के समय निर्बाधित ऑक्सीजन सप्लाई दी जा सकती है। इसके अलावा 300 ऑक्सीजन कंसंट्रेशन बैंक भी चिकित्सा विभाग के पास उपलब्ध हैं।